अपना नालंदा संवाददाता
हरनौत। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा राज्य में 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की हालिया घोषणा पर कांग्रेस नेता सह पूर्व विधायक अनिल सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इसे “चुनावी साल में जनता को लुभाने की रणनीति” बताया है और कहा कि यह केवल एक चुनावी हथकंडा है।
पूर्व विधायक श्री सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार पहले खुद मुफ्त बिजली देने के खिलाफ थे। वे यह तर्क देते थे कि बिजली की दरें कम हो सकती हैं, लेकिन मुफ्त बिजली देना गलत है। अब जब 2025 का विधानसभा चुनाव नजदीक है और हार की आशंका है, तो उन्होंने अपने ही पुराने बयान से पलटी मार ली है।
उन्होंने कहा कि यह घोषणा आम जनता को भ्रमित करने के लिए की गई है। बिहार की जनता अब इन बातों को भलीभांति समझती है। श्री सिंह ने किसानों के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि किसान सालभर बिजली बिल भरते हैं, जबकि उन्हें सिर्फ 5 से 6 महीने ही बिजली की जरूरत होती है। ऐसे में किसानों को पूरी तरह मुफ्त बिजली दी जानी चाहिए।
पूर्व विधायक ने नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि औद्योगीकरण, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे अहम क्षेत्रों में बिहार अब भी देश के 28 बड़े राज्यों में सबसे निचले पायदान पर है।
कानून-व्यवस्था पर हमला बोलते हुए श्री सिंह ने कहा कि बिहार में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। हाल ही में एक अस्पताल के आईसीयू में घुसकर अपराधियों ने हत्या कर दी, जो साफ दर्शाता है कि राज्य में गुंडाराज कायम है।
नीतीश सरकार को भाजपा की कठपुतली बताते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री को भाजपा ने बंधक बना लिया है और सरकार पूरी तरह से उनके दबाव में काम कर रही है।