हरनौत का अनोखा स्कूल — पाँच छात्रों पर चार शिक्षक, ढांचागत सुविधाओं का अभाव

Written by Sanjay Kumar

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हरिओम कुमार
हरनौत(अपना नालंदा)। स्थानीय प्रखंड में शिक्षा विभाग द्वारा संचालित एक प्राथमिक विद्यालय की स्थिति व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर करती है। चौरिया पंचायत के प्रावि चिंतामनचक में मात्र पाँच बच्चों की पढ़ाई के लिए चार शिक्षक तैनात हैं। सरकार इन शिक्षकों पर हर महीने लगभग 1.48 लाख रुपये वेतन पर खर्च कर रही है।

प्रधान शिक्षिका पुष्पांजलि कुमारी के अनुसार, स्कूल की स्थापना वर्ष 2007 में हुई थी, जब गाँव के उमेश चंद्र बिहारी ने साढ़े चार कट्ठा जमीन दान की थी। वर्तमान में वर्ग 1, 3 और 5 में एक-एक छात्र, वर्ग 4 में दो छात्र हैं, जबकि वर्ग 2 में कोई नामांकित छात्र नहीं है।

ढांचागत सुविधाओं की हालत बदतर
स्कूल का भवन और परिसर जर्जर स्थिति में है। बरसात में परिसर में जलजमाव हो जाता है, छत का प्लास्टर टूटकर गिरता रहता है, चारदीवारी और शौचालय की हालत भी खराब है। ग्रामीणों का कहना है कि जब स्कूल में बुनियादी सुविधाएँ ही नहीं हैं, तो वे अपने बच्चों को यहाँ भेजना नहीं चाहते। कई परिवार रोज़गार के लिए बाहर पलायन कर चुके हैं।

मिड-डे मील उपले से पकाया जाता है
स्कूल में मध्यान्ह भोजन (मिड-डे मील) गोबर के उपले और लकड़ी जलाकर पकाया जाता है, जिससे धुआँ उठकर बच्चों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। रसोइया मंजू देवी ने बताया कि गैस कनेक्शन उपलब्ध नहीं है और वर्ष 2012 से ही यही व्यवस्था है। हरनौत एमडीएम प्रभारी नंदलाल कुमार ने कहा कि बच्चों की संख्या कम होने के कारण ऐसा किया जाता होगा, लेकिन गैस पर खाना बनना चाहिए, इसकी जाँच की जाएगी।

क्या कहते हैं अधिकारी
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी नितेश कुमार रंजन ने बताया कि मामला संज्ञान में है। गाँव में बच्चों की संख्या कम है, फिर भी पूरी जाँच की जाएगी।

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