राजगीर विधानसभा में डॉ. जगदीश प्रसाद के समर्थन में जनसंपर्क अभियान तेज, गांव-गांव जाकर गिनाई जा रही हैं उपलब्धियां

Written by Subhash Rajak

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संजय कुमार
बिहारशरीफ(अपना नालंदा)। जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे विभिन्न दलों के संभावित प्रत्याशियों ने अपने-अपने क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान को तेज कर दिया है। इसी कड़ी में बुधवार को राजगीर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस आई के संभावित प्रत्याशी पद्मश्री डॉ. जगदीश प्रसाद के समर्थन में उनके समर्थकों ने एक दर्जन से अधिक गांवों का दौरा कर आम जनता से संपर्क साधा।

डॉ. प्रसाद के समर्थकों में अनिल पासवान, कमलेश पासवान, कपिल देव प्रसाद, विनोद कुमार, अरविंद पासवान, शंभू पासवान और धनंजय पांडे जैसे प्रमुख कार्यकर्ता शामिल थे, जिन्होंने हरगामा, छबीलापुर, गोगड़ी पर, ताड़ा पर, तेतरामा सहित कई गांवों में जाकर लोगों से संवाद किया।

जनसंपर्क यात्रा के दौरान समर्थकों ने डॉ. प्रसाद के द्वारा देश व राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों से जनता को अवगत कराया। लोगों से मिलते समय उन्हें बताया गया कि डॉ. प्रसाद एक प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ होने के साथ-साथ भारत सरकार के पूर्व स्वास्थ्य महानिदेशक भी रह चुके हैं। उनके अनुभव और सेवा भावना का लाभ अब राजगीर की जनता भी उठाना चाहती है।

जनसंपर्क के दौरान गांवों में लोगों ने डॉ. प्रसाद के संदेश को ध्यान से सुना, जिसमें उन्होंने कहा —

“गरीबी की कोई जात नहीं होती, विकास सबका हक होता है। बिहार में जात-पात की राजनीति बहुत हुई, अब वक्त है कि सरकारें गरीबों को केंद्र में रखकर नीति बनाएं। शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई और रोजगार हर गरीब का अधिकार है, लेकिन इन बुनियादी जरूरतों से सरकारें वर्षों से मुंह मोड़े हुए हैं। हमें अब नारा नहीं, जिम्मेदारी चाहिए।”
डॉ. प्रसाद ने यह भी कहा कि आज भी बिहार का किसान बारिश के भरोसे खेती करता है, बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिलती, बेरोजगारी के कारण युवा पलायन कर रहे हैं और गरीब इलाज के लिए कर्ज में डूब जाता है। उन्होंने साफ कहा कि यदि उन्हें मौका मिला तो वे इन समस्याओं के स्थायी समाधान की दिशा में कार्य करेंगे।

गांवों में जनसंपर्क के दौरान डॉ. प्रसाद को काफी समर्थन मिल रहा है। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार जैसे मुद्दों पर बात करते हुए बदलाव की इच्छा जाहिर की।

भावी प्रत्याशी के रूप में डॉ. जगदीश प्रसाद की छवि एक नये विकल्प के रूप में उभर रही है, और यदि इस समर्थन को संगठनात्मक मजबूती मिली तो यह चुनावी मुकाबला दिलचस्प हो सकता है।

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