बामसेफ नालंदा जिला कमेटी का पुनर्गठन, नवचयनित पदाधिकारियों को किया गया सम्मानित

Written by Subhash Rajak

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अपना नालंदा संवाददाता
बिहारशरीफ। बामसेफ नालंदा की जिला स्तरीय बैठक एवं प्रशिक्षण सत्र का आयोजन न्यू रहुई रोड, लोहगानी-सोहराय स्थित एक निजी अस्पताल परिसर में किया गया। इस दौरान जिला कमेटी के पुनर्गठन के साथ-साथ “मूल निवासी संघ” की नई जिला इकाई का भी गठन किया गया। बैठक की अध्यक्षता बामसेफ राज्य परिषद सदस्य एवं कैडर प्रशिक्षक डॉ. राजीव रंजन ने की।

जिला कमेटी का पुनर्गठन
बैठक के दौरान बामसेफ जिला प्रभारी सह पर्यवेक्षक सुरेश कुमार सुमन और बामसेफ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य आलोक कुमार की देखरेख में जिला कमेटी का पुनर्गठन किया गया।
नई कमेटी में रंजीत पासवान को अध्यक्ष, राकेश बिहारी शर्मा को उपाध्यक्ष, जाहिद हुसैन को सचिव, राजेश कुमार रमण को संगठन सचिव तथा शिक्षक अजय कुमार को कार्यालय सचिव बनाया गया। इसके अतिरिक्त कार्यकारिणी में नौ अन्य सदस्यों को भी मनोनीत किया गया।

मूल निवासी संघ का भी पुनर्गठन
पुनर्गठित “मूल निवासी संघ” में दिलीप कुमार चौहान को अध्यक्ष, रामाश्रय पासवान को महासचिव, श्रवण दास और नगीना पासवान को उपाध्यक्ष, अरुण कुमार और दीपक मिस्त्री को संगठन सचिव, तथा चिंटू कुमार को कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया। इस पूरी प्रक्रिया का संचालन राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य आलोक कुमार की निगरानी में किया गया।

संगठन का उद्देश्य और विस्तार
प्रशिक्षण सत्र को संबोधित करते हुए बामसेफ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य आलोक कुमार ने संगठन के इतिहास, उद्देश्य और कार्यशैली पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बामसेफ देशभर में पिछड़े, अतिपिछड़े, अल्पसंख्यक और दलित समाज के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहा है। उन्होंने बताया कि बामसेफ ने महापुरुषों के मिशन को पुनर्जीवित कर राष्ट्रव्यापी आंदोलन का रूप दिया है।

उन्होंने संगठन की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि बामसेफ ने देश के 31 राज्यों, 550 जिलों, 4500 तहसीलों, 25 हजार ब्लॉकों और 2.5 लाख गांवों तक अपनी पहुंच बनाई है। बामसेफ ने ओबीसी की जातिगत गणना, मंडल कमीशन का इतिहास, भक्ति आंदोलन की वास्तविकता, महापुरुषों का योगदान और दलित समाज के साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय को उजागर किया है।

संगठनात्मक सशक्तिकरण पर जोर
राज्य परिषद सदस्य डॉ. राजीव रंजन ने अपने संबोधन में कहा कि बामसेफ सिर्फ विचारधारा का प्रचार नहीं करता, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों को मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य करता है। उन्होंने बताया कि मूल निवासी संघ बामसेफ का एक सशक्त सामाजिक अंग है, जो संविधान और महापुरुषों की विचारधारा पर आधारित जागरूकता फैलाने का कार्य कर रहा है।

उन्होंने संगठनात्मक व्यवहार और नेतृत्व विकास के प्रशिक्षण की महत्ता पर बल देते हुए कहा कि संगठन की स्थिरता और दीर्घकालिक सफलता इसी पर निर्भर करती है।

सत्र में प्रस्तुत की गई रिपोर्ट
संगठन सचिव राजेश कुमार रमण ने अपने कार्यकाल का अनुभव साझा करते हुए संगठन के विस्तार और जिले की ज्वलंत समस्याओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने वार्षिक रिपोर्ट बैठक में प्रस्तुत की, जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। इसके बाद कोषाध्यक्ष द्वारा आय-व्यय विवरण और वित्तीय वर्ष 2024-25 की योजना भी रखी गई, जिसे प्रश्नोत्तर के बाद बैठक में अनुमोदन प्राप्त हुआ।

बैठक में उपस्थित प्रमुख लोग
बैठक में संविधान प्रबोधक श्रीकांत कुमार, धनंजय कुमार, केशो जमादार, रामाश्रय पासवान, रामफल पंडित, वीरेंद्र प्रसाद, मो. शाहनवाज आलम, श्रवण रविदास, उमेश कुमार, महेंद्र प्रसाद, नगीना पासवान, अरुण कुमार, विश्वामित्र जमादार समेत दर्जनों कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे।
सभी नवचयनित पदाधिकारियों को “बामसेफ” पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया गया।

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