संजय कुमार
बिहारशरीफ(अपना नालंदा)।नालंदा जिले में दलित समुदाय पर हो रहे अत्याचार, हत्याएं और उत्पीड़न के खिलाफ आज सोमवार को हजारों की संख्या में पासवान समाज के लोगों ने “दलित पासवान न्याय मार्च” का आयोजन किया। यह मार्च देवीसराय मोड़ से आरंभ होकर जिला पदाधिकारी कार्यालय तक पहुँचा, जहां प्रदर्शनकारियों ने बिहार सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और चार सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा।
प्रदर्शन का नेतृत्व अमर आजाद पासवान, विमल पासवान, सुबोध पासवान और रजनीश पासवान सहित कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने किया। अमर आजाद पासवान ने कहा कि नालंदा जिले में लगातार दलितों, विशेष रूप से पासवान समाज के लोगों की हत्याएं हो रही हैं। उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाया कि वह दलित समुदाय को सुरक्षा देने में पूरी तरह विफल साबित हो रहा है।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस प्रकार की घटनाएं नहीं रुकीं तो पासवान समाज को नालंदा से पलायन करने पर मजबूर होना पड़ेगा। विमल पासवान ने कहा कि यदि दलितों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दी गई, तो बिहार सरकार के खिलाफ और बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
सुबोध पासवान एवं रजनीश पासवान ने कहा कि यदि दलितों पर अत्याचार नहीं रुके, तो समुदाय के लोग आत्मरक्षा में कानून अपने हाथ में लेने को विवश हो जाएंगे।
मार्च के समापन पर एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुँचकर मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा।
प्रमुख मांगे:
- कांड संख्या 294/25 (दीपनगर थाना) के सभी आरोपियों को स्पीडी ट्रायल के तहत फांसी की सजा दिलाने की कार्रवाई की जाए।
- पीड़ित हिमांशु कुमार एवं अनु कुमारी के परिजनों को सरकारी नौकरी प्रदान की जाए।
- पीड़ित परिवार को तत्काल सुरक्षा मुहैया कराई जाए।
- नालंदा जिले में अब तक जिन अनुसूचित जाति के लोगों की हत्या हुई है, उनके परिजनों को आर्म्स लाइसेंस जारी किया जाए।
इस न्याय मार्च में प्रेम पासवान, राजो पासवान, सत्येंद्र पासवान, राकेश पासवान, सुंदर पासवान, बालमुकुंद पासवान, राजा राम पासवान, कमलेश पासवान, संजीत पासवान और नरेश पासवान समेत हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए।
प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन को स्पष्ट संदेश दिया कि यदि उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन और अधिक उग्र रूप ले सकता है।