नालंदा उद्यान महाविद्यालय में मनाया जा रहा गाजर घास उन्मूलन सप्ताह

Written by Subhash Rajak

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विजय प्रकाश उर्फ पिन्नु
नूरसराय(अपना नालंदा)। नालंदा उद्यान महाविद्यालय, नूरसराय में गाजर घास उन्मूलन सप्ताह की शुरुआत की गई। महाविद्यालय के सभागार में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य डॉ. रणधीर कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के वैज्ञानिक, कर्मी और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

प्राचार्य डॉ. रणधीर कुमार ने बताया कि गाजर घास के लगातार संपर्क में आने से मनुष्यों में एक्जिमा, एलर्जी, बुखार और दमा जैसी बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं। यह घास पशुओं के लिए भी अत्यधिक विषाक्त है।

कृषि वैज्ञानिक डॉ. सी.एस. आजाद ने कहा कि गाजर घास को खत्म करने के लिए प्राकृतिक शत्रु कीट मेक्सिकन बीटल का उपयोग प्रभावी साबित हो सकता है। वहीं वैज्ञानिक डॉ. महेश कुमार, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. दिव्या तिवारी, डॉ. रामबाबू रमण और डॉ. ए.पी. सिंह ने इस घास के उन्मूलन पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि गाजर घास की प्रजनन क्षमता अत्यधिक होती है। एक पौधा से 10 से 25 हजार तक बीज उत्पन्न हो सकता है, जिसके कारण यह तेजी से फैलती है। कार्यक्रम के दौरान वैज्ञानिकों, कर्मचारियों और छात्रों ने महाविद्यालय परिसर में उगी गाजर घास को उखाड़कर नष्ट भी किया।

मौके पर पीआरओ डॉ. बिनोद कुमार, ई. मनीष, संजय कुमार सिंह, बिर बहादुर सिंह, डॉ. सीमा, डॉ. विजय कुमार, डॉ. नेहा रानी, डॉ. नीरू, डॉ. देवेंद्र मंडल, कुमारी आरती, डॉ. पुष्पा कुमारी, डॉ. जया कुमारी, डॉ. फातिमा प्रवीण, डॉ. पंकज कुमार मंडल समेत कई वैज्ञानिक और कर्मचारी उपस्थित थे।

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