रश्मिरथी पर्व में नालंदा के साहित्यकार और बुद्धिजीवी होंगे शामिल, सात हस्तियों को मिलेगा दिनकर सम्मान

Written by Sanjay Kumar

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अपना नालंदा संवाददाता
बिहारशरीफ।राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 51वीं पुण्यतिथि पर 24 अप्रैल को पटना के बापू सभागार में आयोजित होने वाले ‘रश्मिरथी पर्व’ की तैयारियां ज़ोरों पर हैं। इस आयोजन को भव्य, ऐतिहासिक और प्रेरणादायी बनाने को लेकर रविवार को बिहारशरीफ स्थित सर्किट हाउस में एक महत्वपूर्ण बैठक व पत्रकार वार्ता आयोजित की गई।

रामधारी सिंह दिनकर स्मृति न्यास के अध्यक्ष नीरज कुमार ने बताया कि रश्मिरथी पर्व में नालंदा जिले से बड़ी संख्या में साहित्यकार, रंगकर्मी, संस्कृतिकर्मी और बुद्धिजीवी भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि यह आयोजन न केवल दिनकर जी की साहित्यिक साधना को जनमानस तक पहुंचाने का माध्यम बनेगा, बल्कि राष्ट्रीय चेतना और सांस्कृतिक मूल्यों को भी मजबूत करेगा।

मुंबई के रंगकर्मी मंचित करेंगे नाटक

कार्यक्रम की मुख्य आकर्षण में मुंबई के प्रसिद्ध रंगकर्मी मोहम्मद मुजीब खान के निर्देशन में एक नाटक का मंचन भी शामिल है। इसके साथ ही, बलवीर सिंह करुण की पुस्तक ‘सचल हिमालय दिनकर’ और केदार सिंह (दिनकर जी के पुत्र) की पुस्तक ‘थोड़ा-थोड़ा पुण्य, थोड़ा-थोड़ा पाप’ का लोकार्पण भी किया जाएगा।

दिनकर को भारत रत्न देने और ‘दिनकर सेतु’ की मांग

नीरज कुमार ने इस अवसर पर राष्ट्रकवि दिनकर को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग दोहराई और साथ ही सिमरिया घाट (दिनकर जी की जन्मभूमि) पर प्रस्तावित गंगा पुल का नाम ‘दिनकर सेतु’ रखने का प्रस्ताव भी रखा।

सात प्रतिष्ठित हस्तियों को मिलेगा ‘राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर सम्मान’

इस बार रश्मिरथी पर्व पर साहित्य, कला, संस्कृति, शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में योगदान देने वाली सात हस्तियों को ‘राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर सम्मान’ से अलंकृत किया जाएगा:

  1. डॉ. बिंदेश्वरी पाठक (पद्मविभूषण) – स्वच्छता, पर्यावरण व मानव गरिमा के लिए
  2. रामविलास पासवान (पूर्व केंद्रीय मंत्री, मरणोपरांत) – सामाजिक न्याय के क्षेत्र में
  3. आचार्य किशोर कुणाल (पूर्व IPS, पद्मश्री, मरणोपरांत) – जनकल्याण व सांस्कृतिक पुनर्जागरण
  4. डॉ. सी.पी. ठाकुर (पद्मश्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री) – जन स्वास्थ्य क्षेत्र में योगदान
  5. इम्तियाज़ अली – कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में
  6. बलवीर सिंह करुण – साहित्यिक योगदान के लिए
  7. फैसल खान – शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए

नीरज कुमार ने कहा कि “दिनकर केवल एक कवि नहीं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा की आवाज़ थे।” उनका साहित्य राष्ट्रवाद, सामाजिक न्याय और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का सशक्त माध्यम है, जो आज भी प्रासंगिक और प्रेरणादायी है।

इस अवसर पर न्यास के सदस्य नरेंद्र कुमार शर्मा, रूपेश कुमार, सचिव परीक्षित नारायण, सुरेश कुमार सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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