अपना नालंदा संवाददाता
इस्लामपुर । इस्लामपुर नगर परिषद क्षेत्र के पाँच वार्ड—वार्ड नंबर 1, 2, 3, 4 और 5—जिन्हें पूर्व में वरडीह पंचायत से हटाकर नगर परिषद में शामिल किया गया था, में विगत दो वर्षों से अब तक संपत्ति कर नहीं लगाया गया है। जबकि नगर परिषद का गठन और चुनाव दो वर्ष पहले ही हो चुका है।
इन वार्डों में कर निर्धारण नहीं होने से सरकार को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। वहीं परिषद के अधिकारी और कर्मचारी इस संबंध में कोई स्पष्ट जानकारी देने में असमर्थ हैं। गौरतलब है कि नगर परिषद की मुख्य पार्षद किरण देवी का निवास भी इसी क्षेत्र (वरडीह) में है, जिससे इन वार्डों को कर निर्धारण से जानबूझकर वंचित रखने की आशंका जताई जा रही है।
जहां इन पाँच वार्डों में कर नहीं लगाया गया है, वहीं नगर के पुराने वार्डों में संपत्ति कर में दो से चार गुना तक की वृद्धि कर दी गई है। साथ ही डोर-टू-डोर कचरा उठाव शुल्क, आवासीय और व्यवसायिक संपत्तियों पर भी मनमानी दरों से वसूली की जा रही है।
जनता का आरोप है कि उनके द्वारा चुने गए वार्ड पार्षद नगर परिषद की बैठकों में जनहित के इन मुद्दों को उठाने में पूरी तरह विफल रहे हैं। इससे आम नागरिकों में भारी नाराज़गी देखी जा रही है।
प्रखंड 20 सूत्री कार्यक्रम समिति के सदस्य उजाला कुमार सोनी ने इस मामले को गंभीर बताते हुए राज्य सरकार एवं नगर विकास विभाग से मांग की है कि—
“पाँचों वार्डों में अविलंब सर्वे कराकर सभी मकानों एवं ईंट भट्ठों पर संपत्ति कर लगाया जाए, ताकि कर व्यवस्था में पारदर्शिता आए और सरकार को राजस्व की हानि न हो।”




