सैदवरही विद्यालय में बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता रैली, बेटियों की शिक्षा को लेकर बुलंद हुई आवाज

Written by Subhash Rajak

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अपना नालंदा संवाददाता
थरथरी ।गुरुवार को सैदवरही उच्च विद्यालय में बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीति के खिलाफ एक विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया। इस अभियान का आयोजन पिरामल फाउंडेशन के प्रतिनिधि एवं गांधी फेलो ईश्वर पाल के नेतृत्व में किया गया। अभियान का उद्देश्य “ड्रॉपआउट फ्री पंचायत” की दिशा में कार्य करते हुए बाल विवाह पर रोक लगाना और बेटियों को दोबारा स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करना था।

विद्यालय के प्रधानाध्यापक चंद्रमणि कुमार एवं अन्य शिक्षकों के सहयोग से इस अभियान को सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया गया। कार्यक्रम के तहत छात्राओं और छात्रों द्वारा एक जागरूकता रैली भी निकाली गई, जो गांव के हर टोले और मोहल्ले तक पहुंची।

रैली में छठी से दसवीं कक्षा तक की छात्राओं ने भाग लिया। बच्चों ने हाथों में पोस्टर और बैनर लिए हुए नारे लगाए, जैसे— “बाल विवाह बंद करो”, “बेटी पढ़ाओ, समाज बचाओ”, “शिक्षित बेटी, समृद्ध राष्ट्र”, आदि। छात्राओं ने बाल विवाह के खिलाफ समाज को सशक्त संदेश देते हुए कहा कि जिन लड़कियों ने पढ़ाई छोड़ दी है, उन्हें दोबारा स्कूल में नामांकित कराना चाहिए।

रैली के दौरान बेटियों ने महिलाओं के अधिकार और शिक्षा के महत्व पर भी अपनी आवाज बुलंद की। उन्होंने बताया कि बिहार सरकार द्वारा बालिकाओं के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जैसे— 9वीं कक्षा में छात्रवृत्ति, साइकिल योजना आदि, जो बेटियों को पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।

गांव के कई लोग रैली के दौरान रास्ते में खड़े होकर बच्चों के उत्साह को देखकर प्रभावित हुए और इस मुहिम की सराहना की।

ईश्वर पाल ने बताया कि यह अभियान केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि समाज में जागरूकता की एक शुरुआत है। बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई को मिटाकर ही बेटियों के उज्ज्वल भविष्य की नींव रखी जा सकती है।

यह जागरूकता अभियान न केवल बाल विवाह के विरुद्ध एक सशक्त कदम रहा, बल्कि बेटियों की शिक्षा को लेकर समाज में सकारात्मक सोच विकसित करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण प्रयास साबित हुआ।

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