रामनवमी शोभा यात्रा बनी आईना: पदाधिकारियों ने देखा स्मार्ट सिटी बिहारशरीफ की जमीनी सच्चाई

Written by Subhash Rajak

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संजय कुमार
बिहारशरीफ (अपना नालंदा)।रामनवमी के अवसर पर आयोजित शोभा यात्रा केवल धार्मिक आयोजन बनकर नहीं रह गई, बल्कि इस बार यह यात्रा बिहारशरीफ स्मार्ट सिटी की जमीनी हकीकत दिखाने का आईना बन गई। शोभा यात्रा के निरीक्षण के दौरान जिले के वरीय पदाधिकारियों को शहर की खस्ताहाल सड़कों और नगर व्यवस्था की वास्तविकता से रूबरू होने का अवसर मिला।

जिला मुख्यालय स्थित बिहारशरीफ में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, नगर आयुक्त, उप विकास आयुक्त, उप समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी समेत कई विभागों के वरीय अधिकारियों का आवास और कार्यालय स्थित है। आमतौर पर ये अधिकारी शीशा बंद वाहनों में शहर का भ्रमण करते हैं, जिससे उन्हें सड़कों की स्थिति या जनता की परेशानियों का सही अंदाजा नहीं हो पाता।

लेकिन 6 अप्रैल, रविवार को रामनवमी शोभा यात्रा के निरीक्षण के बहाने डीएम, एसपी और अन्य अधिकारियों को पैदल चलकर शहर के कई हिस्सों का जायजा लेने का मौका मिला। श्रम कल्याण केंद्र से शुरू हुई यह पदयात्रा रांची रोड, भराव पर, पोस्ट ऑफिस, आलमगंज, नवाब रोड होते हुए सालूगंज और बाबा मणिराम अखाड़ा तक पहुंची।

इस दौरान अधिकारियों को पहली बार अनुभव हुआ कि स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर में किए जा रहे कार्यों ने जनजीवन को कितना प्रभावित किया है। रांची रोड LIC से लेकर बजरंगबली मंदिर तक की सड़क सबसे अधिक जर्जर स्थिति में है। स्थानीय लोगों के अनुसार, इस मार्ग पर प्रतिदिन टोटो पलटना और दोपहिया वाहनों की दुर्घटना आम बात हो गई है।

भराव पर चौराहा हो या आलमगंज—सड़कें बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं। सीवर पाइप बिछाने और पानी की टंकी निर्माण के नाम पर स्मार्ट सिटी परियोजना ने सड़कों को पूरी तरह से खोद डाला है, लेकिन मरम्मत या पुनर्निर्माण की कोई सुध नहीं ली गई।

शोभा यात्रा के दौरान अधिकारियों और आम लोगों को उड़ते धूलकणों ने नगर निगम की सफाई व्यवस्था की पोल खोल दी। नवाब रोड से सालूगंज के बीच कई स्थानों पर उड़ते ब्लीचिंग पाउडर के कणों ने लोगों को नाक और मुंह ढकने को मजबूर कर दिया।

कई स्थानीय नागरिकों ने इस संवाददाता को बताया कि वरीय अधिकारियों को अब शहर की सच्चाई समझ में आई होगी। उम्मीद की जा रही है कि डीएम और नगर आयुक्त स्वयं इन सड़कों की हालत देखकर संबंधित अधिकारियों को मरम्मत और सुधार कार्यों के लिए आवश्यक निर्देश देंगे।

विशेष रूप से गलियों की स्थिति और भी चिंताजनक है, जहां सीवर निर्माण कार्य के बाद अब पैदल चलना तक मुश्किल हो गया है। यह स्पष्ट हो गया है कि स्मार्ट सिटी के नाम पर किए गए कार्यों ने लोगों की दिनचर्या को प्रभावित करने के साथ-साथ शहर की मूलभूत संरचना को भी क्षतिग्रस्त किया है।

रामनवमी शोभा यात्रा केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं रही, बल्कि इसने प्रशासन को शहर की जमीनी हकीकत का प्रत्यक्ष अनुभव करवाया। अब देखना यह होगा कि इन अनुभवों के बाद क्या वाकई बदलाव की कोई ठोस पहल होती है या यह निरीक्षण भी केवल औपचारिकता बनकर रह जाएगा।

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