विजय प्रकाश उर्फ पिन्नु
नूरसराय (अपना नालंदा)।श्रावण मास में बाबा बैद्यनाथ धाम, देवघर की ओर जाने वाले लाखों कांवरियों के लिए बांका जिले के कटोरिया में नालंदा जिला कांवरिया सेवा शिविर जीवनदान बनकर उभरा है। यह सेवा शिविर नालंदा के चर्चित समाजसेवियों अरविंद कुमार सिन्हा और प्रदीप कुमार के नेतृत्व में 11 जुलाई से 9 अगस्त तक संचालित हो रहा है, जिसमें अब तक कई राज्यों के लाखों श्रद्धालुओं को निःशुल्क सेवा दी जा चुकी है।
इस सेवा शिविर में कांवरियों के ठहरने, चाय-नाश्ते, जूस, दो समय के भोजन, प्राथमिक चिकित्सा, भक्ति जागरण और आध्यात्मिक वातावरण की समुचित व्यवस्था की गई है। सेवा के इस महायज्ञ में प्रतिदिन हजारों कांवरियों का स्वागत, सेवा और सत्कार किया जा रहा है।
शिविर के आयोजक अरविंद कुमार सिन्हा ने बताया कि, “महादेव की कृपा से ही हमें यह सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। भक्ति का असली रूप तब प्रकट होता है जब हम दूसरों के लिए समर्पण करें। यह शिविर जाति, धर्म या वर्ग के भेदभाव से परे सभी कांवरियों को समान सेवा देने का प्रयास करता है, यही समरसता इस युग की सच्ची भक्ति है।”

वहीं शिविर के सह-आयोजक प्रदीप कुमार ने जानकारी दी कि यह सेवा शिविर वर्ष 2010 से हर साल सावन माह में बिना किसी स्वार्थ के संचालित किया जा रहा है, और प्रत्येक वर्ष श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के बावजूद सेवा की गुणवत्ता और भावना पहले से कहीं अधिक मजबूत होती जा रही है। उन्होंने कहा कि यह शिविर सिर्फ विश्राम स्थल नहीं, बल्कि भक्ति, अपनापन और एकजुटता का संगम बन गया है।
समाजसेवी अरविंद सिन्हा अपने पुत्र प्रवीण कुमार, पत्नी गुड़िया देवी, और प्रदीप कुमार अपने परिवार के साथ मिलकर वर्षों से इस सेवा में लगे हैं। इस पवित्र कार्य में अनेक सहयोगी अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं, जिनमें प्रमुख रूप से—
इंद्रमणि प्रसाद, अमन सिंह, शिशुपाल साहनी, मनीष प्रकाश, लड्डू जी, सिंटू सिंह, रणवीर सिंह, निशिकांत कुमार, सूरज कुमार, नितीश कुमार, कुमार जितेंद्र, राकेश मुखिया, विकास कुमार, मिथुन कुमार सिंह, कुश कुमार, अमृता कुमारी, टिंकू कुमार, लव कुमार, कमलेश प्रसाद उर्फ सिपाही जी, मुन्ना सिंह, चिक्कू सिंह और ऋषिकेश कुमार शामिल हैं।
यह सेवा शिविर सावन के पावन अवसर पर न केवल कांवरियों के लिए एक राहत स्थल है, बल्कि यह सेवा और भक्ति की मिसाल पेश कर रहा है, जो आने वाले वर्षों तक समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।