अपना नालंदा संवाददाता
थरथरी। थरथरी मुख्यालय सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में शनिवार को रक्षा बंधन पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। प्रखंड क्षेत्र के थरथरी बाजार, रायपुर, कोयल विगहा, अस्ता, भतहर, करियावां, मेहत्रावां, अमेरा, सलेमपुर आदि गांवों में बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर एवं तिलक लगाकर उनकी सुख-समृद्धि और दीर्घायु की कामना की।
रक्षा बंधन को भाई-बहन के प्रेम और सुरक्षा के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। इस अवसर पर पुरोहित हरिओम पाण्डेय, बिहारी पाण्डेय और हेमंत चंद्रभानु पाण्डेय ने बताया कि रक्षाबंधन की उत्पत्ति को लेकर कई पौराणिक और ऐतिहासिक कथाएं प्रचलित हैं।

एक लोकप्रिय कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण और द्रौपदी के बीच इस त्योहार की शुरुआत हुई, जब द्रौपदी ने कृष्ण की उंगली कटने पर अपनी साड़ी का टुकड़ा बांधा था। वहीं एक अन्य कथा में देवी लक्ष्मी ने राजा बलि को राखी बांधकर भगवान विष्णु को वापस लाने का वचन लिया था।
आज के समय में रक्षा बंधन भाई-बहन के प्रेम और रक्षा के बंधन को दर्शाने वाला महत्वपूर्ण त्योहार बन गया है, जिसमें भाई अपनी बहन की आजीवन रक्षा का संकल्प लेते हैं।




