विजय प्रकाश उर्फ पिंनु
नूरसराय (अपना नालंदा)। लोक आस्था के महापर्व चैती छठ के तीसरे दिन गुरुवार को प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न छठ घाटों पर श्रद्धालुओं ने श्रद्धा और भक्तिभाव से डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। इस दौरान छठ व्रतियों और उनके परिजनों ने पारंपरिक छठ गीतों के साथ गंगा-जमुनी संस्कृति की झलक पेश की।
सूर्य मंदिर तालाब मुजफ्फरपुर, होरला पोखर खेमन बिगहा, बारा खुर्द तालाब, पपरनौसा जगदंबा स्थान तालाब, सरवलपुर तालाब सहित कई स्थानों पर व्रतियों ने परंपरागत रीति-रिवाजों के साथ भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया।
गुरुवार की सुबह से ही व्रतियों के घरों में संध्या अर्घ्य की तैयारियाँ जोरों पर थीं। जैसे ही सूर्यास्त का समय हुआ, व्रती एवं उनके परिजन छठ दौरा सिर पर रखकर “कांच ही बांस के बहंगिया” सहित पारंपरिक गीत गाते हुए घाटों की ओर प्रस्थान करने लगे। चारों ओर छठ मइया के जयकारों और भक्ति संगीत की गूंज सुनाई दे रही थी।
छठ पर्व के शांतिपूर्ण आयोजन और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए थानाध्यक्ष रजनीश कुमार, सीओ दीपक कुमार, बीडीओ डॉ. जियाउल हक अपनी टीम के साथ घाटों पर गश्ती करते नजर आए। अधिकारियों ने घाटों पर सुरक्षा का जायजा लिया और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए आवश्यक निर्देश भी दिए।