हरनौत (नालंदा)। संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षाकर्मी वेतन संरचना निर्धारण और नियमित वेतन भुगतान जैसी प्रमुख मांगों को लेकर 5 फरवरी को राज्य के सभी विश्वविद्यालय मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन करेंगे। इस आंदोलन में करीब 25,000 शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी भाग लेंगे।
फैक्टनेब के अध्यक्ष डॉ. शंभुनाथ प्रसाद सिन्हा, महासचिव प्रो. राजीव रंजन, और मीडिया प्रभारी प्रो. अरुण गौतम ने बताया कि यह प्रदर्शन लंबे समय से चल रही मांगों के समर्थन में हो रहा है। 5 दिसंबर से हस्ताक्षर अभियान के रूप में शुरू हुआ यह आंदोलन अब व्यापक जन सहयोग आंदोलन का रूप ले चुका है।
आंदोलन की आगामी योजना:
- 5 फरवरी: राज्य के सभी विश्वविद्यालय मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन
- 10 से 14 फरवरी: पटना में धरना प्रदर्शन
मुख्य मांगें:
- वेतन संरचना निर्धारित कर प्रतिमाह वेतन भुगतान
- लंबित अनुदान राशि का बजटीय उपबंध सुनिश्चित करना
- स्नातक छात्रों के लिए अनुदान राशि में वृद्धि
- परीक्षा परिणाम आधारित वेतनमद सहायक अनुदान की अधिकतम सीमा समाप्त करना
पुरानी मांगों पर संघर्ष जारी
फैक्टनेब नेताओं ने बताया कि शिक्षाकर्मी पिछले चार दशकों से इन मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं। जब तक वेतन संरचना निर्धारित कर नियमित भुगतान नहीं होता, आंदोलन जारी रहेगा।
शिक्षाकर्मियों की आर्थिक स्थिति पर संकट
वर्तमान वेतन प्रणाली में 2008 में तय की गई राशि महंगाई के मद्देनजर अप्रासंगिक हो चुकी है। प्रथम श्रेणी के लिए प्रति छात्र 25,500 रुपये और प्रति छात्रा 26,100 रुपये जैसे अनुदान बढ़ाने की मांग प्रमुख है।
आंदोलन का उद्देश्य:
फैक्टनेब का यह आंदोलन शिक्षाकर्मियों के अधिकारों को सुरक्षित करने और शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।