हिलसा के मलावां गांव पहुंचे जन सुराज नेता, सड़क हादसे के पीड़ितों से मिले – अल्ट्राटेक कंपनी और प्रशासन पर लगाया पक्षपात का आरोप

Written by Subhash Rajak

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संजय कुमार
बिहारशरीफ(अपना नालंदा)।नालंदा जिले के हिलसा प्रखंड स्थित मलावां गांव में हुए दर्दनाक सड़क हादसे के पीड़ित परिवारों से मिलने गुरुवार को जन सुराज का एक प्रतिनिधिमंडल पहुंचा। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जन सुराज के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने किया। इस हादसे में नौ लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें आठ महिलाएं शामिल थीं, जबकि चार लोग गंभीर रूप से घायल हैं।

जन सुराज नेताओं ने गांव पहुंचकर शोकसंतप्त परिजनों से मुलाकात की, उन्हें ढांढस बंधाया और हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया। नेताओं ने प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर हादसे को दबाने और अल्ट्राटेक कंपनी को बचाने का आरोप लगाया।

मनोज भारती का बयान – “घड़ियाली आंसू बहाने आए थे मंत्री और विधायक”

पीड़ितों से मिलने के बाद प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने कहा कि यह हादसा अल्ट्राटेक फैक्ट्री से जुड़े ट्रक की लापरवाही से हुआ है, लेकिन प्रशासन और स्थानीय विधायक कंपनी को बचाने में जुटे हैं।

उन्होंने कहा – “ग्रामीणों का गुस्सा जायज है। कल जब मंत्री और विधायक यहां आए थे तो लोग आक्रोशित हो उठे। इसका कारण यह था कि वही लोग कंपनी को बचाने की कोशिश कर रहे थे और अब घड़ियाली आंसू बहाने गांव आए थे। जनता सब समझती है और अब चुप बैठने वाली नहीं है।”

उन्होंने मांग की कि पीड़ित परिवारों को राज्य सरकार और अल्ट्राटेक कंपनी दोनों की ओर से 50-50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। साथ ही चेतावनी दी कि अगर यह मांग पूरी नहीं होती है, तो जन सुराज एक बड़ा जनांदोलन खड़ा करेगा।

 किशोर कुमार का आरोप – “स्थानीय विधायक और प्रशासन कंपनी को बचाने में लगे हैं”

जन सुराज के प्रदेश महासचिव एवं पूर्व विधायक किशोर कुमार ने कहा कि हादसे में कंपनी की जिम्मेदारी स्पष्ट है, लेकिन प्रशासन और स्थानीय विधायक घटना को दबाने में लगे हैं।

उन्होंने कहा – “मंत्री और विधायक गांव आए, लेकिन ग्रामीणों की पूरी बात सुने बिना ही वहां से निकल गए। इससे लोगों का गुस्सा और भड़क गया। जन सुराज इस लड़ाई को सड़क से सदन तक ले जाएगा और पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाकर रहेगा।”
ग्रामीणों ने जताई नाराजगी

गांव के ग्रामीणों ने भी विधायक और प्रशासन के रवैये पर नाराजगी जताई।

ग्रामीण सुरेश पासवान ने बताया कि उनकी बहू दीपिका पासवान इस हादसे की शिकार हो गईं। उन्होंने कहा – “विधायक ने पहले दिन जाम खत्म करवाते समय मुआवजे का आश्वासन दिया था, लेकिन वे पांच दिन बाद गांव आए। हमारी बात सुनने के लिए भी तैयार नहीं थे। लोग सिर्फ संवाद चाहते थे, लेकिन उन्होंने खुद को अलग कर लिया।”

एक अन्य ग्रामीण सतीश कुमार ने कहा – “विधायक ने समय पर सुध नहीं ली और न ही कोई ठोस आश्वासन दिया। इसी कारण जनता का गुस्सा उन पर फूट पड़ा।”

जन सुराज का संकल्प

जन सुराज नेताओं ने संकल्प लिया कि पीड़ितों को न्याय मिलने तक वे आंदोलन जारी रखेंगे।
इस मौके पर जन सुराज जिलाध्यक्ष अरविन्द प्रसाद, महिला जिलाध्यक्ष पूनम सिन्हा, उमेश कुमार वर्मा, इंजीनियर मनीष संतोष यादव, शोभा कुमारी, अशोक कुमार, सतेंद्र पासवान, शिव कुमार दास, डॉ. अजय कुमार, सौरभ कुमार मणि, संतोष यादव, पूर्व विधायक के डी यादव सहित कई स्थानीय नेता व कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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