अपना नालंदा संवाददाता
बिहारशरीफ।जिलाधिकारी कुंदन कुमार की अध्यक्षता में बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (BSPTCL) के अभियंताओं और संवेदकों के साथ जिले के चंडी प्रखंड में निर्माणाधीन 132/33 केवी ग्रिड उपकेंद्र को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
बैठक में विद्युत अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार अंबष्ट और विद्युत कार्यपालक अभियंता शिशिर शंकर ने बताया कि यह नालंदा जिले का आठवां ग्रिड उपकेंद्र है, जिसका निर्माण चंडी प्रखंड अंतर्गत मौजा दयालपुर, थाना संख्या 291 में किया जा रहा है। इस परियोजना के लिए लगभग 4.68 एकड़ भूमि की आवश्यकता है, जिसमें से 34.875 डिसमिल भूमि का अधिग्रहण भू-अर्जन नियमावली 2019 के तहत किया जा रहा है।
जिलाधिकारी ने भरोसा दिलाया कि अगले दो से तीन दिनों के भीतर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने निर्देश दिया कि कार्य में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए बिहारशरीफ और हिलसा के अनुमंडल पदाधिकारी समन्वय स्थापित करें।
विद्युत कार्यपालक अभियंता ने बताया कि चंडी ग्रिड को ऊर्जान्वित करने के लिए चंडी से हरनौत तथा चंडी से अस्थावां तक 132 केवी की ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है। कुल 187 लोकेशनों में से अब तक 140 लोकेशनों पर फाउंडेशन का कार्य और 110 पर स्ट्रक्चर इरेक्शन का कार्य पूरा किया जा चुका है। कुछ स्थानों पर कार्य बाधित है।
जिलाधिकारी ने संवेदक को कार्य में तेजी लाने और मैनपावर बढ़ाने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि कार्य की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा।
इस ग्रिड के चालू हो जाने पर चंडी, नगरनौसा, थरथरी, हिलसा और नूरसराय जैसे क्षेत्रों में वोल्टेज की स्थिरता और बिजली की विश्वसनीयता में सुधार होगा। वर्तमान में इन क्षेत्रों को हरनौत (चेरन) और बड़ीपहाड़ी ग्रिड से बिजली आपूर्ति होती है, लेकिन लंबी 33 केवी HT लाइन के कारण वोल्टेज ड्रॉप की समस्या अक्सर उत्पन्न होती है।
बैठक में सहायक कार्यपालक अभियंता राजेश कुमार एवं श्यामा पावर इंडिया लिमिटेड के प्रोजेक्ट मैनेजर दीपक कुमार भी उपस्थित थे।




