सुभाष रजक
महाबोधि महाविद्यालय, नालंदा ने 76वें गणतंत्र दिवस को धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया। यह कार्यक्रम महाविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के लिए गर्व और देशभक्ति का एक अनोखा अनुभव लेकर आया। झंडातोलन, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और प्रदर्शनी ने इस समारोह को खास बना दिया।
महाबोधि महाविद्यालय में झंडातोलन और राष्ट्रगान से हुई शुरुआत
Contents
- 1 महाबोधि महाविद्यालय में झंडातोलन और राष्ट्रगान से हुई शुरुआत
- 2 महाबोधि महाविद्यालय के प्रदर्शनी में छात्रों की जागरूकता पहल
- 3 खेलकूद में प्रदर्शन करने वाले छात्रों का सम्मान
- 4 सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने जीता दिल
- 5 प्रतिभाशाली छात्रों को सम्मानित किया गया
- 6 संविधान के प्रति निष्ठा का संकल्प
- 7 कार्यक्रम का संदेश और महत्व
गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत महाविद्यालय के शासी निकाय के सचिव राजेंद्र कुमार और प्राचार्य डॉ. अरविंद कुमार द्वारा झंडातोलन के साथ हुई।
झंडातोलन के बाद पूरे परिसर में राष्ट्रगान गूंज उठा, जिसने वहां उपस्थित सभी के दिलों में देशप्रेम की भावना को और गहरा कर दिया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र, शिक्षक और अभिभावक उपस्थित रहे, जिन्होंने पूरे जोश के साथ भारत के गौरवशाली गणतंत्र का उत्सव मनाया।
महाबोधि महाविद्यालय के प्रदर्शनी में छात्रों की जागरूकता पहल
इस अवसर पर महाविद्यालय के विभिन्न विभागों, जैसे भूगोल, राजनीतिक शास्त्र और अंग्रेजी विभाग ने पर्यावरण संरक्षण, जल संकट, प्रदूषण नियंत्रण और ग्लोबल वार्मिंग जैसे ज्वलंत मुद्दों पर प्रदर्शनी का आयोजन किया।
छात्रों ने अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन करते हुए आकर्षक मॉडल और पोस्टर तैयार किए। प्रदर्शनी का उद्देश्य समाज को पर्यावरणीय समस्याओं और उनके समाधान के प्रति जागरूक करना था। छात्रों ने जल संरक्षण के महत्व पर व्याख्यान दिए और प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरल लेकिन प्रभावी उपायों पर जोर दिया। उनके प्रयासों को उपस्थित लोगों ने सराहा।
खेलकूद में प्रदर्शन करने वाले छात्रों का सम्मान
गणतंत्र दिवस समारोह का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा हाल ही में आयोजित वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों का सम्मान था। खो-खो खेल में शानदार प्रदर्शन करने वाले महाबोधि बी.एड. महाविद्यालय के छात्रों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
इन छात्रों को स्थानीय सांसद कौशलेंद्र कुमार, शासी निकाय के सचिव राजेंद्र कुमार और प्राचार्य डॉ. अरविंद कुमार ने मेडल और प्रशस्ति पत्र देकर प्रोत्साहित किया। यह सम्मान समारोह छात्रों के उत्साह और प्रेरणा को बढ़ाने वाला साबित हुआ।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने जीता दिल
कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने देशभक्ति से ओत-प्रोत गीत, नृत्य और नाटकों की प्रस्तुतियां दीं, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इन प्रस्तुतियों ने भारतीय संस्कृति और विरासत की झलक दिखाने के साथ-साथ देशभक्ति की भावना को और प्रबल किया।
नाटकों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए छात्रों ने एकता, समानता और समाज में व्याप्त विभिन्न समस्याओं पर प्रकाश डाला। देशभक्ति गीतों और नृत्य ने दर्शकों को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की गौरवशाली गाथाओं की याद दिलाई।
प्रतिभाशाली छात्रों को सम्मानित किया गया
महाविद्यालय के प्रतिभाशाली छात्रों को उनकी शैक्षणिक और सह-पाठ्यक्रम उपलब्धियों के लिए प्रमाणपत्र और मेडल देकर सम्मानित किया गया। इस सम्मान ने छात्रों के आत्मविश्वास को बढ़ाया और उन्हें भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी प्रो. सुधीर कुमार वर्मा, डॉ. आनंदमूर्ति, डॉ. मुकेश कुमार, डॉ. ललन कुमार पांडे, डॉ. सुधीर कुमार और पीटीआई विकास कुमार समेत सभी शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी मौजूद रहे। इन सभी ने समारोह को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
संविधान के प्रति निष्ठा का संकल्प
कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रगान गाया गया। इसके बाद उपस्थित सभी लोगों ने संविधान के आदर्शों का पालन करने और देश की एकता, अखंडता और प्रगति में योगदान देने का संकल्प लिया।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अरविंद कुमार ने इस अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस केवल उत्सव का दिन नहीं है, बल्कि यह संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों और कर्तव्यों को समझने और उन्हें निभाने का भी दिन है। उन्होंने छात्रों से राष्ट्रनिर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की।
कार्यक्रम का संदेश और महत्व
महाबोधि महाविद्यालय का 76वां गणतंत्र दिवस समारोह न केवल एक आयोजन था, बल्कि यह शिक्षा, जागरूकता और देशभक्ति का प्रतीक भी था। सांस्कृतिक कार्यक्रमों और प्रदर्शनी ने छात्रों के विचारों और रचनात्मकता को सामने लाने का मंच दिया।
यह समारोह महाविद्यालय के सभी छात्रों और शिक्षकों के लिए प्रेरणादायक साबित हुआ। इसमें देश के प्रति सम्मान, संविधान के प्रति निष्ठा और समाज के प्रति कर्तव्य निभाने की भावना को सशक्त किया गया।
महाबोधि महाविद्यालय ने इस आयोजन के जरिए यह साबित किया कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज और राष्ट्र के निर्माण में एक अहम भूमिका निभाती है। कार्यक्रम के सफल आयोजन ने यह सुनिश्चित किया कि महाविद्यालय का हर सदस्य अपने राष्ट्र और समाज के प्रति अपने दायित्व को समझे और उसे निभाने के लिए प्रेरित हो।