अपना नालंदा संवाददाता
बिहारशरीफ।कभी राजस्व विभाग के लिए संचालन और आवास का प्रमुख केंद्र रही राजगीर की ऐतिहासिक “बड़ी कचहरी” आज उपेक्षा और अतिक्रमण की मार झेल रही है। वर्षों से जर्जर अवस्था में पड़ी इस इमारत के गिर जाने के बाद अब इसकी बहुमूल्य जमीन पर भूमाफियाओं की नजरें गड़ी हुई हैं।
इस जमीन पर अब अवैध कब्जे की कोशिशें तेज हो गई हैं। इस बीच नगर परिषद ने इस जमीन पर बिना राजस्व विभाग से अनुमति लिए एक ‘ओपन जिम’ का निर्माण कर दिया है। यह स्पष्ट रूप से सरकारी नियमों और विभागीय अधिकारों का उल्लंघन है, क्योंकि संबंधित भूमि अब भी राजस्व विभाग के नाम निबंधित है।
पूर्व में इस भवन में राजस्व विभाग के कर्मचारी निवास करते थे और यह राजस्व कार्यों के संचालन का मुख्य केंद्र हुआ करता था। लेकिन वर्षों तक रखरखाव नहीं होने के कारण यह भवन जर्जर हो गया और धीरे-धीरे पूरी तरह ढह गया।
अब जब यह भूमि खाली पड़ी है, तो स्थानीय भूमाफिया इसमें अवैध निर्माण और कब्जे की फिराक में हैं। वहीं नगर परिषद द्वारा बिना किसी वैधानिक प्रक्रिया के ‘ओपन जिम’ का निर्माण करवाना प्रशासनिक समन्वय की कमी और लापरवाही को उजागर करता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की कार्रवाई से न केवल राजस्व विभाग की अमूल्य संपत्ति खतरे में पड़ती है, बल्कि यह सरकारी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और विभागीय समन्वय के अभाव को भी दर्शाती है।
स्थानीय लोगों और जागरूक नागरिकों ने इस मुद्दे पर नाराजगी जताई है और मांग की है कि सरकार तथा जिला प्रशासन इस मामले में शीघ्र हस्तक्षेप करें। राजस्व विभाग को अपनी जमीन पर पुनः नियंत्रण स्थापित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में यह भूमि भूमाफियाओं के हाथ न लग जाए।
यदि समय रहते उचित वैधानिक कार्रवाई नहीं की गई, तो यह न केवल राजस्व विभाग की संपत्ति की क्षति होगी, बल्कि यह अन्य सरकारी जमीनों के लिए भी एक गलत मिसाल बनेगी। सरकार को चाहिए कि ऐसे मामलों में तत्परता दिखाकर सार्वजनिक संसाधनों की रक्षा सुनिश्चित करे।