संजय कुमार
बिहारशरीफ(अपना नालंदा) । राष्ट्रीय जनता दल के जिला प्रवक्ता दीपक कुमार ने गुरुवार को एक प्रेस बयान जारी कर बिहार सरकार द्वारा हाल ही में घोषित प्रखंड स्तरीय 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति को लेकर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस कमेटी में दलितों, अति पिछड़ों और समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों की भागीदारी ना के बराबर है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
“चुनाव पूर्व खास लोगों को खुश करने की साजिश”
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दीपक कुमार ने आरोप लगाया कि इस कमेटी की घोषणा आगामी लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए की गई है और इसमें कुछ खास लोगों को लाभ पहुंचाने की मंशा छिपी हुई है। उन्होंने कहा कि यह फैसला बिहार सरकार की कथित पक्षपातपूर्ण नीति को दर्शाता है, जिसमें सामाजिक न्याय की भावना गौण होती जा रही है।
“तेजस्वी यादव के नेतृत्व में हुआ था जातीय जनगणना और आरक्षण विस्तार”
राजद प्रवक्ता ने महागठबंधन सरकार के कार्यकाल की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार में ऐतिहासिक जातीय जनगणना कराई गई थी, जिसके आधार पर राज्य में 75 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया। यह सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम था।
“नीतीश कुमार के विचारों में बदलाव”
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि महागठबंधन से अलग होने के बाद नीतीश कुमार के विचार और व्यवहार दोनों में बदलाव आ गया है। एक ओर वे भाजपा के साथ वक्फ बिल जैसे मुद्दों पर खड़े नजर आते हैं, वहीं दूसरी ओर खुद को धर्मनिरपेक्ष साबित करने की कोशिश करते हैं। उन्होंने इसे अवसरवाद और दोहरी राजनीति का उदाहरण बताया।
“जदयू का असली चेहरा बेनकाब”
दीपक कुमार ने कहा कि जनता दल यूनाइटेड का असली चेहरा अब जनता के सामने आ चुका है। यह सरकार अनुसूचित जाति, अति पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों के प्रति विरोधी रवैया रखती है। उन्होंने कहा कि आने वाले चुनावों में जनता इसका मुंहतोड़ जवाब देगी।
“तेजस्वी यादव की नीतियों पर है जनता का भरोसा”
राजद प्रवक्ता ने कहा कि बिहार की जनता को तेजस्वी यादव की ‘कमाई, सिंचाई, दवाई, सुनवाई और कार्रवाई’ की नीति पर पूरा भरोसा है। आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों में जनता उन्हें पूर्ण समर्थन देगी और बिहार में एक कुशल, समावेशी और विकासोन्मुख सरकार का गठन होगा।