अपना नालंदा संवाददाता
करायपरसुराय।लोकाइन नदी का जलस्तर घटने के बावजूद करायपरसुराय प्रखंड के मकरौता पंचायत अंतर्गत कमरथू व बेरमा छिलका गांव के पास शुक्रवार को तटबंध टूट गया, जिससे बाढ़ का पानी नए इलाकों में फैल गया है। इससे करीब पांच हजार की आबादी संकट में आ गई है।
प्रखंड क्षेत्र के मखदुमपुर पंचायत के झारहापर, मेढ़मा, बेरमा, छीतर बिगहा, फतेहपुर, मुसाढ़ी, कमरथू, सदरपुर, रूपसपुर और दीरीपर गांवों के घरों और खेतों में पानी भर गया है, जिससे फसलें नष्ट हो गईं और कई घरों का सामान भी पानी में बह गया।
गुरुवार को उदेरा बैराज से 73 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया था, हालांकि अब नदी का जलस्तर खतरे के निशान से लगभग एक मीटर नीचे आ गया है। लेकिन तटबंध टूटने के कारण नए क्षेत्रों में पानी प्रवेश कर गया है, जिससे लोगों में दहशत का माहौल है।
2 फीट तक जलमग्न हुए कई गांव
कमरथू गांव के पास लोकाइन नदी के उत्तर-पश्चिम दिशा में तटबंध टूटने से खेतों और घरों में लगभग दो फीट पानी भर गया है। इससे आसपास के इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
सामुदायिक भोजनालय का ग्रामीणों ने किया बहिष्कार
प्रखंड प्रशासन द्वारा शनिवार शाम से मकरौता पंचायत में दो स्थानों पर सामुदायिक भोजनालय की व्यवस्था की गई थी। शनिवार को जब पदाधिकारी मुसाढ़ी गांव पहुंचे और भोजनालय शुरू किया, तो बाढ़ पीड़ितों ने आक्रोश में भोजनालय का बहिष्कार कर दिया। ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा कि जब तक तटबंध की मरम्मत नहीं होती, तब तक वे भोजन नहीं करेंगे। अंततः पदाधिकारियों को वापस लौटना पड़ा।
प्रशासन का दावा—मदद के लिए पूरी तरह मुस्तैद

बीडीओ नंदकिशोर ने बताया कि बाढ़ से हुई क्षति का आकलन कृषि विभाग द्वारा सर्वेक्षण के माध्यम से किया जा रहा है।
सीओ मणिकांत कुमार ने कहा कि मकरौता पंचायत के कमरथू, फतेहपुर और मुसाढ़ी गांवों के लगभग 70 से 80 घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। उन्होंने बताया कि लोकाइन नदी के जलस्तर में थोड़ी गिरावट आई है, और प्रशासन हरसंभव राहत पहुंचाने में जुटा हुआ है।
प्रशासन ने लोकाइन नदी के दोनों तटबंधों की मरम्मति का कार्य प्रारंभ करवा दिया है, ताकि आगे और क्षति न हो। राहत और पुनर्वास कार्य को लेकर स्थानीय लोगों की निगरानी और सहयोग की भी अपील की गई