अपना नालंदा संवाददाता
राजगीर।नालंदा जिले के सिलाव प्रखंड ने एक और गौरवशाली उपलब्धि अपने नाम की है। सिलाव डीह निवासी अंशु प्रकाश ने भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर बनकर न सिर्फ अपने परिवार, बल्कि पूरे जिले और राज्य का मान बढ़ाया है। उनकी इस अभूतपूर्व सफलता से इलाके में खुशी और गर्व का माहौल है।
किसान परिवार से सैन्य सेवा तक का सफर
अंशु प्रकाश एक साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वे शिक्षक रामाकांत सिंह के पौत्र और राजेश कुमार के पुत्र हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा सिलाव के स्थानीय विद्यालयों से हुई। इसके बाद उन्होंने दून पब्लिक स्कूल और फिर सैनिक स्कूल तिलैया में अध्ययन किया। सैनिक स्कूल की पढ़ाई के दौरान उन्होंने अनुशासन, नेतृत्व और राष्ट्र सेवा की भावना को आत्मसात किया।
एनडीए से लेकर वायुसेना तक की उड़ान
सैनिक स्कूल से निकलने के बाद अंशु प्रकाश का चयन राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में हुआ, जो देश के सबसे प्रतिष्ठित सैन्य प्रशिक्षण संस्थानों में से एक है। यहाँ तीनों सेनाओं – थल, जल और वायु – के कैडेटों को शारीरिक, मानसिक और रणनीतिक प्रशिक्षण दिया जाता है।
एनडीए के कठिन और अनुशासित प्रशिक्षण को पार करते हुए अंशु ने भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर के पद पर नियुक्त होकर अपने सपनों को साकार किया।
सफलता की प्रेरणादायक कहानी
अंशु प्रकाश की यह सफलता यह सिद्ध करती है कि सीमित संसाधनों और ग्रामीण परिवेश से आने के बावजूद, यदि संकल्प मजबूत हो और परिश्रम निरंतर हो तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। उनकी इस उपलब्धि से नालंदा जिले विशेषकर सिलाव क्षेत्र के युवाओं में नई ऊर्जा और प्रेरणा का संचार हुआ है।
गांव में जश्न का माहौल
अंशु के फ्लाइंग ऑफिसर बनने की खबर जैसे ही क्षेत्र में फैली, बधाई देने वालों का तांता लग गया। उनके घर में मिठाइयां बांटी गईं और परिजनों ने खुशी ज़ाहिर करते हुए कहा कि यह सफलता पूरे समाज के लिए गर्व का विषय है।
स्थानीय लोग, जनप्रतिनिधि, शिक्षक, और युवाओं ने अंशु को हार्दिक शुभकामनाएं दीं और उम्मीद जताई कि वे भविष्य में देश की सेवा में और भी ऊँचाइयों को छुएंगे




