संजय कुमार
बिहारशरीफ(अपना नालंदा)। राष्ट्रीय पसमांदा सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद बाबर ने रविवार को कहा कि संगठन की ओर से बिहार में पसमांदा जागरूकता सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इसकी शुरुआत पटना के फुलवारी शरीफ से होगी। उन्होंने बताया कि सभी जिलों में सम्मेलन कराने के लिए प्रदेश और जिला अध्यक्षों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
मोहम्मद बाबर ने कहा कि लंबे समय से मुसलमानों के नाम पर राजनीति होती रही है, लेकिन पसमांदा मुसलमानों के उत्थान के लिए वास्तविक प्रयास नहीं किए गए। पसमांदा का अर्थ ही है “जो पीछे छूट गए”, लेकिन उन्हें कभी आगे लाने की कोशिश नहीं की गई। समाज को लगातार भेदभाव और उपेक्षा का सामना करना पड़ा है।
उन्होंने कहा कि पसमांदा मुसलमान बिहार की मुस्लिम आबादी का लगभग 80–85% हिस्सा हैं। इसके बावजूद उन्हें उनकी संख्या के अनुपात में राजनीतिक प्रतिनिधित्व और सामाजिक-आर्थिक तरक्की शायद ही कभी मिली। अब “पसमांदा आंदोलन” इस समुदाय की नई राजनीतिक चेतना और हिस्सेदारी की मांग का प्रतीक बन चुका है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि समिति का उद्देश्य समाज को जागरूक कर शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, आर्थिक विकास और राजनीतिक हिस्सेदारी पर ध्यान केंद्रित कराना है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि पसमांदा मुसलमान अपने वोट का निर्णय स्वयं करें और जिस पार्टी से उन्हें सम्मान व हिस्सेदारी मिले, उसी को समर्थन दें।