अपना नालंदा संवाददाता
बिहारशरीफ।आज शनिवार को आर.जी.एल. उच्च विद्यालय, छबीलापुर और उत्क्रमित मध्य विद्यालय, वसुवैन में 11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस बड़े उत्साह और ऊर्जा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालयों के शिक्षकों, मेंटर्स और छात्रों ने मिलकर योगाभ्यास किया तथा योग के महत्व पर विचार साझा किए।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से मेंटोर शिक्षक अजय कुमार, मणिकांत कुमार, कुंज बिहारी कुंजेश, शंकर कुमार, अशोक कुमार, रौशन कुमार सिंह, सूरज नारायण, पुस्तकालयाध्यक्ष मोहम्मद आफताब आलम, सोनल, साची राणा, अजय, शिखा कुमारी, कल्पना, रेखा, संजीत कुमार, जैनेंद्र कुमार, सुजीत कुमार, शत्रुघ्न उपाध्याय, रवि कुमार, अजय दास, धीरज कुमार, शिशुपाल पांडे तथा सुशील कुमार सिंह सहित कई शिक्षकगण उपस्थित रहे।
मेंटोर शिक्षक अजय कुमार ने बताया कि वर्ष 2025 के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम है “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग”। यह विषय हमें यह समझाने का प्रयास करता है कि व्यक्ति की सेहत और पृथ्वी का स्वास्थ्य आपस में गहराई से जुड़ा हुआ है। यह थीम भारतीय संस्कृति के “वसुधैव कुटुम्बकम्” यानी “पूरा विश्व एक परिवार है” की अवधारणा को वैश्विक मंच पर स्थापित करती है।
उन्होंने बताया कि “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” एक समन्वित दृष्टिकोण है, जो स्वास्थ्य, उत्पादकता, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक समरसता जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए विभिन्न क्षेत्रों को एक साथ लाने का आह्वान करता है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी एक की रक्षा करके हम सभी की रक्षा कर सकते हैं।
वहीं वसुवैन के शिक्षक मणिकांत कुमार ने कहा कि योग का अर्थ केवल शारीरिक व्यायाम नहीं है, बल्कि यह पोषण, विश्राम, व्यायाम और संतुलित नींद का समन्वित रूप है। उन्होंने कहा कि योग को अपनाकर हम अपने जीवन में संतुलन और शांति ला सकते हैं।
ओंकार देव आर्य ने सभी को नशा मुक्ति, संतुलित आहार और नियमित योगाभ्यास को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करने की अपील की। वरिष्ठ शिक्षक संजीत कुमार और कुंज बिहारी कुंजेश ने कहा कि योग केवल व्यक्तिगत स्तर पर नहीं बल्कि सामूहिक और पर्यावरणीय स्वास्थ्य पर भी केंद्रित होना चाहिए।
कार्यक्रम के समापन पर अजय कुमार ने बताया कि 21 जून को योग दिवस मनाने के पीछे वैज्ञानिक और खगोलीय कारण हैं। इस दिन ग्रीष्म संक्रांति होती है और सूर्य का दक्षिणायन आरंभ होता है। यह वर्ष का सबसे बड़ा दिन होता है, जब सूर्य जल्दी उगता है और देर से अस्त होता है। इस कारण इसे योग साधना के लिए अत्यंत उपयुक्त माना गया है।
उन्होंने अंत में सभी को योग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि योग केवल एक व्यायाम नहीं, बल्कि भारत की प्राचीन परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर है, जो शरीर, मन और आत्मा को जोड़ता है। योग दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य इसके लाभों को संपूर्ण विश्व में प्रसारित करना है, जिसकी शुरुआत वर्ष 2015 में 21 जून को की गई थी।