Latest Nalanda News (Apna Nalanda) | पढ़ें 31 जनवरी 2025 का टॉप न्यूज अपना नालंदा पर !

Written by Subhash Rajak

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दैनिक जनता दरबार: जिलाधिकारी ने सुनी जनता की फरियाद, मौके पर दिए समस्या समाधान के निर्देश

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नालंदा जिले के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने आज आयोजित दैनिक जनता दरबार में आम जनता की समस्याएँ सुनीं और त्वरित समाधान के लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

जनता दरबार में कुल 23 आवेदकों ने अपनी परेशानियाँ जिलाधिकारी के समक्ष रखीं, जिनमें भूमि विवाद, सरकारी योजनाओं का लाभ न मिलना, पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता और अन्य नागरिक समस्याएँ शामिल थीं।

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यात्री पड़ाव निर्माण विवाद – सड़क बंद होने की शिकायत पर जांच के आदेश

एक आवेदक ने यात्री पड़ाव निर्माण को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य के कारण रास्ता पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है, जिससे स्थानीय लोगों और यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है। इस पर जिलाधिकारी ने तुरंत अनुमंडल पदाधिकारी, बिहारशरीफ को जाँच कर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

इंदिरा आवास योजना में अनदेखी – जिलाधिकारी ने दिए कड़े निर्देश

एक अन्य आवेदक ने शिकायत की कि उसे अब तक इंदिरा आवास योजना का लाभ नहीं मिला है, जबकि उसके गाँव के अन्य लाभार्थियों को मकान मिल चुके हैं। यह सुनते ही जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई और तत्काल उप विकास आयुक्त, नालंदा को निर्देश दिया कि आवेदक के मामले की पड़ताल कर जल्द से जल्द उचित कार्रवाई करें, ताकि कोई पात्र व्यक्ति वंचित न रहे।

बरहोग गाँव में भूमि बंटवारे का विवाद – थाना और अंचल अधिकारी को तलब किया

बरहोग गाँव के एक आवेदक ने बताया कि उनका भूमि बंटवारे का मामला वर्षों से लंबित पड़ा है और कोई निष्कर्ष नहीं निकल रहा। इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने अंचल अधिकारी, बिंद एवं थानाध्यक्ष, बिंद को निर्देश दिया कि वे इस विवाद को प्राथमिकता के आधार पर हल करें और पीड़ित को न्याय दिलाएँ।

मंदिलपुर गाँव में फसल नष्ट करने की घटना – पुलिस अधीक्षक को दिए त्वरित कार्रवाई के आदेश

सबसे सनसनीखेज मामला मंदिलपुर गाँव से आया, जहाँ एक किसान ने शिकायत की कि कुछ दबंग लोग उनकी फसल पर जहरीली दवा छिड़ककर उसे बर्बाद कर रहे हैं। किसान ने यह भी बताया कि उसने इस मामले की शिकायत स्थानीय थाना में दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

इस पर जिलाधिकारी ने गहरी नाराजगी जताते हुए पुलिस अधीक्षक, नालंदा को निर्देश दिया कि मामले की गहन जांच कर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करें, ताकि किसान को न्याय मिले और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई हो।

जनता दरबार में उठी अन्य समस्याएँ – सभी को मिला त्वरित समाधान का भरोसा

इसके अलावा कई अन्य आवेदकों ने भी विभिन्न समस्याओं को लेकर गुहार लगाई, जिनमें सड़क निर्माण, बिजली कनेक्शन, वृद्धावस्था पेंशन, सरकारी योजनाओं में धांधली, अतिक्रमण और राशन वितरण में गड़बड़ी जैसी शिकायतें शामिल थीं। जिलाधिकारी ने इन सभी मामलों को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी समस्याओं का शीघ्र समाधान सुनिश्चित करें।

जनता दरबार बना जनता की उम्मीदों का केंद्र

दैनिक जनता दरबार में जिलाधिकारी शशांक शुभंकर की सक्रियता और त्वरित निर्देशों ने जनता में एक नई उम्मीद जगाई है। लोगों को भरोसा हो रहा है कि अब उनकी आवाज सुनी जा रही है और उनके हक के लिए प्रशासन गंभीरता से काम कर रहा है।

अब देखना यह होगा कि जिलाधिकारी द्वारा दिए गए निर्देशों का कितना प्रभाव पड़ता है और किस हद तक जनता की समस्याएँ वास्तव में हल हो पाती हैं। प्रशासन की सक्रियता ने लोगों में विश्वास तो बढ़ाया है, लेकिन असली परीक्षा उन अधिकारियों की होगी, जिन्हें इन मामलों का समाधान करना है। क्या आम जनता को उनका हक मिलेगा, या फिर फाइलें उसी तरह धूल फांकती रहेंगी? इसका जवाब आने वाले दिनों में मिलेगा।


नालंदा: जिलाधिकारी ने समीक्षा बैठक में दिए सख्त निर्देश, शहर को स्वच्छ और अतिक्रमण मुक्त बनाने पर जोर

नालंदा, 31 जनवरी 2025: नालंदा जिले के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर की अध्यक्षता में आज एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें सभी विभागों के कार्यालय प्रमुखों ने भाग लिया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य शहर की स्वच्छता, सौंदर्यीकरण, अवैध अतिक्रमण हटाने और बुनियादी ढांचे के विकास पर व्यापक समीक्षा करना था। जिलाधिकारी ने बैठक में सख्त निर्देश देते हुए कहा कि सरकारी कार्यालयों और शहर की प्रमुख सड़कों को अतिक्रमण मुक्त, स्वच्छ और व्यवस्थित बनाया जाए।

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सरकारी कार्यालयों के बाहर से अतिक्रमण हटाने के सख्त निर्देश

बैठक में बिजली विभाग, शिक्षा विभाग, पशुपालन विभाग, अग्निशमन विभाग सहित सभी सरकारी कार्यालयों के बाहर के हालात पर चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि कई कार्यालयों के बाहर अवैध अतिक्रमण, कूड़े-कचरे और बेतरतीब लटके बिजली के तारों की वजह से न केवल आमजन को परेशानी होती है, बल्कि सरकारी प्रतिष्ठानों की छवि भी धूमिल होती है। उन्होंने निर्देश दिया कि:
अतिक्रमण हटाने का अभियान तुरंत चलाया जाए।
बिजली के झूलते तारों को व्यवस्थित किया जाए।
बाउंड्री वॉल की आकर्षक पेंटिंग कर कार्यालयों को सौंदर्यपूर्ण बनाया जाए।
✔ कार्यालयों के बाहर कचरा न जमा होने दिया जाए और नियमित सफाई सुनिश्चित की जाए।

नगर आयुक्त को निर्देश – स्मार्ट सिटी योजना को मिले गति

नगर आयुक्त को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने स्मार्ट सिटी योजना के कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि:
सड़क और नाला निर्माण कार्य शीघ्र पूरा किया जाए, ताकि लोगों को जलजमाव और जाम की समस्या से मुक्ति मिले।
शहर के सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए – फुटपाथों को व्यवस्थित किया जाए, पेड़-पौधे लगाए जाएं और मुख्य मार्गों पर खूबसूरत लाइटिंग की व्यवस्था की जाए।
पाथवे (पैदल पथ) के निर्माण कार्य में तेजी लाकर लोगों को सुगम आवागमन की सुविधा दी जाए।

अवैध अतिक्रमण और निर्माण सामग्रियों पर होगी कार्रवाई

जिलाधिकारी ने कड़े शब्दों में कहा कि सड़क किनारे रेत, ईंट, गिट्टी, मिट्टी का अवैध ढेर जमा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने साफ कहा कि:
📌 सभी अवैध निर्माण सामग्री को तुरंत हटाया जाए।
📌 सड़क किनारे हो रहे अतिक्रमण को हर हाल में हटाया जाए।
📌 जो लोग बिना अनुमति के होर्डिंग और पंपलेट लगाते हैं, उन्हें चिन्हित कर आर्थिक दंड सहित कानूनी कार्रवाई की जाए।

शहर को मिलेगा नया रूप – सड़क संकेतक और साइनेज अनिवार्य

बैठक में कार्यपालक अभियंता (आरसीडी/आरडब्लूडी) को निर्देश दिया गया कि शहर में सभी प्रमुख सड़कों पर रोड मार्किंग और साइनेज (संकेतक) लगाना अनिवार्य किया जाए। इससे राहगीरों को आवागमन में आसानी होगी और दुर्घटनाओं में कमी आएगी।

कार्यालय प्रमुखों को चेतावनी – गंदगी बर्दाश्त नहीं होगी

जिलाधिकारी ने सभी कार्यालय प्रमुखों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि सरकारी दफ्तरों में गंदगी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी कार्यालयों को:
✔ साफ-सुथरा और सुंदर बनाए रखें।
✔ कार्यालय परिसर के बाहर कचरा या अतिक्रमण न होने दें।
✔ नियमित सफाई सुनिश्चित करें।

बैठक में शामिल अधिकारी

इस महत्वपूर्ण बैठक में नगर आयुक्त, उप विकास आयुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी, विशेष कार्य पदाधिकारी (गोपनीय शाखा) सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

अब क्या होगा?

इस समीक्षा बैठक के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि दिए गए निर्देशों को जमीनी स्तर पर कितना लागू किया जाता है। क्या सरकारी कार्यालयों के बाहर की तस्वीर बदलेगी? क्या अवैध अतिक्रमण पर सच में कार्रवाई होगी? क्या स्मार्ट सिटी योजना से नालंदा का स्वरूप निखरेगा? ये सभी सवाल आने वाले दिनों में जनता के सामने स्पष्ट हो पाएंगे।


टीएलएम मेले में बच्चों ने मनोरंजन के साथ सीखी नई चीजें, शैक्षणिक प्रोजेक्ट्स ने खींचा सबका ध्यान

हिलसा (नालंदा), 31 जनवरी 2025 – शिक्षा जब खेल और मनोरंजन के माध्यम से दी जाती है, तो उसका प्रभाव गहरा और स्थायी होता है। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए रामचंद्र गुप्ता कन्या उच्च विद्यालय के प्रांगण में टीएलएम (टीचिंग लर्निंग मैटेरियल) मेला का आयोजन किया गया। इस मेले में जिले के विभिन्न स्कूलों के शिक्षकों और छात्रों ने अपने रचनात्मक शैक्षणिक प्रोजेक्ट्स का प्रदर्शन किया। बच्चों की जिज्ञासा और उत्साह को देखते हुए यह मेला किसी शैक्षिक उत्सव से कम नहीं लगा।

कार्यक्रम का शुभारंभ समाजसेवी डा. आशुतोष कुमार मानव और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (बीईओ) नीतेश कुमार रंजन ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। उद्घाटन समारोह के दौरान, उपस्थित अतिथियों ने आठ विद्यालयों द्वारा प्रस्तुत दर्जनों प्रोजेक्ट्स का अवलोकन किया और उनकी सराहना की।

मनोरंजन के साथ बच्चों में जगी सीखने की ललक

बीईओ नीतेश कुमार रंजन ने अपने संबोधन में कहा कि बच्चे जब खेल-खेल में सीखते हैं, तो वे न केवल तेजी से नई चीजें समझते हैं, बल्कि उनका बौद्धिक और रचनात्मक विकास भी होता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के मेलों से बच्चों के अंदर नई चीजों को जानने और समझने की ललक बढ़ती है, जिससे उनकी शिक्षा में गुणवत्ता आती है।

उन्होंने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षा को मनोरंजक और प्रयोगात्मक बनाना समय की मांग है। इस प्रकार के शैक्षणिक मेलों से बच्चों को व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त होता है, जिससे वे किताबों से बाहर निकलकर वास्तविक दुनिया को समझने लगते हैं।

क्यों खास था यह टीएलएम मेला?

टीएलएम मेले में कई ऐसे प्रोजेक्ट्स प्रस्तुत किए गए, जो बच्चों को जटिल विषयों को सरल और मजेदार तरीके से समझाने में सहायक साबित हुए। खासतौर पर सौर ऊर्जा, वर्षा जल संचय, उर्दू और अंग्रेज़ी पाठ्यक्रम, गिनती, स्वर-व्‍यंजन, व्याकरण जैसे विषयों पर आधारित प्रोजेक्ट्स ने सबका ध्यान खींचा।

समाजसेवी डा. आशुतोष कुमार मानव ने कहा कि यह देखकर बेहद खुशी हो रही है कि बच्चे अब पारंपरिक पढ़ाई के बजाय प्रयोगात्मक और अनुभवात्मक शिक्षा की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब बच्चे खुद प्रोजेक्ट बनाते हैं और उसे समझाते हैं, तो उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता है

बच्चों और शिक्षकों के लिए प्रेरणादायक रहा आयोजन

इस कार्यक्रम में शिक्षकों की मेहनत और बच्चों की रचनात्मकता साफ झलक रही थी। बीईओ श्री रंजन ने भाग लेने वाले सभी शिक्षकों को प्रोत्साहित किया और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों का विशेष रूप से हौसला बढ़ाया

उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों को स्कूलों में लगातार किया जाना चाहिए, ताकि बच्चे किताबों से इतर भी सीखने की प्रक्रिया में संलग्न रह सकें।

कार्यक्रम में कौन-कौन रहा शामिल?

इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाध्यापिका रेणु कुमारी, बीपीएम संजीत कुमार, कौशल कुमार, देवकांत कुमार, सुचेता कुमारी, आदित्य कश्यप, कौशल्या कुमारी, अमरेन्द्र कुमार सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

अब क्या आगे?

टीएलएम मेला एक दिन का आयोजन था, लेकिन इसकी गूंज लंबे समय तक बनी रहेगी। बच्चों में सीखने की नई ललक और शिक्षकों की मेहनत ने यह साबित कर दिया कि अगर शिक्षा को रोचक बनाया जाए, तो कोई भी विषय मुश्किल नहीं रह जाता। अब देखना होगा कि इस तरह के शैक्षणिक नवाचारों को अन्य विद्यालयों में भी कितना अपनाया जाता है और बच्चों की शिक्षा को और प्रभावी बनाने के लिए कौन-कौन से नए कदम उठाए जाते हैं

TLM Mela

नालंदा ब्लड ग्रुप द्वारा भव्य क्विज प्रतियोगिता: 1000 से अधिक छात्र लेंगे भाग, विजेता को मिलेगा शानदार इनाम

बिहार शरीफ: बिहार के शैक्षणिक माहौल में ज्ञान की अलख जगाने के उद्देश्य से नालंदा ब्लड ग्रुप ने एक भव्य क्विज प्रतियोगिता आयोजित करने की घोषणा की है। यह प्रतियोगिता न केवल छात्रों के बौद्धिक कौशल को निखारेगी, बल्कि उनमें प्रतिस्पर्धा की भावना भी विकसित करेगी।

23 फरवरी को होगा आयोजन, 1000 से अधिक छात्रों की होगी भागीदारी
इस क्विज प्रतियोगिता का आयोजन 23 फरवरी को किया जाएगा, जिसमें 1000 से अधिक छात्र-छात्राएं भाग लेने के लिए तैयार हैं। यह प्रतियोगिता कक्षा 1 से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए आयोजित की जा रही है। आयोजन समिति के अनुसार, अब तक 200 से अधिक छात्रों ने अपना रजिस्ट्रेशन पूरा कर लिया है और यह संख्या लगातार बढ़ रही है।

टॉपर्स के लिए शानदार इनाम: 10,000 रुपये तक का पुरस्कार
इस क्विज प्रतियोगिता में शानदार पुरस्कारों की घोषणा की गई है:

प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विजेता को ₹10,000 नगद, शील्ड और मेमेंटो मिलेगा।
द्वितीय स्थान पर आने वाले छात्र को ₹5000 का इनाम दिया जाएगा।
तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले को ₹2500 का इनाम मिलेगा।

इसके अलावा, शीर्ष 15 छात्र केबीसी की तर्ज पर 20 सवालों के जवाब देकर फाइनल राउंड में विजेता बनने का अवसर पाएंगे।

टाउन हॉल में होगा भव्य पुरस्कार वितरण समारोह
प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित करने के लिए एक विशेष पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया जाएगा, जो कि बिहार शरीफ के टाउन हॉल में होगा। इसमें शिक्षाविदों, समाजसेवियों और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रहेगी।

70% प्रश्नों का मिलेगा पीडीएफ गाइड, 30% सवाल होंगे चैलेंजिंग
प्रतियोगिता से 2-3 दिन पहले छात्रों को एक पीडीएफ गाइड प्रदान की जाएगी, जिसमें से 70% प्रश्न पूछे जाएंगे। शेष 30% प्रश्न प्रतियोगिता के बाहर से होंगे, ताकि छात्रों की वास्तविक बुद्धिमत्ता को परखा जा सके।

जल्द करें रजिस्ट्रेशन, सीमित सीटें उपलब्ध
प्रतियोगिता में भाग लेने के इच्छुक छात्र जल्द से जल्द अपना फॉर्म भर लें, क्योंकि सीमित सीटों की उपलब्धता के कारण फॉर्म जल्दी ही भर सकते हैं। कई स्कूलों के छात्र इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए उत्साहित हैं, जिससे प्रतियोगिता और भी रोमांचक होने वाली है।

रजिस्ट्रेशन के लिए संपर्क करें: नालंदा ब्लड ग्रुप की टीम के किसी भी सदस्य से संपर्क करके फॉर्म प्राप्त किया जा सकता है।

तो देर किस बात की? अपने ज्ञान का प्रदर्शन करें, खुद को परखें और शानदार पुरस्कार जीतने का मौका पाएं!


महिला स्वास्थ्य के लिए हरी सब्जी और साग क्यों हैं आवश्यक? जानिए विशेषज्ञों की राय

नूरसराय (नालंदा)। स्वस्थ जीवनशैली और पोषण की महत्ता को ध्यान में रखते हुए नालंदा उद्यान महाविद्यालय, नूरसराय में शुक्रवार को “पोषक वाटिका” विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस विशेष कार्यक्रम में दरुआरा गाँव की 40 गृहणियों को पोषक वाटिका से जुड़ी अहम जानकारियाँ दी गईं, ताकि वे अपने घरों में पोषणयुक्त हरी सब्जियाँ उगा सकें और संतुलित आहार से अपने परिवार को कुपोषण से बचा सकें।

 पोषक वाटिका

परिवार की पोषण संरचना में महिलाओं की अहम भूमिका

कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रणधीर कुमार ने कहा कि,
“यदि परिवार को स्वस्थ रखना है, तो महिलाओं को अपने आहार और खान-पान की आदतों में बदलाव लाना होगा। महिलाएँ न केवल अपने लिए बल्कि अपने पूरे परिवार के लिए भोजन तैयार करती हैं, इसलिए उनका पोषण संबंधी जागरूक होना बेहद आवश्यक है।”

उन्होंने बताया कि हरी सब्जियाँ जैसे पालक, मेथी, बथुआ, सरसों और अन्य साग-सब्जियों का नियमित सेवन महिलाओं में खून की कमी, कमजोरी और ऑक्सीजन की कमी जैसी समस्याओं से बचाने में मदद करता है।

दरुआरा गाँव में स्वास्थ्य शिविर: चौंकाने वाले आँकड़े

महाविद्यालय ने दरुआरा गाँव को गोद लिया है, जहाँ हाल ही में एक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया था। इस शिविर में सैकड़ों महिलाओं की ब्लड टेस्ट और ऑक्सीजन स्तर की जाँच की गई।
परिणाम चौंकाने वाले थे— 80% महिलाओं में ऑक्सीजन स्तर सामान्य से कम पाया गया, और अधिकांश महिलाओं में हीमोग्लोबिन की भी कमी दर्ज की गई।

इस alarming रिपोर्ट के बाद महाविद्यालय ने गाँव की निगरानी और पोषण सुधार के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं।

गृहणियों को मिली प्रशिक्षण और संसाधन

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिलाओं को न केवल पोषण वाटिका के महत्व को समझाया गया, बल्कि उन्हें वर्मीकम्पोस्ट और हरी सब्जियों के बीज भी वितरित किए गए, ताकि वे अपने घरों में किचन गार्डन बना सकें।

वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक विनोद कुमार ने इस दौरान कहा,
“अगर महिलाएँ अपने घर में ताजी हरी सब्जियाँ उगाएंगी, तो वे न केवल स्वस्थ रहेंगी, बल्कि उनके परिवार के सदस्य भी कुपोषण जैसी बीमारियों से दूर रहेंगे।”

उन्होंने बताया कि बाजार में मिलने वाली सब्जियों में मिलावट और हानिकारक रसायनों की मौजूदगी होती है, जो स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालती हैं। ऐसे में घर में उगाई गई सब्जियाँ सबसे अच्छा विकल्प साबित हो सकती हैं।

विशेषज्ञों ने दी पोषण से जुड़ी अहम जानकारियाँ

इस अवसर पर वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक सरदार सुनील सिंह, डॉ. आलोक कुमार, डॉ. सीमा, डॉ. माला, डॉ. संजय कुमार, डॉ. संतोष चौधरी, डॉ. सोलंकी नागमणि और कुंजबिहारी सहित कई अन्य विशेषज्ञों ने महिलाओं को पोषण संबंधी महत्वपूर्ण बातें बताईं।

कार्यक्रम के अंत में सभी महिलाओं को पोषक वाटिका विकसित करने की शपथ दिलाई गई और उन्हें जागरूकता फैलाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम महिलाओं के पोषण और स्वास्थ्य सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जब महिलाएँ खुद स्वस्थ होंगी, तभी वे अपने परिवार को भी स्वस्थ रख पाएँगी।
यदि आप भी अपने परिवार के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर हैं, तो हरी सब्जियों को अपने आहार में जरूर शामिल करें और किचन गार्डन विकसित करने की पहल करें!


2 फरवरी 2025 को बिहारशरीफ में होगा नालंदा-नवादा का संयुक्त जनसमागम, सत्ता परिवर्तन की दिखेगी झलक

बिहारशरीफ। बिहार में राजनीतिक हलचल तेज होती जा रही है, और इसी कड़ी में 2 फरवरी 2025 को बिहारशरीफ के टाउन हॉल में एक महत्वपूर्ण संयुक्त जनसमागम आयोजित होने जा रहा है। इस सभा में नालंदा और नवादा जिले की जनता की आवाज बुलंद होगी, जहाँ समाज के विभिन्न तबकों से जुड़े सैकड़ों कार्यकर्ता और नेता एक मंच पर जुटेंगे।

यह जनसमागम केवल एक सभा नहीं, बल्कि 9 मार्च 2025 को पटना के गांधी मैदान में होने वाले “बदलो बिहार महाजुटान” की तैयारी का एक बड़ा पड़ाव माना जा रहा है। इस आयोजन का उद्देश्य उन सभी वर्गों को एकजुट करना है, जो सरकार की नीतियों से प्रभावित हैं और बदलाव चाहते हैं

कौन होंगे इस जनसमागम के मुख्य चेहरे?

इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में भाकपा-माले के बिहार राज्य सचिव कुणाल, फुलवारी विधायक गोपाल रविदास और पालीगंज विधायक संदीप सौरभ मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहेंगे। इनके अलावा विभिन्न आंदोलनों से जुड़े प्रमुख नेता और कार्यकर्ता भी अपनी बात रखेंगे।

जनसमागम में किन मुद्दों पर होगी चर्चा?

भाकपा-माले के बिहार राज्य कमेटी सदस्य और नालंदा जिला सचिव सुरेंद्र राम ने इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि इस जनसमागम में आशा कार्यकर्ता, जीविका दीदी, आंगनबाड़ी सेविका, विद्यालय रसोइया, मनरेगा मजदूर, फुटपाथ दुकानदार, ठेला चालक, सफाई कर्मी, छात्र-युवा, बेरोजगार और किसान संगठनों से जुड़े कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल होंगे।

उन्होंने कहा कि बिहार में हत्या, लूट, बलात्कार जैसी घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई हैसासाराम के कांग्रेस सांसद मनोज राम और फुलवारीशरीफ के भाकपा-माले विधायक गोपाल रविदास पर हुए हमले को उन्होंने सत्ता संरक्षित अपराधियों की कायराना हरकत करार दिया और इसकी कड़ी निंदा की।

क्या बिहार की जनता बदलाव के मूड में है?

सुरेंद्र राम ने दावा किया कि बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है और डबल इंजन की सरकार को हटाने के मूड में है। उन्होंने कहा कि जनता के असली मुद्दों से भटकाने की राजनीति अब ज्यादा दिनों तक नहीं चलने वाली

उन्होंने आगे कहा कि इस जनसमागम के जरिए बिहार की जनता को एक नई दिशा देने की कोशिश की जाएगी। मजदूर, किसान, नौजवान, महिलाएँ और वंचित वर्ग के लोग अपने हक और अधिकारों के लिए इस मंच से एक मजबूत आवाज उठाएँगे।

“बदलाव की लहर को और मजबूत करेगा यह जनसमागम”

जनसमागम को लेकर बिहार के राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। क्या यह आयोजन 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले किसी बड़े बदलाव की आहट दे रहा है? क्या बिहार में विरोधी दलों का गठजोड़ और मजबूत होने जा रहा है?

इन सवालों के जवाब तो आने वाले समय में मिलेंगे, लेकिन इतना तय है कि 2 फरवरी 2025 को बिहारशरीफ में होने वाला यह जनसमागम राजनीतिक माहौल को नई दिशा देने का काम करेगा


बिहारशरीफ में मासूम के गले से सोने का लॉकेट छीनने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार, पुलिस ने 24 घंटे में किया गिरफ्तार !

बिहारशरीफ। अपराधी चाहे कितने भी शातिर क्यों न हों, कानून के लंबे हाथों से बच नहीं सकते। बिहारशरीफ के लहेरी थाना क्षेत्र में दिनदहाड़े मासूम बच्चे के गले से सोने का लॉकेट छीनने वाले तीन अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस पूरे मामले का पर्दाफाश पुलिस की तेज कार्रवाई और तकनीकी जांच के चलते महज 24 घंटे के भीतर हो गया, जिससे इलाके में पुलिस की तत्परता की सराहना की जा रही है।

कैसे हुई वारदात?

घटना 25 जनवरी 2025 को शाम 3:00 बजे की है, जब लहेरी थाना क्षेत्र स्थित महिला कॉलेज, नालंदा के पास रविरंजन कुमार अपने छह वर्षीय बेटे के साथ पैदल जा रहे थे। अचानक, घात लगाकर बैठे तीन अज्ञात अपराधी आए और बच्चे के गले से सोने का लॉकेट छीनकर फरार हो गए।

मासूम बच्चे की चीख-पुकार सुनकर राहगीरों ने अपराधियों को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वे तेज रफ्तार में भाग निकले। इस घटना के बाद पीड़ित परिवार सदमे में आ गया और तुरंत लहेरी थाना पहुंचकर इसकी शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस की मुस्तैदी और 24 घंटे में खुलासा

शिकायत के आधार पर लहेरी थाना कांड संख्या-45/25, दिनांक 26.01.2025 को धारा 379(2) भा.दं.सं. के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई।

पुलिस ने CCTV फुटेज, तकनीकी साक्ष्य और गुप्त सूचना तंत्र के जरिए आरोपियों की पहचान कर तेजी से छापेमारी अभियान शुरू कर दिया। इसी का नतीजा था कि महज 24 घंटे के भीतर तीनों अपराधी पुलिस की गिरफ्त में आ गए।

आरोपियों की कुबूलनामा और चोरी के लॉकेट की बरामदगी

गिरफ्तार होने के बाद आरोपियों से पूछताछ की गई, जिसमें उन्होंने अपराध स्वीकार कर लिया। पूछताछ के दौरान यह खुलासा हुआ कि चोरी का लॉकेट स्थानीय स्वर्णकार गणेश कुमार को बेच दिया गया था।

पुलिस ने गणेश कुमार को भी गिरफ्तार कर उसके पास से सोने का लॉकेट बरामद कर लिया।

गिरफ्तार आरोपी कौन हैं?

  1. मो. समीर (21 वर्ष), निवासी सूफीनगर, थाना बिहार।
  2. मो. अरमान उर्फ मन्ना (19 वर्ष), निवासी कटरा पर, थाना बिहार।
  3. मो. शमशेर (20 वर्ष), निवासी बॉस दरवाजा, थाना लहेरी।
  4. गणेश कुमार खत्री (26 वर्ष), निवासी पंडित गली, थाना लहेरी। (स्वर्णकार, जिसने चोरी का लॉकेट खरीदा था)

क्या बरामद किया गया?

एक सोने का लॉकेट (जो पीड़ित बच्चे के गले से छीना गया था)।

पुलिस की छापेमारी टीम

  1. पु. अ. नि. सर्वेश कुमार
  2. परी. पु. अ. नि. चंदन कुमार
  3. सिपाही संदीपक कुमार (426)
  4. सिपाही पिंटू कुमार (453)

क्या अपराधियों का कोई पुराना आपराधिक रिकॉर्ड है?

पुलिस अब गिरफ्तार आरोपियों के आपराधिक इतिहास की जांच कर रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि क्या ये पहले भी लूट और चोरी जैसी घटनाओं में शामिल रहे हैं।

इलाके में पुलिस की बढ़ी साख, लोगों में बढ़ी सुरक्षा की उम्मीद

इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है। तेज कार्रवाई और 24 घंटे के अंदर गिरफ्तारी ने पुलिस की मुस्तैदी को साबित किया है।

अब सवाल यह उठता है कि क्या बिहारशरीफ में इस तरह की घटनाओं पर पूरी तरह से लगाम लगेगी? क्या आम लोग खुद को सुरक्षित महसूस कर पाएंगे? पुलिस की कार्रवाई ने अपराधियों में खौफ जरूर पैदा किया है, लेकिन आगे भी ऐसी सतर्कता जारी रहनी चाहिए ताकि कोई मासूम दोबारा इस तरह की वारदात का शिकार न बने।


थरथरी में जदयू कार्यकारिणी की अहम बैठक: संगठन विस्तार और चुनावी रणनीति पर मंथन

थरथरी। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए जनता दल यूनाइटेड (जदयू) संगठन को जमीनी स्तर पर और मजबूत करने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। इसी कड़ी में शुक्रवार को थरथरी प्रखंड कार्यालय में जदयू प्रखंड कार्यकारिणी एवं पंचायत अध्यक्षों की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का उद्देश्य पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को विस्तार देना, सरकार की विकास योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाना और आगामी चुनावों में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने की रणनीति पर चर्चा करना था।

जदयू कार्यकारिणी की अहम बैठक

बैठक में किन अहम बिंदुओं पर हुई चर्चा?

बैठक की अध्यक्षता जदयू प्रखंड अध्यक्ष राजकुमार प्रसाद ने की, जिन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को मजबूती से संगठन को आगे बढ़ाने और पार्टी के एजेंडे को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान बिहार सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों की सराहना की गई और यह निर्णय लिया गया कि इन योजनाओं की जानकारी को प्रभावी ढंग से जनता तक पहुंचाया जाए, ताकि लोगों को सरकार की नीतियों का पूरा लाभ मिल सके।

बैठक में खासतौर पर इन बिंदुओं पर गहन विचार-विमर्श हुआ:

संगठन का विस्तार और मजबूती: पार्टी को गांव-गांव तक मजबूत करने और पंचायत स्तर तक कार्यकर्ताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने पर बल दिया गया।
सरकार की उपलब्धियों का प्रचार-प्रसार: नीतीश सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों को जनता के बीच ले जाने की रणनीति तैयार की गई।
आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां: 2025 के विधानसभा चुनाव में जदयू की स्थिति को और मजबूत करने के लिए विभिन्न स्तरों पर कार्य करने की रूपरेखा तय की गई।
नए युवाओं को जोड़ने पर जोर: युवा कार्यकर्ताओं को पार्टी में जोड़ने और उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर चर्चा हुई।

चुनाव से पहले संगठन को और धार देने की जरूरत

बैठक में मौजूद नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि अगर जदयू को आगामी चुनावों में मजबूती से उतरना है, तो हर कार्यकर्ता को अपनी भूमिका ईमानदारी से निभानी होगी। इसके लिए घर-घर जाकर प्रचार अभियान चलाने, सोशल मीडिया के जरिए पार्टी की विचारधारा को फैलाने और स्थानीय मुद्दों को पार्टी मंच से उठाने की योजना बनाई गई।

पार्टी कार्यकर्ताओं को यह निर्देश भी दिया गया कि वे जनता से सीधा संवाद स्थापित करें और उनकी समस्याओं को हल करने में सहयोग करें। इसके अलावा, विपक्षी दलों द्वारा किए जा रहे भ्रामक प्रचार का सटीक जवाब देने की रणनीति पर भी चर्चा की गई।

बैठक में कौन-कौन थे शामिल?

इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रखंड प्रमुख चंद्रभूषण सिंह, वरिष्ठ नेता शैलेंद्र दुबे, संजीव प्रसाद, संतोष चंद्रवंशी, उमाशंकर प्रसाद, रामजी प्रसाद, अनिल कुमार, रणबीर रावत, अजय प्रसाद, उदय कुमार, रंजीत कुमार, आशुतोष कुमार, जितेंद्र कुमार, मनोज कुमार, बृजनंदन प्रसाद, धर्मपाल सिंह, मुरारी सिंह और जहेन्द्र यादव सहित कई अन्य वरिष्ठ सदस्य और कार्यकर्ता उपस्थित थे।

क्या यह बैठक जदयू के लिए चुनावी बिगुल है?

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो इस बैठक को आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी का पहला कदम माना जा सकता है। पार्टी कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर सक्रिय करने और जनता से जुड़ने की इस रणनीति से जदयू को आगामी चुनाव में फायदा हो सकता है।

अब देखना यह होगा कि क्या इस बैठक में लिए गए निर्णयों को कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू कर पाते हैं या नहीं? क्या जदयू इस संगठनात्मक मजबूती के दम पर चुनावी मैदान में विपक्ष को चुनौती दे पाएगा? यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन एक बात साफ है कि पार्टी चुनावी मोड में आ चुकी है और पूरी तरह से अपनी रणनीति को धार देने में जुट गई है।


राजाराम पासवान और हरे राम पासवान की मौत पर गरमाई सियासत, लोजपा (रामविलास) ने उठाई न्याय की मांग

बिहारशरीफ। नालंदा जिले में दो अलग-अलग घटनाओं में हुई मौतों ने सियासी माहौल गरमा दिया है। एक ओर रहुई प्रखंड के वसनापुर गांव निवासी राजाराम पासवान की संदिग्ध परिस्थितियों में बिजली करंट लगने से मौत हो गई, तो दूसरी ओर बसंतपुर निवासी हरे राम पासवान की निर्मम हत्या ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। इन घटनाओं के बाद लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने सरकार और प्रशासन से दोनों मामलों की निष्पक्ष जांच और पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की मांग की है।

चिराग पासवान के निर्देश पर लोजपा (रामविलास) की दो टीमों का गठन

घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान ने दोनों मामलों की जांच के लिए दो अलग-अलग टीमों का गठन किया। इन टीमों ने घटनास्थलों का दौरा किया, पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और जिला प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग उठाई।

राजाराम पासवान की संदिग्ध मौत: लोजपा (रामविलास) की जांच टीम

राजाराम पासवान की बिजली करंट लगने से हुई संदिग्ध मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। परिवारवालों का कहना है कि यह कोई साधारण हादसा नहीं बल्कि किसी गहरी साजिश का नतीजा हो सकता है। लोजपा (रामविलास) की टीम ने इस मामले की बारीकी से जांच करने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की।

इस जांच टीम में शामिल नेता:

✔️ संजय पासवान – प्रदेश प्रधान महासचिव
✔️ शंकर शर्मा – कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष (अति पिछड़ा प्रकोष्ठ)
✔️ हर्ष चौपड़ा – युवा प्रदेश उपाध्यक्ष
✔️ प्रो. राम प्रवेश यादव – लेबर सेल प्रदेश अध्यक्ष
✔️ सियाराम यादव – प्रदेश महासचिव (अति पिछड़ा प्रकोष्ठ)
✔️ सुजीत पासवान – प्रदेश उपाध्यक्ष (SC/ST प्रकोष्ठ)

हरे राम पासवान हत्याकांड: गांव में पसरा मातम, लोजपा (रामविलास) ने की कठोर कार्रवाई की मांग

बसंतपुर गांव में हरे राम पासवान की हत्या से इलाके में गम और गुस्से का माहौल है। लोजपा (रामविलास) की सात सदस्यीय टीम ने मृतक के परिजनों से मुलाकात की और घटना के बारे में पूरी जानकारी ली। परिवारवालों ने न्याय की गुहार लगाते हुए अपराधियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की।

लोजपा (रामविलास) के नेताओं ने पुलिस और प्रशासन पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अगर पीड़ित परिवारों को न्याय नहीं मिला तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे।

लोजपा (रामविलास) की सरकार से मांगें

✔️ राजाराम पासवान की मौत और हरे राम पासवान की हत्या की उच्चस्तरीय जांच हो।
✔️ दोषियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की जाए और उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।
✔️ मृतकों के परिजनों को सरकारी नौकरी और 20 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।

अगर न्याय नहीं मिला, तो आंदोलन करेगा लोजपा (रामविलास)

लोजपा (रामविलास) के नालंदा जिलाध्यक्ष सत्येंद्र मुकुट ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने इन मामलों में जल्द न्याय सुनिश्चित नहीं किया, तो पार्टी बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होगी।

“हम सरकार से मांग करते हैं कि दोनों मामलों की निष्पक्ष जांच हो और पीड़ित परिवारों को न्याय मिले। अगर प्रशासन इस मामले को गंभीरता से नहीं लेता, तो हम सड़क से विधानसभा तक आंदोलन करेंगे।” – सत्येंद्र मुकुट, जिलाध्यक्ष, लोजपा (रामविलास)

अब क्या होगा आगे?

इन दोनों मामलों को लेकर स्थानीय स्तर पर भारी नाराजगी देखने को मिल रही है। लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन ने जल्द कदम नहीं उठाया तो यह मामला और तूल पकड़ सकता है।

अब देखना यह होगा कि क्या सरकार और प्रशासन इन घटनाओं पर सख्त कदम उठाते हैं, या फिर यह मामला भी अन्य घटनाओं की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा? क्या लोजपा (रामविलास) की इस पहल से पीड़ित परिवारों को न्याय मिलेगा? आने वाले दिनों में इसका असर दिखना तय है।


राजगीर थाना कांड: नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की सजा, अदालत का कड़ा निर्णय !

बिहारशरीफ, 31 जनवरी 2025: नालंदा जिले के राजगीर थाना क्षेत्र में दो साल पहले हुई एक जघन्य घटना पर फैसला आ गया है। राजगीर थाना कांड संख्या 314/22 (दिनांक 5 जून 2022) में आरोपी जयराम राजवंशी (पिता: स्व. महावीर राजवंशी, निवासी: कोनार्क नगर, थाना: राजगीर, जिला: नालंदा) को बिहारशरीफ स्थित माननीय एडीजे-07 (ADJ-07) न्यायालय ने दोषी करार दिया है और उसे 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

क्या था मामला?

करीब दो साल पहले, 5 जून 2022 की रात, जब पूरा गांव नींद में डूबा था, तब एक मासूम बच्ची की जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी जयराम राजवंशी ने नाबालिग को बहला-फुसलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। इस घटना के बाद परिवार और गांव में कोहराम मच गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए राजगीर थाना में तत्काल प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी और पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

अदालत का सख्त फैसला: 20 साल की सजा और जुर्माना

गंभीर आरोपों के मद्देनजर अदालत ने पॉक्सो (POCSO) एक्ट की धारा 6 के तहत अभियुक्त को दोषी पाते हुए 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा, 20,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया। यदि अभियुक्त यह जुर्माना अदा नहीं करता है, तो उसे 6 महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

इसके अलावा, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत भी आरोपी को दोषी ठहराया गया और अदालत ने उसे 2 साल की कैद और 5,000 रुपये के अतिरिक्त जुर्माने की सजा सुनाई। यदि अभियुक्त यह राशि नहीं चुकाता है, तो उसे 2 महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

परिवार को मिला न्याय, लेकिन जख्म अभी भी ताजा

फैसले के बाद पीड़िता के परिवार ने राहत की सांस ली। मां की आंखों में आंसू थे, लेकिन इस बार ये आंसू दर्द के नहीं, बल्कि इंसाफ मिलने के थे। पीड़िता के पिता ने कहा, “हमारी बेटी की जिंदगी कभी पहले जैसी नहीं हो सकती, लेकिन हमें संतोष है कि दरिंदे को उसके किए की सजा मिली। हम चाहते हैं कि कोई और बेटी इस पीड़ा से न गुजरे।”

अदालत ने दिया कड़ा संदेश

इस फैसले के साथ अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया कि नाबालिगों के खिलाफ अपराध करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता ने कहा, “यह फैसला समाज में एक कड़ा संदेश देगा कि जो भी मासूम बच्चियों के साथ दुष्कर्म करेगा, उसे कानून से कोई बचा नहीं सकता।”

अब क्या आगे?

अदालत के आदेश के बाद अभियुक्त को तुरंत जेल भेज दिया गया है। हालांकि, कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि अभियुक्त के पास ऊपरी अदालत में अपील का विकल्प है, लेकिन इतने गंभीर मामले में दोष सिद्ध होने के बाद राहत मिलना लगभग नामुमकिन है।

यह फैसला सिर्फ एक आरोपी को सजा देने का मामला नहीं है, बल्कि यह समाज को यह संदेश देता है कि कानून का डर ही अपराध पर लगाम लगा सकता है। सवाल यह है कि क्या इस सख्त फैसले के बाद समाज में बेटियां सुरक्षित महसूस करेंगी?


नूरसराय: शिक्षा सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ का विद्यालय निरीक्षण, कम उपस्थिति पर जताई नाराजगी

नूरसराय। शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने शुक्रवार को नूरसराय क्षेत्र के मध्य विद्यालय सरदार बिगहा का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने विद्यालय परिसर में चल रहे चेतना सत्र में छात्रों से मुलाकात की और उनके शैक्षणिक माहौल का जायजा लिया।

विद्यालय के प्रधानाध्यापक मो. मोअज्जन अहसन ने प्रार्थना सत्र के बाद उनका स्वागत किया, और छात्रों ने गर्मजोशी से स्वागत गीत गाकर सचिव का अभिवादन किया। चेतना सत्र के दौरान विद्यालय के छात्रों के बीच “चांद” और “सूरज” का चुनाव किया गया, जिनका ताज पहनाकर सचिव ने उनका सम्मान किया।

मध्य विद्यालय सरदार बिगहा

शिक्षा सचिव का कक्षों का निरीक्षण

इसके बाद, डॉ. एस. सिद्धार्थ ने विद्यालय के कक्षा-कक्षों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने छात्रों से उनकी पढ़ाई, शिक्षकों की भूमिका, और मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था पर संवाद किया। सचिव ने विद्यालय परिसर में हरे-भरे वातावरण को देखकर संतोष व्यक्त किया, लेकिन उन्होंने शिक्षकों को निर्देश दिया कि विद्यालय के खाली स्थानों पर और अधिक पौधे लगाए जाएं, ताकि शैक्षणिक माहौल और भी बेहतर हो सके।

कम उपस्थिति पर सचिव की नाराजगी

वहीं, जब सचिव ने उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरदार बिगहा का निरीक्षण किया, तो उन्होंने नवम और दशम कक्षा में मात्र 20 छात्रों की उपस्थिति देखी, जो उनकी उम्मीदों के अनुरूप नहीं था। इस पर डॉ. सिद्धार्थ ने प्रधानाध्यापक मो. मोअज्जन अहसन और शिक्षकों से विशेष चर्चा की। उन्होंने कहा, “छात्रों की उपस्थिति में कमी एक गंभीर समस्या है। हमें इसके समाधान के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे।”

सचिव ने सभी शिक्षकों से आग्रह किया कि वे छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास करें, ताकि शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार हो सके और बच्चों का भविष्य उज्जवल बने।

ICT लैब और अन्य विद्यालयों का निरीक्षण

निरीक्षण के दौरान डॉ. एस. सिद्धार्थ ने विद्यालय की आईसीटी (ICT) लैब का भी दौरा किया और उसकी व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने लैब में छात्रों के लिए बेहतर संसाधनों की आवश्यकता पर भी जोर दिया। इसके अलावा, उन्होंने प्राथमिक विद्यालय बेलदरिया और गोविंदपुर विद्यालय का भी निरीक्षण किया, जहां उन्होंने शैक्षणिक व्यवस्था का जायजा लिया।

आगे की दिशा: सुधार और बदलाव

इस निरीक्षण के बाद डॉ. सिद्धार्थ ने शिक्षकों को स्पष्ट निर्देश दिए कि शैक्षणिक माहौल को सुधारने के लिए निरंतर प्रयास किए जाएं। उनका कहना था कि विद्यालयों में सुधार की प्रक्रिया सिर्फ शिक्षण तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि विद्यार्थियों की उपस्थिति और उनके मानसिक विकास पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।

अब देखना यह होगा कि शिक्षा सचिव द्वारा दिए गए निर्देशों और सुझावों का विद्यालयों में कितना असर होता है और क्या छात्र-शिक्षक के बीच एक नया उत्साह देखने को मिलेगा? क्या यह कदम शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने में सफल हो पाएगा?


बिहारशरीफ रेलवे स्टेशन: पुराना फ्लाईओवर बंद, यात्रियों को हो रही भारी कठिनाई

बिहारशरीफ। बिहारशरीफ रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। रेलवे स्टेशन का पुराना मुख्य फ्लाईओवर कई महीनों से बंद पड़ा हुआ है, जिससे यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। पहले यह फ्लाईओवर यात्रियों को प्लेटफार्मों के बीच सुरक्षित आवागमन की सुविधा देता था, लेकिन अब इसे बंद करने के कारण स्थिति पूरी तरह से बदल गई है।

रेलवे प्रशासन द्वारा स्टेशन पर चिपकाए गए नोटिस में लिखा गया है, “कार्य प्रगति पर है” और “असुविधा के लिए खेद है”, साथ ही यात्रियों से अनुरोध किया गया है कि वे नया एफओबी (फुट ओवर ब्रिज) का उपयोग करें। हालांकि, स्थिति यह है कि कार्य की गति अत्यंत धीमी है, और पुराना फ्लाईओवर अब भी बंद पड़ा हुआ है।

Biharsharif railway station old flyover

यात्रियों को ट्रैक पार करने की मजबूरी

पुराना फ्लाईओवर बंद होने के बाद यात्रियों को अब प्लेटफार्मों के बीच जाने के लिए खतरनाक तरीके से ट्रैक पार करना पड़ रहा है। कई यात्रियों को रेल पटरी पार करते समय कूदने की मजबूरी हो रही है, जो किसी भी समय बड़े हादसे का कारण बन सकता है। यह न केवल यात्रियों के लिए एक गंभीर जोखिम है, बल्कि उनके साथ यात्रा करने वाले अन्य लोगों के लिए भी खतरे की घंटी है।

इस असुविधा के बीच, स्टेशन पर दो फ्लाईओवर हैं, लेकिन दूसरा फ्लाईओवर जो कुछ समय पहले ही निर्मित हुआ है, टिकट काउंटर और एंट्री गेट से काफी दूर स्थित है। इस वजह से जब यात्रियों को प्लेटफार्म बदलने की आवश्यकता होती है, तो उन्हें सामान्य रूप से भारी समस्या का सामना करना पड़ता है

पटना की ओर आने वाली ट्रेन का प्लेटफार्म बदलने पर मुसीबत

एक और बड़ी समस्या तब उत्पन्न होती है जब पटना की ओर से आने वाली ट्रेन अचानक अपना प्लेटफार्म बदल देती है। ऐसे में यात्रियों को ट्रैक पार कर एक नंबर प्लेटफार्म तक पहुंचने के लिए मजबूर होना पड़ता है, जो न केवल समय की बर्बादी है, बल्कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी बेहद खतरनाक है।

स्टेशन प्रबंधक की प्रतिक्रिया

इस समस्या पर स्टेशन प्रबंधक शंभु यादव का कहना है कि, “अब तीन नंबर प्लेटफार्म पर ट्रेनों का आवागमन शुरू हो चुका है, लेकिन पुराना फ्लाईओवर ट्रैक के मानक दूरी से कम था। इसी कारण यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस फ्लाईओवर को बंद कर दिया गया है।” उन्होंने यह भी कहा कि नए फ्लाईओवर का निर्माण जल्द ही शुरू होगा, ताकि यात्रियों को बेहतर सुविधा और सुरक्षा मिल सके।

इस बीच, यात्रियों की समस्याएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं, और यह सवाल उठ रहा है कि क्या रेलवे प्रशासन जल्दी से इस मुद्दे का समाधान निकालेगा ताकि यात्रियों को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा मिल सके? क्या आगामी फ्लाईओवर निर्माण कार्य यात्री सुरक्षा के लिए पर्याप्त साबित होगा, या फिर स्थिति ज्यों की त्यों बनी रहेगी?

यात्रियों को राहत मिलने तक, इस स्थिति में सुधार की उम्मीदें बनी हुई हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या प्रशासन अपनी जिम्मेदारी समय पर निभाएगा?


बिहार में अंचल कार्यालयों की कार्यप्रणाली पर सवाल, 534 अंचल कार्यालयों में बिंद 29वें स्थान पर

बिहारशरीफ। बिहार राज्य के 534 अंचल कार्यालयों की कार्यप्रणाली को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि ये कार्यालय अपने कार्यों को सुचारू रूप से और निर्धारित मानकों के अनुसार संपन्न करने में विफल रहे हैं। हाल ही में, राजस्व और भूमि सुधार विभाग द्वारा कराए गए निरीक्षण के आधार पर इन अंचल कार्यालयों की रैंकिंग जारी की गई, जिसमें बिंद अंचल 29वें स्थान पर रहा, जबकि बिहारशरीफ अंचल को 358वां स्थान प्राप्त हुआ। इस रैंकिंग से यह स्पष्ट है कि अंचल कार्यालयों की कार्यप्रणाली में सुधार की आवश्यकता है।

क्या थे मापदंड और रैंकिंग का आधार?

राजस्व और भूमि सुधार विभाग द्वारा किए गए कार्यों की रैंकिंग में म्यूटेशन, परिमार्जन, अंचल कार्यालयों का निरीक्षण, और विभागीय कार्यों का विश्लेषण किया गया था। इस दौरान सूबे के अंचल कार्यालयों के कार्यों का मूल्यांकन करते हुए यह पाया गया कि कोई भी कार्यालय 100 में से 50 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने में सक्षम नहीं हो सका। खास बात यह रही कि कुछ अंचल कार्यालयों ने तो 40 अंक से भी कम अंक प्राप्त किए, जो कि उनके खराब प्रदर्शन को दर्शाता है।

रैंकिंग में बिंद अंचल की स्थिति

रैंकिंग में बिंद अंचल को 29वां स्थान मिला है, जबकि बिहारशरीफ अंचल का स्थान 358वां रहा। यह रैंकिंग उन महत्वपूर्ण मापदंडों पर आधारित थी, जिनमें दाखिल-खारिज के मामलों का निपटारा, परिमार्जन प्लस पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों का निपटारा, अभियान बसेरा-2 के तहत वासविहीन लोगों को भूमि का आवंटन, आधार सीडिंग, और ई-मापी (Electronic Mapping of Properties) शामिल थे। इन मापदंडों पर यदि अंचल कार्यालयों का प्रदर्शन बेहतर होता, तो निश्चित रूप से उनकी रैंकिंग में सुधार होता।

कौन से अंचल कार्यालय हैं पीछे?

रैंकिंग के आधार पर यह भी स्पष्ट हुआ कि कई अंचल कार्यालयों ने अपेक्षाकृत खराब प्रदर्शन किया है। परवलपुर अंचल 71वें स्थान पर रहा, जबकि करायपरसुराय 101वें, हिलसा 110वें, अस्थावां 121वें, कतरीसराय 162वें, एकंगरसराय 210वें, नगरनौसा 221वें, थरथरी 267वें, रहुई 286वें, और बिहारशरीफ 358वें स्थान पर रहे। इन अंचल कार्यालयों के खराब प्रदर्शन से यह सवाल उठता है कि क्यों इन क्षेत्रों में नागरिकों को मूलभूत प्रशासनिक सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं?

क्या कारण हैं?

अंचल कार्यालयों की इस खराब रैंकिंग के कारणों में बेसिक प्रशासनिक कार्यों का समुचित निपटारा न होना प्रमुख कारण रहा है। इसके परिणामस्वरूप नागरिकों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है। कार्यालयों में काम की गति धीमी होने और कर्मचारियों की कमी के कारण भी कार्यों में रुकावट आ रही है। यही नहीं, आधार सीडिंग और ई-मापी जैसी तकनीकी प्रक्रियाओं में भी स्पष्ट कमी देखने को मिल रही है, जो कि अंचल कार्यालयों की कार्यप्रणाली की कमजोरी को उजागर करती है।

क्या कदम उठाए जाएंगे?

इस स्थिति पर प्रतिक्रिया देते हुए राजस्व और भूमि सुधार विभाग ने कहा है कि जल्द ही अंचल कार्यालयों की कार्यप्रणाली में सुधार लाने के लिए विशेष कदम उठाए जाएंगे। विभाग ने कार्यप्रणाली को सुधारने और गति देने के लिए कार्रवाई की बात की है। इसके लिए कर्मचारियों की प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन की योजना बनाई जा रही है। साथ ही, प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग करते हुए इन कार्यालयों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने की कोशिश की जाएगी।

यह सवाल अब यह उठता है कि क्या विभाग इन बदलावों को जल्दी लागू कर पाएगा और क्या इन सुधारों से नागरिकों को बेहतर सेवाएं मिल पाएंगी? आने वाले समय में अंचल कार्यालयों की रैंकिंग में सुधार हो सकेगा, यह देखने वाली बात होगी।


न्यू आदर्श नगर में बहुप्रतीक्षित सड़क निर्माण कार्य का शिलान्यास, विकास की राह पर बढ़ा क्षेत्र

बिहारशरीफ। राजगीर नगर परिषद के वार्ड संख्या 26 अंतर्गत न्यू आदर्श नगर के निवासियों के लिए 31 जनवरी 2025 का दिन खास बन गया, जब बहुप्रतीक्षित सड़क निर्माण कार्य का शिलान्यास किया गया। वर्षों से खराब सड़कों और यातायात समस्याओं का सामना कर रहे स्थानीय निवासियों के चेहरों पर उम्मीद की चमक साफ झलक रही थी।

इस विशेष अवसर पर राजगीर के विधायक कौशल किशोर, नगर परिषद अध्यक्ष जीरो देवी और उपाध्यक्ष मुन्नी देवी ने संयुक्त रूप से आधारशिला रखी। समारोह में स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखने को मिली।

विकास के सपनों को मिली उम्मीद
वार्ड 26 के पार्षद राजवल्लभ पासवान के साथ अन्य वार्ड पार्षदों में सुरेंद्र राजवंशी, श्यामदेव राजवंशी, मीरा देवी, कविता कुमारी, मनीषा कुमारी, अशोक राजवंशी, निरंजन मालाकार, अशुतोष पांडेय, अरुण साव, महेश साव, सौभव कुमार और पिंटू कुमार भी उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में लोगों ने इस पहल को एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया, जो क्षेत्र के विकास में नई ऊर्जा भरेगा।

जनप्रतिनिधियों ने दिया भरोसा
इस मौके पर जदयू प्रदेश महासचिव आशुतोष कुमार पांडेय ने विधायक कौशल किशोर के साथ शिलान्यास कार्य में भाग लेते हुए इसे क्षेत्र के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पहल करार दिया। जनप्रतिनिधियों ने स्थानीय निवासियों को भरोसा दिलाया कि सड़क बनने के बाद क्षेत्र में यातायात सुगम होगा और मूलभूत सुविधाओं का विस्तार होगा।

स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रियाएं
कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने सड़क निर्माण की इस पहल को ‘विकास की नींव’ बताते हुए कहा कि अब वे बेहतर जीवनशैली की उम्मीद कर सकते हैं। वर्षों से जर्जर सड़कों पर चलने की मजबूरी ने स्थानीय व्यापार और दैनिक जीवन को भी प्रभावित किया था।

अब क्या बदलेगा?
इस सड़क के निर्माण के बाद इलाके में न केवल यातायात व्यवस्था सुधरेगी, बल्कि व्यापारिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि यह पहल क्षेत्र को नई पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाएगी।


हिलसा में संदिग्ध परिस्थितियों में महिला की मौत, दहेज प्रताड़ना का आरोप; ससुर गिरफ्तार, अन्य की तलाश जारी

बिहारशरीफ। हिलसा थाना अंतर्गत मई गांव में एक महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया। 30 जनवरी 2025 की सुबह लगभग 9 बजे हिलसा थाना पुलिस को सूचना मिली कि अनुमंडलीय अस्पताल, हिलसा में एक महिला का शव लावारिस अवस्था में पड़ा है। पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू की। मृत महिला की पहचान चमेली कुमारी (पति- प्रेम पासवान) के रूप में हुई, जो मई गांव की निवासी थी।

मायके पक्ष का आरोप: दहेज के लिए की गई हत्या
जांच में यह बात सामने आई कि चमेली कुमारी को अस्पताल में उसके ससुराल वाले छोड़कर भाग गए थे। घटना की सूचना पाकर मृतका के पिता चंदेश्वर पासवान (निवासी- नौगढ़, थाना हिलसा) भी अस्पताल पहुंचे। वहां उन्होंने अपनी बेटी के साथ हुए अत्याचार का दर्द बयां किया। चंदेश्वर पासवान ने हिलसा थाना में दर्ज शिकायत में कहा कि उनकी बेटी को लंबे समय से दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था। ससुराल पक्ष मोटरसाइकिल की मांग कर रहा था।

उन्होंने आरोप लगाया कि दहेज न देने पर उनकी बेटी की हत्या कर दी गई और अपराध को छिपाने के लिए उसका शव अस्पताल में छोड़ दिया गया।

पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई, ससुर गिरफ्तार
शिकायत के आधार पर हिलसा थाना में कांड संख्या 66/25, दिनांक 31 जनवरी 2025 को बीएनएस की धारा 80(2)/3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नामजद आरोपी उमेश पासवान (ससुर) को गिरफ्तार कर लिया है। उसे न्यायिक हिरासत में भेजने की प्रक्रिया जारी है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने छापेमारी शुरू कर दी है।

शव परीक्षण और फोरेंसिक जांच
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने विधि-विज्ञान प्रयोगशाला टीम को साक्ष्य संकलन के लिए बुलाया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट से मौत के कारणों का खुलासा होगा।

स्थानीय समुदाय में आक्रोश
घटना के बाद इलाके में गम और गुस्से का माहौल है। स्थानीय लोग इस जघन्य घटना की निंदा कर रहे हैं और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं। इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर दहेज प्रथा और महिला सुरक्षा के मुद्दे को चर्चा के केंद्र में ला दिया है।

क्या है आगे की उम्मीद?
पुलिस का कहना है कि मामले की हर एंगल से जांच की जा रही है। चमेली कुमारी की मौत ने जहां एक परिवार को असमय दुख में डाल दिया है, वहीं न्याय की उम्मीदें अब कानून के भरोसे हैं।


हरनौत में बीईओ सुरेंद्र कुमार सिन्हा को विदाई, कार्यकाल की मिसाल बने

हरनौत (नालंदा)। जीवन के एक लंबे और समर्पित अध्याय का भावुक समापन शुक्रवार को बीआरसी में आयोजित विदाई सह सम्मान समारोह के दौरान हुआ, जब बीईओ सुरेंद्र कुमार सिन्हा को उनके सेवानिवृत्ति के अवसर पर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर शिक्षा जगत से जुड़े कई गणमान्य व्यक्ति, शिक्षक, और अधिकारी मौजूद रहे, जिन्होंने उन्हें सम्मानित कर उनकी सेवाओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।

सेवानिवृत्ति पर  बीईओ को दी गई विदाई

भावुक हुआ माहौल, पुरानी यादों का हुआ जिक्र
कार्यक्रम के दौरान बीडीओ उज्ज्वल कांत और कतरीसराय के नए बीईओ अब्दुल मन्नान ने सुरेंद्र कुमार सिन्हा को माला पहनाकर, वस्त्र एवं उपहार देकर सम्मानित किया। बीडीओ ने कहा, “श्री सिन्हा सदैव किसी भी कार्य के सफल संपादन के लिए तत्पर रहते थे। उनका समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा है।”

नए बीईओ अब्दुल मन्नान ने भी उनकी प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका कार्यकाल अनुकरणीय रहा और शिक्षा क्षेत्र में उनकी नेतृत्व क्षमता की हमेशा याद की जाएगी।

श्री सिन्हा की विदाई में छलके भावनाएं
सेवानिवृत्त बीईओ सुरेंद्र कुमार सिन्हा ने भावुक होकर कहा, “हरनौत के अधिकारियों, कर्मचारियों और शिक्षकों से जो प्यार और सम्मान मुझे मिला, वह मैं आजीवन याद रखूंगा। इस क्षेत्र के विकास में मेरा जो भी योगदान रहा, वह सभी के सहयोग से संभव हो सका।”

समारोह में विशेष उपस्थिति
इस मौके पर परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष प्रकाश चंद भारती, सचिव सह प्रखंड अध्यक्ष सुनील कुमार, बीपीएम मनीष, मनोज कुमार समेत कई शिक्षाविद् उपस्थित रहे।

शिक्षा क्षेत्र में उनकी सेवाओं की रहेगी गूंज
कार्यक्रम के दौरान कई शिक्षकों ने श्री सिन्हा के कार्यकाल की यादें साझा कीं। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए उनका समर्पण हमेशा सराहा जाएगा।

एक नए अध्याय की शुरुआत
नई जिम्मेदारी संभालने वाले बीईओ अब्दुल मन्नान ने कहा कि वे श्री सिन्हा द्वारा स्थापित मानकों को आगे बढ़ाने के लिए पूरी लगन से काम करेंगे।

कार्यक्रम के अंत में सभी ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की और इस भावुक विदाई ने हरनौत के शिक्षा समुदाय में एक स्मरणीय क्षण जोड़ दिया।


32 वर्षों की समर्पित सेवा के बाद विदा हुए विजय कुमार, केंद्रीय बैंक ऑफ इंडिया के बिहारशरीफ शाखा में भावुक विदाई समारोह

बिहारशरीफ। केंद्रीय बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंधक विजय कुमार की सेवानिवृत्ति पर शुक्रवार को एक विशेष विदाई समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बैंक कर्मियों, सहयोगियों, ग्राहकों और मित्रों ने मिलकर उनकी सेवाओं के प्रति सम्मान प्रकट किया। कार्यक्रम के दौरान भावनाओं का सागर उमड़ा, जब सहयोगियों ने उनकी मृदुल स्वभाव और कार्यकुशलता की प्रशंसा करते हुए कई यादगार पल साझा किए।

central bank of india employment farewell

सेवा का समर्पण और विनम्रता की मिसाल
एलडीएम श्रीकांत सिंह ने समारोह में बोलते हुए कहा, “विजय कुमार के मृदु स्वभाव और कार्यकुशलता के लिए जितनी भी प्रशंसा की जाए, वह कम है। उन्होंने अपने कार्यकाल में हर चुनौती का सामना धैर्य और निष्ठा से किया। चाहे सरकारी सेवा हो या निजी, सेवा में आने के दिन से ही विदा होना तय होता है। विजय कुमार ने इस सत्य को गरिमा के साथ स्वीकार किया।”

दिलों से विदा नहीं होंगे विजय कुमार
शाखा प्रबंधक यश राज ने कहा, “विजय कुमार सेवा से सेवानिवृत्त हुए हैं, लेकिन हमारे दिलों से नहीं। उनके कार्यकौशल और अनुभव से हमें भी सीखने का अवसर मिला।”

सहायक प्रबंधक संजय कुमार ने समारोह के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “यह समारोह उनके लंबे और समर्पित सेवा के सम्मान में आयोजित किया गया था। उनकी सेवाओं की कमी हमेशा खलेगी।”

काम करने की शैली बनी प्रेरणा
डा. शशिकांत कुमार टोनी ने कहा, “विजय कुमार के काम करने के तरीके ने हमेशा कर्मचारियों को कंधे से कंधा मिलाकर चलने की प्रेरणा दी। उनकी कमी महसूस होगी।”

जीवन के खट्टे-मीठे अनुभवों की सीख
अपने विदाई संदेश में विजय कुमार ने कहा, “32 वर्षों के सेवा जीवन में मैं कभी अपने कार्य से पीछे नहीं रहा। जीवन में खट्टे-मीठे दिन आते रहते हैं, लेकिन उनसे घबराना नहीं चाहिए। हर चुनौती के बाद एक नया अवसर आता है।”

परिवार और ग्राहकों की उपस्थिति ने बनाया समारोह खास
कार्यक्रम का संचालन नालंदा कॉलेज शाखा के प्रबंधक अजीत कुमार ने किया। इस मौके पर विजय कुमार की पत्नी लाली श्रीवास्तव और अन्य परिजनों के साथ-साथ बैंक के कर्मी दीपिका गुप्ता, श्वेता सिन्हा, दीप्ति गुप्ता, उर्मिला कुमारी, अनुपमा कुमारी, दिव्या सहाय, सुरक्षा प्रहरी विनोद कुमार, अजय कुमार और बड़ी संख्या में ग्राहक उपस्थित रहे।

स्मरणीय विदाई
सहयोगियों और ग्राहकों ने विजय कुमार को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। समारोह ने न केवल उनके समर्पित सेवा जीवन की यादें ताजा कीं, बल्कि बैंक परिवार के बीच उनके अद्वितीय योगदान को भी अमिट बना दिया।


सिलाव के रासबिहारी प्लस टू उच्च विद्यालय में भावुक विदाई समारोह, उपेंद्र मिस्त्री के समर्पण की गूंजी सराहना

सिलाव (नालंदा)। शारीरिक शिक्षक उपेंद्र मिस्त्री की सेवानिवृत्ति पर शुक्रवार को रासबिहारी प्लस टू उच्च विद्यालय में एक भावुक विदाई समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में शिक्षक समुदाय, छात्रों और उनके परिजनों ने मिलकर उन्हें पुष्पगुच्छ और अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया। उनके लंबे और समर्पित कार्यकाल की सराहना करते हुए सभी ने भावनाओं के साथ उन्हें विदा किया।

रासबिहारी प्लस टू उच्च विद्यालय

शिक्षा के हर क्षेत्र में अद्वितीय योगदान
विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक शैलेन्द्र प्रसाद ने अपने संबोधन में कहा, “श्री मिस्त्री जनवरी 2008 से विद्यालय की सेवा में समर्पित रहे। वे केवल शारीरिक शिक्षा तक सीमित नहीं रहे, बल्कि समय-समय पर अन्य विषयों की भी शिक्षा देकर विद्यार्थियों को संवारते रहे।” उन्होंने आगे कहा, “हालांकि वे सेवा निवृत्त हो रहे हैं, लेकिन हमारे दिलों में हमेशा रहेंगे। मैं उनसे आग्रह करता हूं कि समय-समय पर विद्यालय आकर मार्गदर्शन देते रहें।”

उपेंद्र मिस्त्री का अद्वितीय समर्पण
पूर्व प्रभारी प्रधानाध्यापक अनिरुद्ध प्रसाद ने भावुक होकर कहा, “उपेंद्र मिस्त्री विद्यालय के लिए पारस पत्थर की तरह थे। चाहे जो भी परिस्थिति हो, वे हमेशा विद्यालय की सेवा में तत्पर रहते थे। उनका योगदान विद्यालय की प्रगति में अमूल्य रहा है।”

विदाई का भावुक क्षण
समारोह में उपेंद्र मिस्त्री ने प्रभारी प्रधानाध्यापक के आग्रह को स्वीकार करते हुए कहा, “मैं समय-समय पर विद्यालय आकर अपनी सेवाएं देने का प्रयास करूंगा। यह विद्यालय मेरे जीवन का अभिन्न हिस्सा रहेगा।”

गीतों ने बांधा समां
कार्यक्रम के दौरान छात्राओं अनुष्का और अर्चना ने स्वागत एवं विदाई गीत प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी भावपूर्ण प्रस्तुति ने माहौल को और भी भावुक बना दिया।

परिवार और सहकर्मियों की उपस्थिति
इस अवसर पर उपेंद्र मिस्त्री की पत्नी प्रविला देवी और पुत्र अमन राज के साथ शिक्षक खालिद हुसैन, व्रज भूषण रमण, संतोष कुमार, जैनेन्द्र कुमार, रंजन कुमार, दीपक कुमार, दीपू कुमार, नीलम कुमारी, अर्पणा कुमारी, माधुरी प्रसाद, रजनी गंधा, मीनाक्षी गुप्ता सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का सफल संचालन और धन्यवाद ज्ञापन
कार्यक्रम का संचालन मुकेश चंद पांडे ने किया और धन्यवाद ज्ञापन रविंद्र कुमार यादव ने दिया।

एक यादगार विदाई
इस विदाई समारोह ने न केवल उपेंद्र मिस्त्री के योगदान को यादगार बनाया, बल्कि विद्यालय समुदाय के बीच उनके स्थायी प्रभाव को भी उजागर किया। उनका समर्पण और शिक्षा के प्रति निष्ठा सभी के लिए प्रेरणा बनी रहेगी।


कल्याण बिगहा में कनीय अभियंता शिवशंकर सिंह को भावभीनी विदाई, निष्ठा और समर्पण के साथ किया सेवा का समापन

हरनौत (नालंदा)। कल्याण बिगहा बिजली आपूर्ति प्रशाखा के कनीय अभियंता शिवशंकर सिंह के सेवानिवृत्ति पर शुक्रवार को एक भावुक विदाई समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर विभागीय अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और कर्मचारियों ने उन्हें फूल-मालाओं से सम्मानित किया और स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र भेंट कर उनकी सेवाओं के प्रति कृतज्ञता प्रकट की।

shivshankar singh

22 वर्ष की उम्र में शुरू हुआ था सफर
शिवशंकर सिंह का कार्यकाल ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक रहा। उन्होंने मात्र 22 वर्ष की आयु में धनबाद में एसबीओ (स्विचबोर्ड ऑपरेटर) के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। कई स्थानों पर अपनी सेवाएं देने के बाद उन्होंने 1 सितंबर 2021 को कल्याण बिगहा में योगदान दिया। इस दौरान उन्होंने विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए उल्लेखनीय प्रयास किए।

निष्ठा की मिसाल बने शिवशंकर सिंह
विदाई समारोह में वक्ताओं ने उनकी सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि शिवशंकर सिंह ने पूरे कार्यकाल में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन पूरी निष्ठा और ईमानदारी से किया। उनकी सेवाएं विभाग के लिए प्रेरणा बनी रहेंगी।

अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने दी शुभकामनाएं
विद्युत अधीक्षण अभियंता सुशील कुमार ने कहा, “शिवशंकर सिंह ने कठिन परिस्थितियों में भी अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया। उनकी कार्यशैली हम सबके लिए अनुकरणीय है।” वहीं, विद्युत कार्यपालक अभियंता रूपक कुमार ने कहा, “श्री सिंह ने हमेशा अपने अनुभव का लाभ विभाग को दिया। उनकी कमी महसूस की जाएगी।”

विदाई के भावुक क्षण
इस अवसर पर कनीय अभियंता शिवशंकर सिंह ने सभी सहकर्मियों और अधिकारियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “यह मेरी जिंदगी का यादगार सफर रहा। मैंने पूरी निष्ठा से अपनी जिम्मेदारियां निभाने की कोशिश की। मुझे जो प्यार और सम्मान मिला है, उसे मैं जीवन भर संजो कर रखूंगा।”

सम्मानित करने पहुंचे गणमान्य
इस आयोजन में विद्युत अधीक्षण अभियंता सुशील कुमार, विद्युत कार्यपालक अभियंता रूपक कुमार, सहायक विद्युत अभियंता राजीव रंजन, श्यामल किशोर और अश्विनी कुमार उपस्थित रहे। बराह पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि कमलेश कुमार उर्फ पिंटू यादव ने भी समारोह में भाग लिया।

कार्यक्रम का संचालन प्रभारी जेई मनीष ने किया। विदाई के इस अवसर पर शिवशंकर सिंह को उनके समर्पण और सेवा के लिए यादगार विदाई दी गई, जिसमें हर किसी की आंखों में सम्मान और भावुकता के भाव साफ झलक रहे थे।


सीएम नीतीश कुमार के पैतृक गांव में चोरी की बड़ी वारदात, लाखों की बैटरियां गायब, जांच में जुटी पुलिस

हरनौत (नालंदा)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक गांव कल्याण बिगहा से बैटरी चोरी की सनसनीखेज वारदात सामने आई है। शुक्रवार देर रात देवी स्थान के पास स्थित मोबाइल टावर से चोरों ने करीब 25 बैटरियां उड़ा लीं। इन बैटरियों की कीमत लगभग 4 लाख रुपए आंकी जा रही है। घटना ने इलाके में हड़कंप मचा दिया है, खासकर तब जब यह घटना मुख्यमंत्री के घर से कुछ ही दूरी पर हुई है।

पुलिस की सतर्कता पर सवाल
बैटरी चोरी की घटना ने स्थानीय सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। टावर की सुरक्षा में बड़ी चूक मानी जा रही है क्योंकि यह क्षेत्र महत्वपूर्ण सुरक्षा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। सूचना मिलते ही हरनौत थाना की प्रभारी सुषमा कुमारी और डीएसपी टू संजय कुमार जायसवाल मौके पर पहुंचे और घटना की गहन जांच शुरू की।

डीएसपी ने लिया घटनास्थल का जायजा
डीएसपी संजय कुमार जायसवाल ने बताया, “घटनास्थल का मुआयना किया गया है। शुरुआती जांच में पाया गया है कि चोरों ने बेहद पेशेवर तरीके से बैटरियां निकालकर ले जाने की वारदात को अंजाम दिया। यह चोरी एक संगठित गिरोह की साजिश लग रही है।”

रात के अंधेरे में अंजाम दी गई वारदात
बताया जा रहा है कि चोर रात के अंधेरे का फायदा उठाकर टावर की बैटरियां खोलकर फरार हो गए। टावर के सुरक्षा कर्मी घटना के समय वहां मौजूद नहीं थे। फिलहाल पुलिस आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है और संभावित सुराग जुटाने का प्रयास कर रही है।

स्थानीय लोगों में दहशत
घटना के बाद स्थानीय लोगों में भय और आक्रोश का माहौल है। एक निवासी ने कहा, “मुख्यमंत्री के घर के पास ही चोरी हो गई, तो हमारी सुरक्षा का क्या होगा?”

पुलिस ने तेज की छानबीन
इस घटना के बाद पुलिस ने इलाके में गश्त बढ़ा दी है और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। जल्द ही अपराधियों को पकड़ने के लिए विशेष टीम बनाई जाएगी।

इस हाई-प्रोफाइल चोरी ने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। अब देखना यह होगा कि पुलिस इस मामले को कितनी तेजी और कुशलता से सुलझाती है।

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