वेतन-पेंशन नहीं तो वोट नहीं”: फैक्टनेब का सरकार को अल्टीमेटम

Written by Sanjay Kumar

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हरिओम कुमार
हरनौत (अपना नालंदा)। बिहार के लगभग 220 अनुदानित संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों में कार्यरत लगभग 25 हजार शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों को लंबे समय से वेतन और पेंशन का भुगतान नहीं किया गया है। इसी को लेकर बिहार राज्य संबद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ (फैक्टनेब) ने सरकार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र वेतन और पेंशन का भुगतान नहीं किया गया, तो आगामी विधानसभा चुनाव में वे सरकार के घटक दलों को वोट नहीं देने के लिए बाध्य होंगे।

फैक्टनेब के अध्यक्ष सह जी.डी.एम. कॉलेज, हरनौत के प्राचार्य डॉ. शंभूनाथ प्रसाद सिन्हा एवं मीडिया प्रभारी प्रो. अरुण गौतम ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह स्थिति शिक्षकों और कर्मचारियों के जीवन को संकट में डाल रही है, और सरकार का उदासीन रवैया अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।

नेताओं ने बताया कि हाल ही में संपन्न विधानमंडल सत्र के दौरान अनेक विधायक एवं विधान पार्षदों ने संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों में कार्यरत कर्मियों को परीक्षा परिणाम आधारित अनुदान के बजाय नियमित प्रतिमाह वेतन दिए जाने की मांग का समर्थन किया। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ के नारे को सार्थक बनाते हुए इन महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं कर्मचारियों के साथ न्याय किया जाए।

ज्ञात हो कि 30 अप्रैल 2025 को पटना उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए कहा था कि अनुदानित संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों में कार्यरत कर्मियों को वेतन और पेंशन का भुगतान किया जाए। इसके बावजूद अब तक इस आदेश को लागू नहीं किया गया है।

फैक्टनेब नेताओं ने बताया कि वर्तमान में पूरे राज्य में “वेतन-पेंशन भुगतान जागरूकता सभा” का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही अगस्त-सितंबर माह में पटना में एक विशाल सभा आयोजित कर “वेतन-पेंशन नहीं तो वोट नहीं” कार्यक्रम की औपचारिक घोषणा की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि आंदोलन की पूरी कार्ययोजना भी इन्हीं महीनों में घोषित की जाएगी।

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