हरिओम कुमार
हरनौत (अपना नालंदा)। प्रखंड के सरथा पंचायत स्थित प्राथमिक विद्यालय टाडा़पर में शिक्षा विभाग की लापरवाही से छात्रों का भविष्य खतरे में है। स्कूल का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है, छत से पानी टपकता है और दीवारों में गहरी दरारें हैं। बारिश के मौसम में बच्चे भीगती छत के नीचे पढ़ाई करने को विवश हैं, जिससे शिक्षक और छात्र दोनों के बीच भय का माहौल है।
विद्यालय के शिक्षक व पूर्व प्रधानाध्यापक हिमांशु कुमार ने बताया कि स्कूल की स्थापना वर्ष 1972 में हुई थी और वर्तमान में दो ही कमरों में पढ़ाई हो रही है। वर्ष 2020 में जर्जर स्थिति के कारण बीईओ (चंडी) के निर्देश पर स्कूल को प्राथमिक विद्यालय गिरधरचक में शिफ्ट किया गया था। बाद में ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा कर मरम्मत कराई और बीईओ (हरनौत) के निर्देश पर स्कूल को पुनः पुराने भवन में शिफ्ट कर दिया गया। लेकिन समस्या बरकरार है—बरसात में छत से लगातार पानी टपकता है, जिससे बच्चों की किताबें और स्कूल के जरूरी दस्तावेज भीग जाते हैं। भवन की बीम, दीवारें और फर्श में दरारें भी हादसे को न्योता दे रही हैं।

समस्या पर दो बार दिया गया आवेदन, लेकिन कार्रवाई नहीं
शिक्षक हिमांशु कुमार ने बताया कि विद्यालय में कक्षा 1 से 5 तक कुल 33 छात्र नामांकित हैं, जिन्हें चार शिक्षक पढ़ाते हैं। उन्होंने बताया कि समस्या को लेकर दो बार शिक्षा विभाग को आवेदन दिया गया, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
स्थानीय लोगों की मांग—स्कूल को आंगनबाड़ी भवन में शिफ्ट किया जाए
समाजसेवी सुरेश सिंह, ग्रामीण सुनील कुमार और हिमांशु कुमार ने शिक्षा विभाग से मांग की है कि विद्यालय को पास में स्थित मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र (केंद्र संख्या 227) के खाली भवन में अस्थायी रूप से शिफ्ट कर दिया जाए या फिर किसी अन्य सुरक्षित भवन में स्थानांतरित किया जाए।

बीईओ ने क्या कहा?
इस संबंध में बीईओ नितेश कुमार रंजन ने बताया कि विद्यालय भवन की समस्या संज्ञान में है। उन्होंने कहा कि नया भवन निर्माण की प्रक्रिया में है। हालांकि, छत से पानी टपकने और स्कूल को अस्थायी रूप से शिफ्ट करने के सवाल पर वे मौन रहे।




