आर संतोष भारती
नालंदा (अपना नालंदा)। 79वां स्वतंत्रता दिवस अस्थावां प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय मानपुर और बिहारशरीफ के प्राथमिक विद्यालय छोटी पहाड़ी में अनोखे अंदाज़ में मनाया गया। इस अवसर पर बच्चों की प्रतिभा का सम्मान किया गया और विद्यालय के विकास से जुड़ी मांगें भी सामने रखी गईं।
मानपुर विद्यालय का समारोह
प्राथमिक विद्यालय मानपुर में ध्वजारोहण प्रधानाध्यापक सूर्यकांत सिंह कांत ने किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि विद्यालय को आदर्श विद्यालय बनाने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों और समाज के सभी लोगों का सहयोग जरूरी है। बच्चों और शिक्षकों को उत्कृष्ट कार्य हेतु प्रोत्साहित करना ही सच्ची देशभक्ति है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित जनप्रतिनिधि पुरुषोत्तम कुमार (जिप सदस्य अस्थावां पूर्वी), ग्राम पंचायत अमावां के मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, विद्यालय शिक्षा समिति के पदाधिकारी एवं गणमान्य लोगों ने भी अपने विचार रखे। समारोह के उपरांत जनप्रतिनिधियों द्वारा मेधावी छात्रों को सम्मानित किया गया।
इस मौके पर बाल संसद की प्रधानमंत्री सपना कुमारी ने 10 सूत्री मांगपत्र जनप्रतिनिधियों को सौंपा। इसमें विद्यालय भवन की मरम्मत, चहारदीवारी निर्माण, खेल मैदान की व्यवस्था तथा विद्यालय परिसर में अराजक तत्वों की रोकथाम जैसी प्रमुख मांगें शामिल थीं। जनप्रतिनिधियों ने बच्चों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई की जाएगी।
छोटी पहाड़ी विद्यालय का समारोह
वहीं, प्राथमिक विद्यालय छोटी पहाड़ी में भी स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया गया। प्रधानाध्यापक अरविन्द प्रसाद ने ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर बच्चों की प्रतिभा को सम्मानित करने के लिए पुरस्कार वितरण किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व डीडीओ विंदेश्वर पासवान ने विभिन्न प्रतियोगिताओं और श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को सम्मानित किया।
संगीत प्रतियोगिता : शिवानी कुमारी, मुस्कान कुमारी, आयुष कुमार, स्वीटी कुमारी और श्याम कुमार।
पेंटिंग प्रतियोगिता : हिमांशु कुमार, राजनंदनी कुमारी, सूरज कुमार, बलबीर कुमार और स्वीटी कुमारी।
100% उपस्थिति पुरस्कार : हिमांशु (वर्ग 1), अनीशा (वर्ग 2), रंजीत (वर्ग 3), देवराज (वर्ग 4) और सपना (वर्ग 5)।
‘हर घर तिरंगा’ सर्वोत्तम प्रोजेक्ट पुरस्कार : आयुष कुमार (वर्ग 5)।
इन दोनों विद्यालयों में आयोजित कार्यक्रमों ने स्वतंत्रता दिवस को यादगार बना दिया और बच्चों में देशभक्ति के साथ शिक्षा और संस्कृति के प्रति जागरूकता भी बढ़ाई।




