गिरियक में निकला ताजिया जुलूस, हिंदू-मुस्लिम एकता की बनी मिसाल

Written by Subhash Rajak

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मुन्ना पासवान
गिरियक (अपना नालंदा)। गिरियक प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में रविवार की संध्या 6 बजे मुहर्रम के अवसर पर ताजिया जुलूस निकाला गया। इस दौरान शहीद-ए-आजम हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत को श्रद्धापूर्वक याद किया गया।

गिरियक निचली बाजार स्थित इमामबाड़ा से ताजिया जुलूस निकाला गया, जो मुख्य बाजार होते हुए आगे बढ़ा। जुलूस के दौरान कुरआन ख्वानी और फातिहा ख्वानी का आयोजन किया गया, जहां श्रद्धालुओं ने कर्बला की शहादत को गहरे भाव से स्मरण किया।

इसी क्रम में बकरा गांव में भी ताजिया जुलूस निकाला गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। जुलूस में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस बल पूरी तरह मुस्तैद रहा।

विशेष बात यह रही कि ताजिया जुलूस में हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग कंधे से कंधा मिलाकर शामिल हुए, जो क्षेत्र में सामाजिक सौहार्द और एकता का उत्कृष्ट उदाहरण बना।

बता दें कि ताजिया जुलूस की परंपरा भारत में 14वीं सदी से चली आ रही है। यह जुलूस कर्बला के शहीदों की याद में निकाला जाता है, जिसमें उनकी पीड़ा, संघर्ष और बलिदान को श्रद्धापूर्वक याद किया जाता है। पूरे देश में मुहर्रम के अवसर पर ताजिया जुलूस बड़े ही श्रद्धा, भक्ति और सामाजिक सद्भाव के साथ निकाला जाता है, जो भारतीय संस्कृति की गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतीक है।

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