अपना नालंदा संवाददाता
हिलसा। लोकायन नदी से निकलने वाले पानी को एकंगरसराय प्रखंड के राड़ील छिलका होते हुए डोर नदी में पहुंचाने की मांग को लेकर अखिल भारतीय किसान महासभा ने प्रशासन से तत्काल पहल की अपील की है। इस संदर्भ में किसान महासभा के जिला अध्यक्ष मुन्नीलाल यादव, खेग्रामस के जिला अध्यक्ष प्रमोद यादव, मनरेगा के जिला संयोजक रामदास अकेला, तथा पूर्व मुखिया एवं किसान नेता बखोरी प्रसाद के नेतृत्व में एक संयुक्त टीम ने हैदरपुर से भटविगहा और बढ़नपुरा होते हुए राड़ील छिलका तक नहर का स्थल निरीक्षण किया।
निरीक्षण के उपरांत जारी संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि राड़ील छिलका से निकलने वाली यह नहर डोर नदी में जाकर मिलती है, जिससे पूर्व में हिलसा के पूरब क्षेत्र—पुना, कपसियावां, अकबरपुर, अरपा, इंदौत पंचायत तक किसानों को सिंचाई की सुविधा मिलती थी। इसके अतिरिक्त थरथरी प्रखंड के नारायणपुर, थरथरी बाजार, जैतपुर पंचायत तथा नगरनौसा प्रखंड के कछियामा पंचायत तक यह पानी पहुंचता था।
लेकिन अब इस नहर में भारी मात्रा में गाद जमा हो जाने के कारण पानी का बहाव अत्यंत कम हो गया है, जिससे सिंचाई व्यवस्था बाधित हो गई है। नेताओं ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर जल संसाधन विभाग के एसडीओ से मुलाकात की गई और समस्या के समाधान की मांग रखी गई है।
अखिल भारतीय किसान महासभा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग की है कि:
राड़ील छिलका से निकलने वाली नहर को कम से कम 50 मीटर चौड़ा किया जाए।
नहर में जमी गाद की तत्काल सफाई कराई जाए।
किसान नेताओं ने कहा कि एक ओर हर वर्ष हिलसा, एकंगरसराय और करायपरसुराय प्रखंड के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आते हैं, तो दूसरी ओर थरथरी, नगरनौसा और हिलसा के कई गांव सूखे की मार झेलते हैं, जिससे किसान बुरी तरह प्रभावित होते हैं।
नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने इस मांग पर जल्द ध्यान नहीं दिया, तो मजबूरन उन्हें बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार करनी पड़ेगी।







