संजय कुमार
बिहारशरीफ(अपना नालंदा)। बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने बुधवार को बिहारशरीफ शहर पहुंचकर प्रसिद्ध इस्लामी विद्वान स्वर्गीय मौलाना अली अरशद शर्फी के आवास पर उनके परिजनों से मुलाकात की और शोक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने मौलाना की सेवाओं को याद करते हुए कहा कि उनके द्वारा किए गए खिदमात (सेवाएं) और लिखी गई पुस्तकें पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा हैं।
राज्यपाल ने कहा, “अगर हम मौलाना की पुस्तकों में लिखी बातों पर अमल करें तो न केवल अपने जीवन को बल्कि पूरे समाज और विश्व को खुशहाल बना सकते हैं।”
राज्यपाल ने मौलाना अली अरशद शर्फी की निजी लाइब्रेरी का अवलोकन किया, जहां उन्हें हाथों से लिखी गई दुर्लभ पुस्तकें देखने को मिलीं। इनमें “मकतुबाते सदी” और “नौशे तौहीद रहमतुल्लाह अलैह” के जीवन पर आधारित पुस्तकें प्रमुख थीं। इसके अलावा कई अन्य बुजुर्गों और सूफी संतों के जीवन पर केंद्रित किताबें भी मौजूद थीं।

इस दौरान राज्यपाल को मौलाना साहब द्वारा लिखी गई लगभग एक दर्जन पुस्तकें भेंट स्वरूप दी गईं। उन्होंने इन पुस्तकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसी रचनाएं समाज को आध्यात्मिक दिशा देने में सक्षम हैं।
मौलाना के पुत्र अहमद गजाली, साहबे सज्जादानशीं सैफ उद्दीन फिरदौसी (पीर साहब), सांसद कौशलेन्द्र कुमार, जदयू जिलाध्यक्ष मो. अरशद, हुस्साम फिरदौसी, मो. मसीह उद्दीन, सैयद आबिद हुसैन, छोटन बिहारी, अली अहमद, जिलाधिकारी कुंदन कुमार, पुलिस अधीक्षक भारत सोनी सहित कई गणमान्य लोग इस अवसर पर उपस्थित रहे।
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने इसके पश्चात बाबा हजरत शेख शर्फ उद्दीन अहमद यहिया मनेरी रह. की दरगाह पर जाकर मजार पर चादरपोशी की। उन्होंने बाबा की मजार पर बिहार सहित पूरे देश और दुनिया में अमन, शांति, भाईचारे और खुशहाली की दुआ मांगी।
इस अवसर पर मित्तनघाट मजार के साहबे सज्जादानशीं हजरत शमीम मोनअमी, सैफ उद्दीन फिरदौसी (पीर साहब) समेत दर्जनों श्रद्धालु एवं समाजसेवी भी मौजूद रहे।