विजय प्रकाश उर्फ पिन्नु
नूरसराय (अपना नालंदा)। नालंदा उद्यान महाविद्यालय, नूरसराय में गुरुवार को समेकित पोषक प्रबंधन (Integrated Nutrient Management) विषय पर 15 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत हुई। कार्यक्रम का उद्घाटन प्राचार्य डॉ. रणधीर कुमार, कृषि वैज्ञानिक एवं पीआरओ डॉ. विनोद कुमार, डॉ. एस. आजाद और डॉ. दिव्या तिवारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया।
इस प्रशिक्षण में नालंदा, पटना, औरंगाबाद, नवादा और जहानाबाद जिलों से आए इनपुट डीलरों (उर्वरक एवं बीज विक्रेताओं) ने भाग लिया।
प्राचार्य डॉ. रणधीर कुमार ने कहा कि “मिट्टी की सेहत बचाने के लिए रासायनिक खादों के अंधाधुंध उपयोग को कम करना होगा।” उन्होंने किसानों को तरल खाद, जैविक खाद और वर्मी कम्पोस्ट अपनाने की सलाह दी। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि नैनो डीएपी (Nano DAP) और नैनो यूरिया जैसे आधुनिक विकल्पों से फसल उत्पादन बेहतर होता है और मिट्टी भी स्वस्थ रहती है।
वहीं, कृषि वैज्ञानिक एवं पीआरओ डॉ. विनोद कुमार ने इनपुट डीलरों से अपील की कि वे केवल व्यापार भावना से नहीं, सेवा भावना से कार्य करें। उन्होंने कहा, “जिस तरह एक सैनिक देश की रक्षा करता है, उसी तरह खाद दुकानदारों को किसानों की मिट्टी की रक्षा करनी चाहिए।”
इस अवसर पर डॉ. एस. आजाद, डॉ. ध्याना नंदा, डॉ. प्रेरणा राय, डॉ. विजय कुमार, डॉ. पंकज कुमार सहित अन्य विशेषज्ञ एवं प्रशिक्षणार्थी उपस्थित रहे।