अधिकारों की अनदेखी के विरोध में उप मुख्य पार्षदों का बड़ा कदम, मुख्यमंत्री के समक्ष देंगे सामूहिक इस्तीफा

Written by Subhash Rajak

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अपना नालंदा संवाददाता
चंडी। अधिकारों की उपेक्षा और जिम्मेदारियों में भागीदारी नहीं मिलने से आक्रोशित नालंदा जिले के 14 नगर निकायों के उप मुख्य पार्षद एवं एक उप मेयर ने 8 अप्रैल को मुख्यमंत्री के समक्ष सामूहिक इस्तीफा देने की घोषणा की है। यह जानकारी नालंदा जिला उप मुख्य पार्षद संघ के संयोजक प्रवीण कुमार सुमन ने दी।

प्रवीण कुमार सुमन ने कहा कि उप मेयर और उप मुख्य पार्षद भी जनता के द्वारा सीधे वोट देकर चुने गए प्रतिनिधि हैं, लेकिन सरकार ने अब तक इन्हें कोई स्पष्ट अधिकार नहीं दिया है। इस कारण नगर निकायों में मेयर और मुख्य पार्षदों की निरंकुशता बढ़ गई है, जबकि उप प्रतिनिधि जनता के सामने असहाय स्थिति में पहुंच गए हैं। इससे आमजन का विश्वास उप प्रतिनिधियों से कम होता जा रहा है।

उन्होंने कहा कि यदि हमें अधिकार ही नहीं देना था, तो चुनाव ही क्यों कराया गया? आज स्थिति यह है कि ढाई वर्षों का कार्यकाल बीतने के बावजूद विकास कार्यों में उप मुख्य पार्षदों की कोई भूमिका नहीं है। वहीं मेयर और मुख्य पार्षद नगर क्षेत्र में मनमाने ढंग से शासन चला रहे हैं, जिससे कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।

प्रवीण सुमन ने बताया कि लोकतंत्र में जनता के प्रति जवाबदेही जरूरी होती है, लेकिन अधिकार नहीं होने के कारण वे जनता के बीच जाने में लज्जा और संकोच महसूस कर रहे हैं। ऐसे में यह सामूहिक इस्तीफा सरकार को उप प्रतिनिधियों की उपेक्षा पर सोचने के लिए मजबूर करेगा।

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