प्रेम कुमार
बिहारशरीफ (अपना नालंदा)।अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 के अवसर पर महाबोधि महाविद्यालय, नालंदा के राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) इकाई के तत्वावधान में महाविद्यालय सभागार में योग अभ्यास कार्यक्रम का आयोजन उत्साह और उमंग के साथ किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षकों, शिक्षकेत्तर कर्मचारियों, छात्र-छात्राओं एवं NSS स्वयंसेवकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और योग के महत्व को जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अरविंद कुमार ने उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए कहा, “योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि यह जीवन जीने की एक कला है। एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है। आज की भागदौड़ भरी दिनचर्या में मानसिक और शारीरिक संतुलन बनाए रखने के लिए योग को जीवनशैली में शामिल करना अत्यंत आवश्यक है।”
कार्यक्रम में विशेष रूप से आमंत्रित योग गुरु चंदन कुमार ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की इस वर्ष की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि “ग्लोबल वार्मिंग और बदलते पर्यावरण के कारण हमारी जीवनशैली और स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में हमें योग को अपने जीवन में आत्मसात कर मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से स्वयं को सशक्त बनाना चाहिए। योग ही एकमात्र माध्यम है, जो हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाना सिखाता है।”
राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रो. सुधीर कुमार वर्मा, प्रो. आनंद मूर्ति और पीटीआई विकास कुमार ने कार्यक्रम की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस अवसर पर प्रो. (डॉ.) ललन कुमार पांडेय, डॉ. रेणुका कुमारी, मंजू कुमारी, डॉ. रामाशीष प्रसाद, डॉ. कौशलेंद्र कुमार, डॉ. रामानुज प्रसाद, प्रो. अरुण कुमार, डॉ. सुरेश प्रसाद, डॉ. शशि भूषण प्रसाद, नारायण कुमार, खुशबू कुमारी, सलोनी कुमारी, लबली कुमारी सहित अनेक छात्र-छात्राओं ने योगाभ्यास में भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनाया।
योग अभ्यास सत्र में प्रतिभागियों ने विभिन्न योगासन एवं प्राणायाम जैसे ताड़ासन, वृक्षासन, भुजंगासन, अनुलोम-विलोम, कपालभाति आदि का अभ्यास किया। योग गुरु ने प्रत्येक आसन की विधि एवं उससे मिलने वाले लाभों की विस्तृत जानकारी दी। पूरा सभागार सकारात्मक ऊर्जा और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता से ओत-प्रोत रहा।

कार्यक्रम के अंत में प्रो. सुधीर कुमार वर्मा ने नियमित योगाभ्यास को जीवन में शामिल करने की अपील करते हुए उपस्थित अतिथियों, शिक्षकों, स्वयंसेवकों और विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया।
महाविद्यालय परिवार ने इस आयोजन के माध्यम से यह संदेश दिया कि योग अपनाकर हम न केवल स्वयं को, बल्कि समस्त पृथ्वी को स्वस्थ रख सकते हैं।