नालंदा के मलमा पंचायत में 40 साल बाद बहने लगी विकास की गंगा

Written by Subhash Rajak

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रंजीत कुमार
बिहारशरीफ(अपना नालंदा)। नालंदा जिले के सरमेरा प्रखंड स्थित मलमा पंचायत वह क्षेत्र है, जो करीब 40 वर्षों से विकास का इंतजार कर रहा था। वर्षों की उपेक्षा के बाद अब पंचायत में मुखिया बीना देवी और जिला पार्षद नरोत्तम उर्फ बबलू के संयुक्त प्रयास से विकास कार्यों की शुरुआत हो चुकी है।

मलमा पंचायत के मोती बीघा, छोटी छरियारी, महमदपुर और छोटी मलमा जैसे गांवों में बरसात के समय पानी जमा हो जाता था, जिससे ग्रामीणों का मुख्य बाजार से संपर्क कट जाता था। ग्रामीणों के अनुसार वे कई वर्षों से जनप्रतिनिधियों से समस्या के समाधान की गुहार लगाते रहे, लेकिन अब जाकर उनकी समस्या का समाधान शुरू हुआ है।

मुखिया प्रतिनिधि रंजीत महतो ने बताया कि इस बार ग्रामीणों ने पहली बार बीना देवी को मुखिया चुना, जिन्होंने पंचायत की समस्याओं को गंभीरता से लिया। उन्होंने सरमेरा पश्चिमी जिला पार्षद नरोत्तम उर्फ बबलू से संपर्क कर इस समस्या से अवगत कराया। जिला पार्षद ने तुरंत सहयोग करते हुए 15वीं वित्त आयोग योजना से 6 लाख रुपये की लागत से नहर उड़ाई की अनुशंसा की। वर्तमान में नहर की उड़ाई का कार्य तेजी से चल रहा है, जिससे ग्रामीणों में काफी उत्साह है।

मुखिया प्रतिनिधि ने कहा कि बिहार सरकार की सभी योजनाओं को धरातल पर उतारने का प्रयास किया जा रहा है। पंचायत के हर वार्ड में नाली-गली, पीसीसी सड़कों का निर्माण, जल-नल योजना के तहत हर घर में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति, आईटी सॉल्विंग और नहरों की उड़ाई कराई जा रही है ताकि सभी ग्रामीणों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके।

मुखिया प्रतिनिधि ने यह भी कहा कि उनका लक्ष्य मलमा पंचायत को बिहार का बेहतरीन पंचायत बनाना है और पंचायत में विकास की गंगा बहती रहेगी।

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