55 वर्षों की सेवा को समर्पित एक प्रेरणादायक और श्रद्धामयी शाम
मोहम्मद हमजा अस्थानवी
बिहारशरीफ(अपना नालंदा)। मदरसा मोहम्मदिया, इस्तहानवां में रविवार को एक भावनात्मक और गरिमामयी विदाई समारोह का आयोजन किया गया। यह आयोजन मदरसे के पूर्व प्राचार्य मौलाना हाफिज हशमत अली साहब के सम्मान में किया गया, जिन्होंने लगभग 40 वर्षों तक शिक्षक और प्राचार्य के रूप में अपनी निःस्वार्थ सेवा दी। वे 31 मार्च 2025 को सेवानिवृत्त हुए।

समारोह की अध्यक्षता मदरसा प्रबंध समिति के अध्यक्ष जनाब सैयद जुनैद हसन वारसी ने की। मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध इस्लामी विद्वान और अरबी विभाग के व्याख्याता मौलाना अब्दुल वाहिद नदवी (सोगरा कॉलेज, बिहारशरीफ) उपस्थित थे। मंच संचालन मदरसे के शिक्षक हाफिज इकबाल हैदर नदवी ने भावनात्मक अंदाज में किया।
कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 9:30 बजे कुरआन शरीफ की तिलावत से हुई। इसके बाद कार्यवाहक प्राचार्य मुफ्ती सैयद मोहम्मद अमजद आलम ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और मदरसे की प्रगति में समाज के सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।
नात-ए-पाक प्रस्तुतियों और एक भावुक विदाई गीत ने माहौल को भावविभोर कर दिया। वक्ताओं ने मौलाना हशमत अली के योगदान को याद करते हुए उन्हें एक अनुकरणीय शिक्षक, आदर्श प्रशासक और मार्गदर्शक बताया। मौलाना असजद लतीफी नदवी, जनाब फैज़ुद्दीन, हाफिज अख्तर नदवी, जनाब जावेद अशरफ, जनाब शुऐब फसीही और अन्य वक्ताओं ने उनके व्यक्तित्व की सराहना की।
जब मंच पर स्वयं मौलाना हशमत अली पहुंचे तो पूरा पंडाल सन्नाटे में डूब गया। उन्होंने अपने छात्र जीवन से लेकर प्राचार्य बनने तक की 55 वर्षीय सेवा-यात्रा को साझा किया और कहा कि यह संस्था उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा रही है। उन्होंने अपने उत्तराधिकारी मुफ्ती अमजद आलम के सफल नेतृत्व की कामना की।
कार्यक्रम के अंत में उन्हें शॉल, पुष्पमालाएं, प्रशस्तिपत्र और उपहार देकर सम्मानित किया गया। साथ ही, उनकी आत्मकथात्मक पुस्तक “मर्दम-दीदा” का लोकार्पण भी किया गया, जिसमें उन्होंने इस्तहानवां और इसके प्रबुद्धजनों पर आधारित संस्मरण प्रस्तुत किए हैं।
इस अवसर पर मदरसा कौमिया शेखाना के प्राचार्य हाफिज शकील साहब, मौलाना मुरतज़ा साहब (मीर गयास चक), हाफिज रहमत आलम (दिसना), मौलाना मकसूद आलम, डॉ. मंज़र, श्री सलमान अख्तर (मिस्टर मुखिया), मास्टर मजहरुल हक, जनाब शकील इस्तहानवी समेत क्षेत्र के अनेक प्रतिष्ठित लोग उपस्थित थे।
इस आयोजन को सफल बनाने में कार्यवाहक प्राचार्य मुफ्ती अमजद आलम, हाफिज मनीबुद्दीन, हाफिज अख्तर हुसैन, फखर खलील, जावेद साहब, नूरुल हुदा उर्फ मुन्ना सर तथा अन्य स्टाफ सदस्यों की भूमिका सराहनीय रही।
समारोह का समापन मौलाना हशमत अली साहब की दुआ से हुआ।




