दाखिल-खारिज के नौ साल बाद भी नहीं हुई ऑनलाइन जमाबंदी, फौजी पत्नी ने डीएम से की शिकायत

Written by Sanjay Kumar

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अपना नालंदा संवाददाता
बिहारशरीफ।राजगीर प्रखंड के राजगीर मौजा में दाखिल-खारिज के नौ साल बाद भी जमीन को रजिस्टर टू में दर्ज नहीं किया गया है और न ही ऑनलाइन जमाबंदी कायम की गई है। इस मामले को लेकर कुमारी अनिता सिन्हा, पत्नी निरंजन कुमार (ग्राम कुतलुपुर, थाना बेन, जिला नालंदा) ने जिलाधिकारी शशांक शुभंकर से शिकायत की है।

आवेदिका ने अपने ज्ञापन में बताया कि वर्ष 2015 में उन्होंने राजगीर राजस्व अंचल के मौजा राजगीर में खाता संख्या-255, खेसरा संख्या-3505, रकबा 02 डिसमिल जमीन की खरीदारी की थी। दाखिल-खारिज वाद संख्या-1903/16-17 के तहत उक्त भूमि की दाखिल-खारिज राजगीर अंचलाधिकारी द्वारा स्वीकृत की गई थी।

उन्होंने आरोप लगाया कि दाखिल-खारिज की प्रक्रिया पूरी होने के नौ साल बाद भी संबंधित हल्का कर्मचारी और अंचलाधिकारी द्वारा न तो उनकी जमीन को राजस्व रजिस्टर टू में दर्ज किया गया है और न ही ऑनलाइन जमाबंदी कायम की गई है, जिससे वह ऑनलाइन मालगुजारी रसीद भी नहीं कटवा पा रही हैं।

कुमारी अनिता सिन्हा ने बताया कि इस संबंध में 16 दिसंबर 2023 को उन्होंने सीओ, राजगीर को आवेदन देकर रजिस्टर टू में नाम दर्ज करने और ऑनलाइन जमाबंदी कायम करने का अनुरोध किया था। इसके बाद भी जब कार्रवाई नहीं हुई, तो 14 अगस्त 2024 को ‘परिमार्जन प्लस’ पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन (वाद संख्या-24019341133802) किया गया। आवेदन के आठ महीने बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने गहरी नाराजगी जताई है।

आवेदिका ने यह भी आरोप लगाया कि वह, उनके फौजी पति तथा फुफेरे भाई अनिल कुमार कई बार संबंधित अधिकारियों के समक्ष जाकर निवेदन कर चुके हैं, लेकिन केवल आश्वासन देकर मामले को लगातार टाला जा रहा है। उन्होंने हल्का कर्मचारी पर अकर्मण्यता, लापरवाही और स्वार्थलोलुपता का आरोप लगाया है। आवेदिका ने आशंका जताई है कि मोटी रिश्वत नहीं देने के कारण उनके जमीन की ऑनलाइन जमाबंदी अब तक नहीं की गई है।

कुमारी अनिता सिन्हा ने जिलाधिकारी को भेजे ज्ञापन की प्रतिलिपि मुख्य सचिव, बिहार सरकार; अपर मुख्य सचिव, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग तथा प्रमंडलीय आयुक्त, पटना को भी प्रेषित की है।

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