साइबर अपराधियों ने रेल कर्मी को डिजिटल अरेस्ट कर उड़ाए 1.60 लाख रुपये

Written by Subhash Rajak

Published on:

हरनौत (नालंदा)। साइबर अपराधियों ने हरनौत रेल कारखाना (हरेका) के कर्मी को डिजिटल अरेस्ट कर 1 लाख 60 हजार रुपये की ठगी का शिकार बना लिया। पीड़ित विकास कुमार, भोजपुर जिले के जगदीशपुर थाना अंतर्गत गणपत टोला निवासी हैं और वर्तमान में हरेका में एचआरएस शॉप में हेल्पर के पद पर कार्यरत हैं।

कैसे हुई ठगी?
पीड़ित ने बताया कि 31 जनवरी को उनके मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को साइबर क्राइम दिल्ली और सीबीआई अधिकारी बताया। उन्हें डराया गया कि उनके खिलाफ दिल्ली में केस दर्ज है और गलत तरीके से धन जमा करने के आरोप हैं। गिरफ्तारी का भय दिखाकर आरबीआई से क्लीयरेंस और कोर्ट जमानत राशि के नाम पर 1.60 लाख रुपये की मांग की गई, जिसे विकास कुमार ने ट्रांसफर कर दिया।

डिजिटल अरेस्ट का भय
ठगों ने उन्हें लगातार सीबीआई नंबर पर जुड़े रहने के लिए कहा और धमकी दी कि यदि किसी को इसकी जानकारी दी तो उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा। बाद में विकास कुमार को समझ आया कि वह साइबर ठगी का शिकार हो गए हैं।

पुलिस ने शुरू की कार्रवाई
प्रभारी थानाध्यक्ष गणेश राय ने बताया कि पीड़ित के आवेदन पर पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। मामले की तहकीकात की जा रही है और साइबर अपराधियों का पता लगाने के लिए प्रयास जारी है।

साइबर अपराध से बचाव के उपाय

  • किसी अज्ञात नंबर से आने वाली कॉल पर वित्तीय जानकारी साझा न करें।
  • बैंक या सरकारी एजेंसियां फोन पर गिरफ्तारी की धमकी नहीं देती हैं।
  • ऐसी घटनाओं की तुरंत पुलिस या साइबर सेल में शिकायत करें।

यह घटना साइबर अपराध के बढ़ते खतरे को दर्शाती है। लोगों को सतर्क रहने और डिजिटल लेनदेन में सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

Leave a Comment