विजय प्रकाश उर्फ पिंनु
नूरसराय(अपना नालंदा)।नालंदा उद्यान महाविद्यालय, नूरसराय में शुक्रवार को इनपुट डीलरों के सातवें बैच को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रणधीर कुमार ने नालंदा, नवादा, जहानाबाद, औरंगाबाद, पटना, मुजफ्फरपुर और वैशाली के डीलरों को प्रमाण पत्र प्रदान किए।
प्राचार्य डॉ. रणधीर कुमार ने किसानों से अपील की कि वे फसल अवशेष जलाने से बचें, क्योंकि इससे मिट्टी में मौजूद लाभदायक जीवाणु नष्ट हो जाते हैं और मिट्टी की उर्वरता घट जाती है। उन्होंने कहा कि यदि मिट्टी की गुणवत्ता खराब होगी तो उत्पादन में गिरावट आएगी।
किसानों को इसके प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है, क्योंकि वे अंधाधुंध यूरिया और रासायनिक खादों का उपयोग कर रहे हैं, जिससे मिट्टी की सेहत खराब हो रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि किसान लिक्विड खाद, नैनो यूरिया और नैनो डीएपी का उपयोग करें, जिससे उत्पादन बेहतर होगा, लागत में कमी आएगी और मिट्टी लंबे समय तक उपजाऊ बनी रहेगी।
रासायनिक खाद के अधिक उपयोग से बढ़ रही बीमारियां
प्राचार्य डॉ. रणधीर कुमार ने कहा कि पंजाब में अत्यधिक रासायनिक खादों के उपयोग के कारण कैंसर जैसी बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं, जो गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने किसानों को जैविक खेती अपनाने और रासायनिक खादों के प्रयोग को सीमित करने की सलाह दी।
रोहिणी नक्षत्र में गहरी जुताई से मिट्टी होगी स्वस्थ – सन्तु मामा
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, सोहडीह के प्रगतिशील किसान सन्तु मामा ने किसानों को रोहिणी नक्षत्र में गहरी जुताई करने की सलाह दी, जिससे कीट और फफूंद जनित बीमारियों का प्रभाव कम होगा। उन्होंने कहा कि किसान रासायनिक खाद के साथ वर्मीकम्पोस्ट का भी उपयोग करें, जिससे खेती की लागत कम होगी और मिट्टी की उर्वरता बनी रहेगी।
कार्यक्रम में कई कृषि वैज्ञानिक रहे मौजूद
इस अवसर पर नोडल पदाधिकारी डॉ. संतोष चौधरी, पीआरओ नेहा कुमारी, डॉ. विनोद कुमार, डॉ. अजीत कुमार, कृषि वैज्ञानिक डॉ. महेश कुमार, नीरज कुमार, आनंद कुमार, प्रेरणा राम, अधीन कुमार, डॉ. सीमा, डॉ. राजीव, डॉ. अंकेश कुमार सहित कई कृषि विशेषज्ञ उपस्थित रहे।