राजेश कुमार चौधरी
हिलसा (अपना नालंदा)। बुधवार को INDIA गठबंधन और ट्रेड यूनियनों के संयुक्त आह्वान पर देशव्यापी आम हड़ताल के तहत हिलसा शहर को पूर्णतः बंद कराया गया। बंद का आयोजन केंद्र सरकार और चुनाव आयोग द्वारा लागू की गई मतदाता सघन पुनरीक्षण प्रक्रिया के विरोध में किया गया, जिसे महागठबंधन ने लोकतंत्र और संविधान पर सीधा हमला बताया।
हिलसा के सिनेमा मोड़ पर आयोजित प्रदर्शन में महागठबंधन के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। इस दौरान पूरे क्षेत्र में ‘मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया वापस लो’, ‘संविधान बचाओ – लोकतंत्र बचाओ’, और ‘भाजपा–जदयू की साजिश बंद करो’ जैसे नारों से वातावरण गूंज उठा।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग अपनी निष्पक्षता खो चुका है और सत्तारूढ़ दलों की कठपुतली बन गया है। उन्होंने कहा कि आयोग का काम लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सरल बनाना है, न कि आम मतदाताओं विशेषकर गरीबों, मजदूरों और कमजोर वर्गों को इससे वंचित करना।
वक्ताओं ने कहा कि बिहार की बड़ी आबादी दूसरे राज्यों में पलायन कर मजदूरी करती है और इस पुनरीक्षण प्रक्रिया के जरिए उन्हें मतदान से वंचित किया जा रहा है। यह प्रक्रिया भाजपा और जदयू को लाभ पहुंचाने की मंशा से की जा रही है। सरकार जनता के अधिकारों का हनन कर रही है और लोकतंत्र की जगह राजतंत्र थोपने की कोशिश हो रही है, जिसे महागठबंधन कभी बर्दाश्त नहीं करेगा।
इस मौके पर नवल यादव, अरुण यादव, दिनेश कुमार यादव, ब्रह्मदेव प्रसाद बिंद, संध्या पासवान, चुन्नू चंद्रवंशी, और सुरेंद्र प्रसाद सहित कई नेताओं ने बंद को संबोधित किया और लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखने की बात कही।