अपना नालंदा संवाददाता
बिहारशरीफ। फुटपाथ संघर्ष मोर्चा एवं अतिपिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में बिहारशरीफ के बारादरी स्थित रॉयल होटल में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता फुटपाथ संघर्ष मोर्चा के जिला महासचिव महेंद्र प्रसाद ने की।
बैठक को संबोधित करते हुए फुटपाथ संघर्ष मोर्चा के जिला अध्यक्ष सह संस्थापक एवं अतिपिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक संघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामदेव चौधरी ने कहा कि फुटपाथ दुकानदारों एवं अतिपिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक समाज की मांगों को हाल ही में हुए जिला सम्मेलन में विस्तार से उठाया गया था। इन मांगों से संबंधित एक ज्ञापन 30 जुलाई 2025 को नालंदा जिलाधिकारी को सौंपा गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि बिहारशरीफ को स्मार्ट सिटी बनाने के बावजूद अब तक एक भी वेंडिंग जोन उपलब्ध नहीं कराया गया है। उल्टे, स्मार्ट सिटी, सुंदरता एवं अतिक्रमण हटाने के नाम पर फुटपाथ दुकानदारों को हटाया जा रहा है। वर्ष 2014 में बने पथ विक्रेता कानून को सरकार अभी तक जमीन पर लागू करने में असफल रही है। चुनाव के दौरान बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन चुनाव समाप्त होते ही उन्हें भुला दिया जाता है।
रामदेव चौधरी ने कहा कि आजादी के 76 साल बाद भी अतिपिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक समाज आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से पीछे है। इनकी आबादी लगभग 80% होने के बावजूद राजनीतिक भागीदारी नगण्य है, क्योंकि राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों पर भरोसा जताने के बाद भी इन्हें ठगा जाता रहा है।
संगठन के जिला महासचिव उमेश पंडित एवं शाहनवाज ने संयुक्त रूप से मांग की कि बिहारशरीफ के फुटपाथ दुकानदारों को वेंडिंग जोन उपलब्ध कराया जाए और संगठन को और मजबूत किया जाए। उन्होंने बिहार में एसआईआर मामले पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले पर पुनर्विचार की भी मांग की, जिसमें निर्वाचन कार्ड और राशन कार्ड को नागरिकता का निर्णायक सबूत न मानने की बात कही गई है।
बैठक में अवधेश कुमार, आनंदी बिंद, शैलेंद्र कुमार, शालिग्राम सिंह, मुन्ना शर्मा, मोहन चौधरी, सतीश कुमार, सत्येंद्र कुमार, अर्जुन महतो, मिथिलेश वर्मा, मोहम्मद आजाद सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे।




