संजय कुमार
बिहारशरीफ(अपना नालंदा)।शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जिला मुख्यालय स्थित ऐतिहासिक नालंदा कॉलेज के मतगणना केंद्र में सुबह से ही वोटों की गिनती शुरू हो गई। भारी सुरक्षा, सीसीटीवी निगरानी और तीन-स्तरीय चेकिंग के बीच मतगणना शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुई। शुरूआती राउंड से ही नालंदा जिले में एनडीए गठबंधन की बढ़त स्पष्ट दिखाई देने लगी, जो अंत तक भारी जीत में तब्दील हो गई।
नालंदा की सभी सात विधानसभा सीटें – हिलसा, अस्थावां, हरनौत, नालंदा, बिहारशरीफ, राजगीर और इस्लामपुर पर एनडीए उम्मीदवार विजयी हुए। इनमें से छह सीटें जदयू के खाते में गईं, जबकि एक सीट पर भाजपा ने जीत हासिल की।

दोनों मंत्री श्रवण कुमार और डॉ. सुनील कुमार की शानदार जीत
नालंदा जिले से दो मंत्री—
1. श्रवण कुमार (नालंदा)
2. डॉ. सुनील कुमार (बिहारशरीफ)
—ने प्रभावशाली जीत दर्ज की। शुरुआती राउंड से ही दोनों मंत्रियों ने मजबूत पकड़ बनाए रखी और अंत तक अपनी बढ़त को विशाल अंतर में बदल दिया।
डॉ. सुनील कुमार ने कांग्रेस प्रत्याशी उमैर खान को 29,168 मतों से पराजित किया। उन्होंने कुल 1,09,304 वोट प्राप्त किए, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी उमैर खान को 80,136 वोट मिले।
वहीं मंत्री श्रवण कुमार ने नालंदा सीट पर 33,008 मतों से जीत दर्ज की। उन्होंने 1,05,432 वोट हासिल किए, जबकि प्रतिद्वंदी कौशलेंद्र कुमार को 72,424 वोट मिले।
हरनौत से हरिनारायण सिंह की ऐतिहासिक 10वीं जीत
हरनौत विधानसभा क्षेत्र में वरिष्ठ नेता हरिनारायण सिंह ने इतिहास रच दिया। उन्होंने लगातार 10वीं बार जीत दर्ज की। उन्होंने कांग्रेस के अरुण कुमार को 48,335 वोटों के बड़े अंतर से हराया।
हरिनारायण सिंह को कुल 1,06,954 वोट मिले, जबकि अरुण कुमार को 58,619 वोट प्राप्त हुए। इस जीत के साथ हरनौत क्षेत्र में उनके प्रति जनता के अटूट विश्वास का एक और अध्याय जुड़ गया।

अस्थावां से जदयू के जितेंद्र कुमार की भारी जीत
अस्थावां विधानसभा सीट पर जदयू प्रत्याशी जितेंद्र कुमार ने अपने प्रतिद्वंदी रवि रंजन कुमार (राजद) को 40,708 मतों के अंतर से पराजित किया।
जितेंद्र कुमार को 90,542 वोट, जबकि रवि रंजन कुमार को 49,834 वोट मिले।
यह जीत विकास और सुशासन के प्रति जनता के भरोसे को दर्शाती है।
राजगीर से कौशल किशोर की सबसे बड़ी जीत, जिले में सबसे अधिक मतों से विजय
राजगीर विधानसभा क्षेत्र में जदयू के कौशल किशोर ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की। वह इस बार जिले के सभी उम्मीदवारों में सबसे अधिक मतों के अंतर से विजयी रहे।
उन्होंने भाकपा (माले) के उम्मीदवार विश्वनाथ चौधरी को 55,428 वोटों के बड़े अंतर से हराया।
कौशल किशोर को कुल 1,07,811 वोट, जबकि विश्वनाथ चौधरी को 52,383 वोट मिले।
इस जीत के बाद समर्थकों में भारी उत्साह देखा गया।

इस्लामपुर से रुहैल रंजन की पहली जीत
इस्लामपुर विधानसभा क्षेत्र में जदयू प्रत्याशी रुहैल रंजन ने पहली बार चुनाव जीतकर राजनीति में महत्वपूर्ण प्रवेश किया। उन्होंने राजद के वर्तमान विधायक राकेश कुमार रोशन को 32,239 वोटों के अंतर से पराजित किया।
रुहैल रंजन को 1,00,487 वोट, जबकि राकेश रोशन को 68,248 वोट मिले।
हिलसा से कृष्ण मुरारी शरण की दूसरी जीत
हिलसा विधानसभा सीट पर जदयू के कृष्ण मुरारी शरण उर्फ प्रेम मुखिया ने दूसरी बार जीत दर्ज करते हुए अपने प्रतिद्वंदी अत्रि मुनी उर्फ शक्ति सिंह यादव (राजद) को 16,012 वोटों से हराया।
कृष्ण मुरारी को 96,009 वोट, जबकि शक्ति सिंह यादव को 79,997 वोट मिले।
तृतीय स्थान पर जन सुराज पार्टी—जिले की 6 सीटों पर दिखा प्रभाव
नालंदा जिले में इस चुनाव में एक दिलचस्प पहलू यह रहा कि छह सीटों पर जन सुराज पार्टी तीसरे स्थान पर रही।
केवल बिहारशरीफ सीट पर निर्दलीय मनोज कुमार तांती तीसरे स्थान पर आए।
यह परिणाम दर्शाता है कि जिले में जन सुराज पार्टी ने नए राजनीतिक विकल्प के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
बिहारशरीफ विधायक डॉ. सुनील की सर्वाधिक वोट प्राप्त करने वालों में स्थान
डॉ. सुनील, हरिनारायण सिंह, श्रवण कुमार, रुहैल रंजन और कौशल किशोर — इन पांच नेताओं ने एक लाख से अधिक वोट प्राप्त किए, जो इस चुनाव में उनकी लोकप्रियता और जनता के समर्थन का प्रमाण है।

गिनती केंद्र पर सुरक्षा, व्यवस्था और प्रशासन सतर्क
नालंदा कॉलेज स्थित मतगणना केंद्र पर सुबह से ही भारी सुरक्षा बल तैनात थे।
– तीन-स्तरीय सुरक्षा
– सीसीटीवी निगरानी
– मीडिया और आमजन के लिए अलग व्यवस्था
मतगणना प्रक्रिया शांतिपूर्वक और पारदर्शी रूप से संपन्न हुई।
जिले में एनडीए की पूर्ण विजय का राजनीतिक महत्व
नालंदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कर्मभूमि है, और यहां एनडीए की सातों सीटों पर जीत ने प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण संकेत दिया है।
यह परिणाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मजबूत पकड़ और विकास व सुशासन के मुद्दों पर जनता के समर्थन का परिचायक है।
जिले के दोनों मंत्रियों की जीत तथा दसवीं बार हरिनारायण सिंह की विजय ने एनडीए की स्थिति को और भी मजबूत कर दिया है।






