अजयपुर में आम रास्ते पर अतिक्रमण का मामला: अंचलाधिकारी पर पक्षपात का आरोप, डीएम को दिया आवेदन

Written by Subhash Rajak

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अपना नालंदा संवाददाता
बिहारशरीफ । नालंदा जिले के नूरसराय प्रखंड अंतर्गत ग्राम अजयपुर में आम रास्ते पर अतिक्रमण का मामला गंभीर रूप लेता जा रहा है। इस संबंध में एक परिवादी अरविंद कुमार ने जिलाधिकारी को आवेदन देकर पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराते हुए कार्रवाई की मांग की है।

परिवादी अरविंद कुमार के अनुसार, मौजा अजयपुर, थाना संख्या 62, खाता संख्या 425, खेसरा संख्या 1124, रकबा 0.23 एकड़ भूमि खतियान में अनावाद सर्वसाधारण किस्म की जमीन है, जिसे आम रास्ता के रूप में दर्ज किया गया है। अंचलाधिकारी, नूरसराय द्वारा इस तथ्य की पुष्टि की जा चुकी है।

अतिक्रमण के खिलाफ कई स्तरों पर शिकायतें, फिर भी कार्रवाई अधूरी

ग्रामीण अरविंद कुमार की ओर से उक्त आम रास्ते पर अतिक्रमण हटवाने के लिए कई बार अंचलाधिकारी से लेकर लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, बिहारशरीफ और अपर समाहर्त्ता नालंदा तक गुहार लगाई गई। शिकायत सही पाए जाने पर अंचलाधिकारी ने अतिक्रमण वाद संख्या 17/2023-24 दर्ज भी किया, लेकिन despite सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बावजूद अब तक अतिक्रमण पूरी तरह से नहीं हटाया गया।

प्रभावशाली अतिक्रमणकारियों पर आरोप, अंचलाधिकारी की निष्क्रियता पर सवाल

आवेदन में आरोप लगाया गया है कि अतिक्रमणकारी आर्थिक रूप से प्रभावशाली एवं दबंग परिवार से हैं, जो प्रशासनिक अधिकारियों पर दबाव बनाकर मामले को रफा-दफा कराने का प्रयास कर रहे हैं। यह भी कहा गया है कि अंचलाधिकारी द्वारा जानबूझकर कार्रवाई को अधूरा छोड़ दिया गया, जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।

दिनांक 29 मई 2024 को अंचलाधिकारी द्वारा जेसीबी मशीन लाकर कार्रवाई का प्रयास किया गया, जिसे मात्र “खनापूर्ति” बताया गया। परिवादी का आरोप है कि कार्रवाई के दौरान न तो उन्हें सूचना दी गई और न ही चिन्हित अतिक्रमण स्थल से अतिक्रमण को पूरी तरह हटाया गया।

सूचना के अधिकार के तहत भी जवाब टालमटोल भरा

जब परिवादी ने आरटीआई (सूचना का अधिकार अधिनियम) के तहत वाद से संबंधित दस्तावेजों और आदेश की प्रतियां मांगीं, तो जवाब दिया गया कि वाद में कोई अंतिम आदेश पारित नहीं किया गया है। इससे सवाल उठता है कि बिना किसी अंतिम आदेश के जेसीबी ले जाकर कार्रवाई कैसे की गई?

परिवादी ने अपने आवेदन के साथ अपर समाहर्त्ता न्यायालय, लोक शिकायत निवारण प्राधिकरण, और सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त उत्तरों की प्रतियां तथा स्थल की फोटो साक्ष्य भी संलग्न की हैं।

पटना प्रमंडल आयुक्त को भी भेजी गई है प्रतिलिपि

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए आवेदन की एक प्रतिलिपि आयुक्त, पटना प्रमंडल को भी सादर प्रेषित की गई है, ताकि उच्च स्तर से उचित हस्तक्षेप किया जा सके।

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