अपना नालंदा संवाददाता
बिहारशरीफ ।लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत द्वितीय अपीलीय प्राधिकार के रूप में नालंदा के जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने शुक्रवार को कुल 19 मामलों की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान अनेक मामलों का समाधान पूर्व-निष्पादन के रूप में पहले ही संबंधित लोक प्राधिकार द्वारा कर दिया गया था, जबकि अन्य मामलों में जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किए।
जिलाधिकारी ने जिन महत्वपूर्ण मामलों का निष्पादन किया, उनमें अवैध शिक्षक नियुक्ति, खतियान उपलब्धता, भूमि विवाद, जमाबंदी सुधार, अतिक्रमण, दाखिल-खारिज में अनियमितता, सड़क और पईन की समस्या जैसे विषय शामिल थे।
प्रमुख निष्पादित मामलों की संक्षिप्त जानकारी:
धर्मेन्द्र कुमार की शिकायत पर अवैध शिक्षक नियुक्ति और सरकारी राशि के दुरुपयोग के मामले का समाधान किया गया।
रामनाथ सिंह (हिलसा) की खतियान से संबंधित शिकायत और ललन प्रसाद (थरथरी) के भूमि विवाद के मामले का समाधान भी मौके पर किया गया।
मो० ओवैस आलम (हिलसा) की शिकायत पर जमाबंदी में सुधार किया गया।
धानो देवी (गिरियक) की शिकायत पर गलत जमाबंदी की त्रुटि दूर की गई।
अजित कुमार (अस्थावां) के मापी अनुरूप घेराबंदी से संबंधित मामला सुलझाया गया।
विकास आनंद (इस्लामपुर) को दाखिल-खारिज दस्तावेज की नकल उपलब्ध कराई गई।
प्रिया कुमारी की शिकायत पर न्याय मित्र के विरुद्ध कार्रवाई की गई।
उर्मिला देवी (थरथरी) के मामले में, रैयती जमीन की गलत रसीद कटवाने के आरोप में राजस्व कर्मचारी राकेश कुमार पर आर्थिक दंड लगाते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया।
मनोज कुमार (राजगीर) के दाखिल-खारिज मामले में भूमि सुधार उपसमाहर्ता, राजगीर को जांच का निर्देश दिया गया।
वहीं कुछ मामलों में, जैसे कि राजकुमार सिंह (चंडी) एवं विकास कुमार (एकंगरसराय) द्वारा उठाए गए अतिक्रमण के मामलों की अगली सुनवाई तिथि निर्धारित की गई है।
इस अवसर पर जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी समेत विभिन्न संबंधित विभागों के पदाधिकारी उपस्थित थे। जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे लोक शिकायतों का त्वरित और न्यायपूर्ण समाधान सुनिश्चित करें ताकि आमजन को समय पर राहत मिल सके।
यह सुनवाई आम नागरिकों की शिकायतों के निवारण के प्रति प्रशासन की उत्तरदायी और पारदर्शी व्यवस्था को दर्शाता है, जो शासन में लोगों के विश्वास को और भी मजबूत करता है।