प्राकृतिक आपदा से किसानों और गरीबों को भारी नुकसान, मृतकों के परिजनों को 25 लाख मुआवजा देने की मांग

Written by Subhash Rajak

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अपना नालंदा संवाददाता
थरथरी । गुरुवार को आए बेमौसम आंधी-तूफान और बारिश ने नालंदा जिले में भारी तबाही मचाई। इस प्राकृतिक आपदा में जिलेभर में अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि किसानों और मजदूरों को करोड़ों रुपये की क्षति हुई है।

थरथरी प्रखंड में कई गरीब परिवारों के कच्चे मकान और करकट उड़ गए, जिससे वे खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो गए हैं। खेतों में लगी गेहूं, चना, मक्का, प्याज, सब्जी और आम की फसलें नष्ट हो गई हैं, जिससे किसानों की सालभर की मेहनत पर पानी फिर गया है।

गांवों में आंधी के कारण बिजली के पोल और तार टूट गए हैं, जिससे विद्युत आपूर्ति बाधित है। नल-जल योजना भी ठप पड़ी है और पहले से खराब पड़े चापाकलों के कारण ग्रामीणों को पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।

इस बीच, अखिल भारतीय किसान महासभा के जिलाध्यक्ष मुन्नीलाल यादव और पूर्व मुखिया बखोरी प्रसाद ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर सरकार से मांग की है कि नष्ट हुई फसलों की भरपाई के लिए किसानों को प्रति एकड़ 30 हजार रुपये मुआवजा दिया जाए। साथ ही जिन गरीबों के घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें दो-दो लाख रुपये की सहायता दी जाए।

उन्होंने आंधी-बारिश और वज्रपात (ठनका) से मारे गए लोगों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये मुआवजा देने की भी मांग की है।

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