संजय कुमार
बिहारशरीफ (अपना नालंदा)।
राजगीर जू सफारी में मकड़ियों की पहचान, उनकी प्रजातियों और पारिस्थितिक महत्व को लेकर एक विशेष व्याख्यान सह सर्वेक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर केरल स्थित महात्मा गांधी विश्वविद्यालय के पीएचडी शोधार्थी गौतम कदम ने सफारी गाइड्स, वनकर्मियों एवं अन्य सहयोगियों को मकड़ियों की विविध प्रजातियों, उनकी जीवन-शैली और जैव-विविधता में उनकी अहम भूमिका के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
कार्यक्रम के दौरान गौतम कदम ने वन्यजीव सफारी क्षेत्र का सर्वेक्षण कर लगभग 40 विभिन्न प्रजातियों की मकड़ियों की पहचान की। उन्होंने मकड़ियों की संरचना, निवास स्थान, भोजन की आदतों तथा पारिस्थितिक तंत्र में उनके योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। यह सर्वेक्षण राजगीर जू सफारी क्षेत्र की समृद्ध जैव-विविधता को दर्शाता है।
राजगीर जू सफारी के निदेशक रामसुंदर एम ने कहा कि यह व्याख्यान एवं सर्वेक्षण सत्र पर्यावरण शिक्षा और जन-जागरूकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम से सफारी गाइड्स को पर्यटकों को मकड़ियों और उनके पारिस्थितिक महत्व के बारे में सही एवं प्रभावी जानकारी देने में सहायता मिलेगी।
उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन न केवल जैव-विविधता संरक्षण को बढ़ावा देते हैं, बल्कि पर्यावरण के प्रति समाज में जागरूकता और संवेदनशीलता भी विकसित करते हैं। राजगीर जू सफारी भविष्य में भी इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीवों के प्रति जनमानस की रुचि बढ़ाने के लिए सतत प्रयास करता रहेगा।







