अपना नालंदा संवाददाता
बिहारशरीफ। राजगीर प्रखंड के नाहुब पंचायत स्थित सीमा मिडिल स्कूल में रविवार को आयोजित ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम में ग्रामीण महिलाओं ने अपनी समस्याएं व ज़रूरतें खुलकर सामने रखीं। इस संवाद कार्यक्रम ने महिलाओं को एक मंच प्रदान किया, जहाँ उन्होंने न केवल क्षेत्र की प्रमुख समस्याओं की ओर अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया, बल्कि विकास के लिए ठोस सुझाव भी दिए।
स्वास्थ्य सेवाएं और शौचालय सबसे बड़ी ज़रूरत:
महिलाओं ने सबसे पहले स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को रेखांकित करते हुए कहा कि क्षेत्र में प्राथमिक चिकित्सा की सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने एक स्वास्थ्य उपकेंद्र की स्थापना की माँग की। वहीं, खुले में शौच की मजबूरी और उससे जुड़ी असुरक्षा को लेकर उन्होंने सामुदायिक शौचालय निर्माण पर जोर दिया।
सुरक्षित यातायात और शिक्षा पर ज़ोर:
महिलाओं ने छात्राओं और कामकाजी महिलाओं की सुविधा के लिए पिंक बस सेवा शुरू करने की भी मांग की। इसके अलावा क्षेत्र में पुस्तकालय की स्थापना की मांग की गई ताकि युवतियों और छात्रों को अध्ययन के लिए उपयुक्त माहौल मिल सके।
विवाह भवन और तालाब सौंदर्यीकरण की भी उठी मांग:
ग्रामीण महिलाओं ने सामाजिक आयोजनों के लिए विवाह भवन की आवश्यकता बताई। साथ ही, सार्वजनिक तालाब के सौंदर्यीकरण की मांग करते हुए इसे सामुदायिक उपयोग के योग्य बनाने की आवश्यकता बताई।
सरकारी योजनाओं की दी गई जानकारी:
कार्यक्रम की शुरुआत जीविका बीपीएम अमित रंजन सिंह द्वारा महिला सशक्तिकरण पर प्रकाश डालते हुए की गई। प्रखंड विकास पदाधिकारी मुकेश कुमार और कल्याण पदाधिकारी आतिया अंजुम ने महिलाओं को केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। एलईडी वैन के माध्यम से महिला सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाओं का लाइव प्रदर्शन भी किया गया।
महिलाओं की प्रेरक कहानियां बनीं केंद्रबिंदु:
कार्यक्रम में पूनम देवी, क्रांति देवी, नीलम कुमारी, स्वाति कुमारी और सबीना खातून जैसी महिलाओं ने अपने जीवन के प्रेरणादायक अनुभव साझा किए। पूनम देवी ने बताया कि उन्होंने जीविका से जुड़कर बकरी पालन शुरू किया और आत्मनिर्भर बनीं। वहीं क्रांति देवी ने सतत् जीविकोपार्जन योजना से मिले लाभों को साझा किया। स्वाति कुमारी ने लड़कियों की शिक्षा की आवश्यकता पर बल दिया, तो सबीना खातून ने संवाद और ग्रामीण विकास को आपस में जुड़ा बताया।
अन्य प्रमुख माँगें:
महिलाओं ने वृद्धा, विधवा व विकलांग पेंशन की राशि बढ़ाने, वृद्धावस्था पेंशन की आयु सीमा 60 से घटाकर 55 वर्ष करने, जीविका भवन की स्थापना और जीविका ऋण की ब्याज दरों में कमी जैसी माँगें भी रखीं।
इस संवाद में एसी ज्ञानेंद्र, सीसी निधि, सीसी ब्रजेश, सुनील पंडित सहित कई अधिकारी, कार्यकर्ता और स्थानीय महिलाएं बड़ी संख्या में मौजूद रहीं।




