नेहुसा पंचायत के किसानों की फसल जलमग्न, जमींदारी बांध निर्माण की उठी मांग

Written by Subhash Rajak

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हरिओम कुमार
हरनौत(अपना नालंदा)। स्थानीय प्रखंड में शुक्रवार को 36.6 मि.मी. वर्षा रिकॉर्ड की गई। कृषि विभाग के अनुसार, इस विपणन वर्ष में प्रखंड में कुल 12,123 हेक्टेयर भूमि पर धान की रोपनी की गई है। वहीं, नेहुसा पंचायत के किसान इन दिनों भय और आक्रोश में हैं।

किसानों का कहना है कि किसी ने पट्टे पर जमीन लेकर, तो किसी ने अपनी ही भूमि पर हजारों रुपये खर्च कर धान की रोपनी की थी, लेकिन लगातार हो रही बारिश और बाढ़ के पानी ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया है। सैकड़ों बीघा में लगी फसल जलमग्न हो चुकी है। किसान मजबूरी में मोटर पंप लगाकर दिन-रात खेतों से पानी निकालने की कोशिश कर रहे हैं, मगर बार-बार हो रही बारिश से पानी घटने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है।

किसानों का आरोप है कि अब तक विभाग के आलाधिकारियों ने मौके पर आकर स्थिति का जायजा तक नहीं लिया है। नेहुसा पंचायत के सरपंच सह शेरपुर निवासी किसान प्रेम राज उर्फ बिट्टुरी समेत दर्जनों किसानों ने बताया कि जमींदारी बांध नहीं होने के कारण पंचायत के चार गांव — शेरपुर, गोखूलपुर, नेहुसा और तीरा — हर साल बर्बादी का सामना करते हैं। यहां का पानी निकास भी बाधित रहता है, जिससे फसल डूब जाती है। किसानों ने बताया कि दो शटर गेट की भी सख्त आवश्यकता है।

किसानों का कहना है कि यदि जमींदारी बांध का निर्माण हो जाए तो यह सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण दोनों के लिए लाभकारी होगा। इस बार करीब 300 बीघा धान रोपनी जलमग्न हो गई, जिसमें से 100 बीघा से अधिक फसल पानी में सड़कर नष्ट हो चुकी है।
किसानों ने सरकार से मांग की है कि प्राकृतिक आपदा को देखते हुए उनकी फसल का त्वरित सर्वे कराया जाए और उचित मुआवजा दिया जाए। वहीं, प्रखंड कृषि पदाधिकारी (बीएओ) बृज किशोर चरण ने बताया कि पूरे प्रखंड की रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

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