मोहम्मद जियाउद्दीन
इस्लामपुर (अपना नालंदा)। इस्लामपुर नगर परिषद क्षेत्र में लाखों की लागत से बना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आज खुद इलाज का इंतजार कर रहा है। देखरेख के अभाव में केंद्र के कमरे जर्जर हो चुके हैं। चारों ओर कूड़ा-कचरा पसरा रहता है और दीवारों पर लगा रंग-रोगन भी खराब हो गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब इस अस्पताल में चिकित्सक और अन्य कर्मियों की नियमित उपस्थिति रहती थी, तब यहां विभिन्न बीमारियों से पीड़ित मरीजों का बेहतर इलाज होता था और दूर-दराज से भी मरीज आते थे। लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण अब यह स्वास्थ्य केंद्र धीरे-धीरे बदहाली की ओर बढ़ता जा रहा है। यदि शीघ्र सुधार नहीं हुआ, तो यह भवन भूतबंगला में तब्दील हो जाएगा।
केंद्र में लगे उपकरण भी बेकार होते जा रहे हैं और कमरों में गंदगी फैली हुई है। हालांकि चिकित्सक और कर्मियों की तैनाती अब भी है, लेकिन उनकी उपस्थिति नियमित नहीं है। अक्सर खानापूरी कर चले जाते हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब से इस्लामपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाओं का विस्तार हुआ है, तब से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत और भी बदतर होती गई है।
चिकित्सा प्रभारी डॉ. वाल्मीकि प्रसाद ने बताया कि उक्त केंद्र पर चिकित्सक की ड्यूटी है और इलाज की व्यवस्था की गई है, लेकिन हकीकत में स्थिति इसके बिल्कुल विपरीत है। वर्तमान में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पूरी तरह उपेक्षा का शिकार होकर भूतबंगला जैसा रूप ले चुका है।




