पसमांदा समाज ने सरकार को दी चेतावनी, कहा– अब अनदेखी नहीं चलेगी

Written by Subhash Rajak

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अपना नालंदा संवाददाता
बिहारशरीफ । बिहारशरीफ के बनौलिया मोहल्ला स्थित पूर्व मेयर प्रत्याशी वसीम अंसारी के आवास पर सोमवार को पसमांदा विचार मंच के बैनर तले एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों ने भाग लिया।

बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय मोमिन कांफ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हुमायूं अंसारी और समाजसेवी वसीम अंसारी ने संयुक्त रूप से की। वक्ताओं ने केंद्र और राज्य सरकार पर पसमांदा समाज की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘पसमांदा’ शब्द का राजनीतिक उपयोग तो खूब किया गया, लेकिन जमीनी स्तर पर इस समाज के लिए कोई ठोस कार्य नहीं किया गया।

हुमायूं अंसारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “पसमांदा समाज को यदि राजनीति में उचित सम्मान और भागीदारी नहीं दी गई, तो आने वाले विधानसभा चुनाव में सरकार को राजनीतिक नुकसान झेलना पड़ेगा।” उन्होंने आगे कहा कि अब यह समाज केवल वादों से संतुष्ट नहीं होगा, उसे हक और हिस्सेदारी दोनों चाहिए—चाहे वह राजनीतिक हो, सामाजिक हो या आर्थिक।

वसीम अंसारी ने कहा कि बिहार सरकार भी केंद्र के नक्शेकदम पर चल रही है और पसमांदा तबके को हाशिये पर रखने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि अब यह समाज अपने हक के लिए संगठित होकर आवाज बुलंद करेगा।

बैठक में यह भी तय किया गया कि जो भी राजनीतिक दल पसमांदा समाज को आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व देगा, मंच उसका समर्थन करने को तैयार रहेगा।

मौके पर उपस्थित प्रमुख व्यक्ति:
मोहम्मद निजामुद्दीन, शकील अहमद, मोहम्मद आबिद हुसैन, इकबाल अहमद अंसारी, मासूम अंसारी, इनामुलहक, काशिफ अंसारी, शाहजहां अंसारी, खुर्शीद अंसारी समेत शहर के विभिन्न इलाकों से आए सैकड़ों लोग बैठक में मौजूद रहे।

बैठक का समापन सामाजिक एकता और राजनीतिक जागरूकता को मजबूत करने के संकल्प के साथ हुआ।

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