प्रणव प्रकाश के नेतृत्व में नालंदा में शिवाजी समर्थकों का ऐतिहासिक महाजुटानपटना में स्टैच्यू ऑफ गवर्नेंस निर्माण की मांग, 25 हजार से अधिक लोग हुए शामिल

Written by Sanjay Kumar

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संजय कुमार बिहारशरीफ(अपना नालंदा)।छत्रपति शिवाजी महाराज सामाजिक समरसता अभियान की विधिवत शुरुआत रविवार को नालंदा के बिहारशरीफ स्थित श्रम कल्याण केंद्र मैदान से हुई।

इंजीनियर प्रणव प्रकाश के नेतृत्व में आयोजित इस महारैली में 25 हजार से अधिक शिवाजी समर्थक शामिल हुए। यह आयोजन न केवल सामाजिक समरसता के संदेश का वाहक बना, बल्कि शिवाजी महाराज की प्रशासनिक दूरदृष्टि और राष्ट्रनिर्माण में उनके योगदान को पुनर्स्थापित करने का प्रयास भी था।

Historical gathering of Shivaji supporters in Nalanda under the leadership of Pranav Prakash, demand for construction of Statue of Governance in Patna, more than 25 thousand people participated

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से हुई। स्कूल के बच्चों ने शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित मनमोहक नृत्य और गीत प्रस्तुत किए, जिसने उपस्थित जनसमूह को भावविभोर कर दिया।

शिवाजी परिवार ने हमेशा दी है देश को दिशा – प्रणव प्रकाशअभियान के संयोजक इंजीनियर प्रणव प्रकाश ने कहा कि जब-जब देश को कुशल प्रशासन की आवश्यकता महसूस हुई, शिवाजी परिवार ने पूरे निष्ठा और गरिमा से राष्ट्र को दिशा दी है। उ

न्होंने कहा कि शिवाजी महाराज केवल एक युद्धकुशल राजा ही नहीं, बल्कि एक दूरदर्शी प्रशासक भी थे, जिनकी ‘अष्टप्रधान’ प्रणाली, विकेन्द्रीकृत शासन और सामाजिक न्याय आधारित नीतियाँ आज भी प्रासंगिक हैं।

मैरिन ड्राइव पर हो ‘स्टैच्यू ऑफ गवर्नेंस’ का निर्माणप्रणव प्रकाश ने इस अवसर पर सरकार से मांग की कि शिवाजी महाराज की प्रशासनिक क्षमता और आदर्शों को श्रद्धांजलि स्वरूप पटना के मैरिन ड्राइव पर ‘स्टैच्यू ऑफ गवर्नेंस’ की स्थापना की जाए, जो देश की सबसे बड़ी प्रतिमा हो और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहे।

शिवाजी विचारों को गांव-गांव तक पहुंचाएगा अभियानउन्होंने कहा कि यह अभियान नालंदा से शुरू होकर बिहार के अन्य जिलों और प्रखंडों तक फैलेगा। नालंदा के हिलसा, हरनौत, चंडी सहित 20 प्रखंडों से समर्थकों की स्वस्फूर्त भागीदारी ने इसे जनआंदोलन का रूप दे दिया है।

उन्होंने बताया कि शिवाजी परिवार आने वाले विधानसभा चुनावों में भी कुशल प्रशासन की भूमिका निभाने के लिए तैयार है।1994 के बाद पहली बार नालंदा में इतनी बड़ी कुर्मी एकजुटताकार्यक्रम की खासियत यह रही कि 1994 के बाद पहली बार इतनी बड़ी संख्या में कुर्मी समाज के लोग नालंदा में एक मंच पर एकत्रित हुए।

नालंदा, जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गढ़ माना जाता है, वहां छत्रपति शिवाजी के विचारों पर आधारित अभियान की यह शुरुआत राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से ऐतिहासिक मानी जा रही है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ समाजसेवी कामेश्वर प्रसाद सिंह ने की।सभा को संबोधित करने वालों में राजेश्वरी प्रसाद सिंह, अरविंद कुमार पटेल, कुंदन कुमार,रामसागर सिंह, मिथिलेश राजवंशी, डॉ. प्रशांत कुमार, डॉ. सुभाष,

गौतम कुमार सिंह, विक्की, पप्पू, रामप्रीत, चंद्रभान सिंह, अनिल कुमार, नवल किशोर प्रसाद, मनोज कुमार तांती, जैनेन्द्र कुमार, कुंदन कुमार, प्रिंस कुमार और अरुण राजवंशी समेत कई वक्ताओं ने शिवाजी विचारधारा के प्रसार पर बल दिया।कार्यक्रम में आए प्रमुख अतिथियों का तलवार भेंट कर एवं केसरिया साफा बांधकर भव्य सम्मान किया गया।

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